नहीं बनी बात, 18 अगस्त से अनिश्चितकॉलीन हड़ताल में जाएंगे प्रदेश भर के 16 हजार एनएचएम स्वास्थ्य कर्मचारी, आपातकालीन सेवा भी रहेगी बंद

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रायगढ़ जिले के 550 से अधिक स्वास्थ्यकर्मी करेंगे हड़ताल, ठप्प होगी व्यवस्था

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रायगढ़। सरकार के बेरुखी एवं अड़ियल रवैया से परेशान कर्मचारियों ने इस बार आंदोलन को अनिश्चित कालीन करने का निर्णय लिया हैं। जिलाध्यक्ष शकुंतला एक्का ने बताया कि 15 अगस्त को सरकार की ओर से मांगों पर ठोस निर्णय नहीं लिया गया है, जिससे नाराज कर्मचारी 18 अगस्त से प्रदेशभर के 16 हजार से अधिक एनएचएम कर्मचारी अनिश्चितकालीन कार्य बहिष्कार एवं काम बंद,कलमबंद हड़ताल करेंगे। जिसमें जिले के भी 550 से ऊपर कर्मचारी शामिल हो रहे हैं। इस बार संघ ने एसएनसीयू. में विशेष नवजात शिशु देखभाल इकाई सहित आपातकालीन सेवा भी बंद रहेंगी। आपातकालीन सेवाओं को भी पूर्णतः बंद रखने का निर्णय लिया है। इस संबंध में संघ द्वारा शासन को पूर्व में ही सूचना दे दी गई है।

एनएचएम कर्मचारी संघ के बैनर तले इस आंदोलन की जानकारी प्रदेशाध्यक्ष डॉ. अमित कुमार मिरी, प्रदेश महासचिव कौशलेश तिवारी,डॉ रविशंकर दीक्षित, पूरन दास, हेमंत सिन्हा,प्रफुल्ल कुमार, जिलाध्यक्ष शकुंतला एक्का, डॉक्टर योगेश पटेल, वैभव डियोडिया, आनंद मिरि, संतोष बेहरा, राघवेंद्र बोहिदार, पवन प्रधान, रामसेवक साहू, अजय महीलांगे, जन्मजय सिदार, डॉक्टर कामिनी गुप्ता, नितेश यादव, अनिता यादव, नीलांबर वारे, डॉक्टर खीर सागर पटेल, उमेश जोल्हे, रीना गुप्ता, रोशनी लकरा ने संयुक्त रूप से दी ।

एनएचएम कर्मचारियों की प्रमुख मांगे

संविलियन/स्थायीकरण, पब्लिक हेल्थ कैडर की स्थापना, ग्रेड-पे का निर्धारण,कार्य मूल्यांकन व्यवस्था में पारदर्शिता, लंबित 27 प्रतिशत वेतन वृद्धि, नियमित भर्ती में सीटों का आरक्षण, अनुकम्पा नियुक्ति, मेडिकल एवं अन्य अवकाश की सुविधा, स्थानांतरण नीति, न्यूनतम 10 लाख कैशलेश चिकित्सा बीमा, 20 वर्षों की सेवा, फिर भी उपेक्षा, एनएचएम कर्मचारी विगत 20 वर्षों से प्रदेश के सुदूर अंचलों से लेकर प्रमुख शासकीय संस्थानों में स्वास्थ्य सेवा की रीढ़ बने हुए हैं। कोविड-19 महामारी जैसे संकट में भी इनकी भूमिका अतुलनीय रही है।इसके बावजूद, आज भी उन्हें मूलभूत सुविधाओं से वंचित रखा गया है, जबकि अन्य राज्यों में इसी मिशन के कर्मचारियों को बेहतर सुविधाएं/लाभ प्राप्त हैं।

 

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