Raipur News : भाजपा प्रदेश प्रवक्ता विधायक रंजना साहू (Ranjana Sahu) ने मुख्यमंत्री भूपेश बघेल पर निशाना साधते हुए कहा है कि ‘लड़की हूँ लड़ सकती हूँ’ का नारा देने वाली कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा छत्तीसगढ़ आ रही हैं तो यहां आकर उन्हें भूपेश बघेल से लड़ना चाहिए, क्योंकि छत्तीसगढ़ की महिलाओं के साथ आये दिन दुष्कर्म हो रहे हैं।
क्योंकि शिक्षक दिवस के दिन एक शिक्षिका की अस्मिता लूट ली जाती है। क्योंकि रक्षाबंधन जैसे पवित्र त्यौहार के दिन 2 बहनों के साथ बलात्कार जैसा जघन्य अपराध हुआ। क्योंकि छात्रावास में नाबालिग छात्राएं सुरक्षित नहीं। क्योंकि वनांचल क्षेत्र बेलगहना में जंगल गयी एक ग्रामीण महिला के साथ दुष्कर्म होता है। साढ़े चार साल में छत्तीसगढ़ की 5000 से अधिक बेटियों से दुष्कर्म हो जाता है और भूपेश बघेल हाथ पर हाथ धरे बैठे रहते हैं।
भाजपा प्रदेश प्रवक्ता रंजना साहू (Ranjana Sahu) ने कहा कि प्रियंका गांधी अपनी पार्टी के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल को आदेश दें कि 5 साल के बकाया सहित विधवा, निराश्रित महिलाओं को 1500 रुपये मासिक की दर से पेंशन का ब्याज सहित तत्काल भुगतान करें। जब तेलंगाना में कांग्रेस अपने घोषणा पत्र में महिलाओं को 25 सौ महीना देने का वादा कर सकती है, जब वहां 500 रुपये में सिलेंडर देने का वादा कर सकती है तो छत्तीसगढ़ में जन घोषणा पत्र में वादे के बावजूद बेसहारा, परित्यक्ता, विधवा महिलाओं को 1500 मासिक पेंशन और सिलेंडर क्यों नहीं दे रहे हैं।
रंजना साहू (Ranjana Sahu) ने कहा कि प्रियंका आप छत्तीसगढ़ आती हैं तो गुलाब की पंखुड़ियों पर चलती हैं लेकिन आपके भूपेश बघेल यहां की बहन बेटियों की उम्मीदों को कुचल रहे हैं। छत्तीसगढ़ की बुजुर्ग माताओं से लेकर अबोध बेटियों तक के साथ रेप, गैंगरेप और हत्या की वारदातें थमने का नाम नहीं ले रहीं। कांग्रेस के लोग दरिंदगी के आरोपी बनकर सामने आ रहे हैं। महिलाएं न सड़क पर सुरक्षित हैं और न घर पर। महिलाओं को घर में घुसकर काट पौल दिया जाता है और किशोरियों के बाल पकड़कर खींचते हुए सड़क पर घसीटा जाता है।
छत्तीसगढ़ की बेटियों के साथ हो रहे बलात्कार आपकी धृतराष्ट्र सरकार के मंत्रियों की नजर में छोटे बलात्कार दिखते हैं। ऐसा इसलिए कि बड़ा बलात्कार तो वह ही हो सकता है, जिसका ढिंढोरा पीटने राहुल प्रियंका पहुंचें। अब छत्तीसगढ़ की बेटियों के साथ भूपेश बघेल के राज में जो हो रहा है, उसके खिलाफ कुछ कहने की उम्मीद तो प्रियंका से करना व्यर्थ है लेकिन उनकी खामोशी इस राज्य की महिलाओं के प्रति कांग्रेस की लड़ाकू लड़की का भेद खोलने के लिए पर्याप्त है।
छत्तीसगढ़ की महतारियाँ, बहनें और बेटियां देख रही हैं कि भाजपा की मोदी सरकार 30 साल से अधर में अटके महिला आरक्षण को साकार करने जा रही है और दूसरी तरफ महिला उत्पीड़न के नाम पर भाजपा शासित राज्यों में ढोंग करने वाली प्रियंका गांधी को छत्तीसगढ़ की महिलाओं की अस्मिता से कोई सरोकार नहीं है।