Chhattisgarh News : छत्तीसगढ़ शासन द्वारा महिलाओं विशेष कर वीरता, शौर्य, साहस तथा महिलाओं में आत्मबल को सशक्त करने के क्षेत्र में उत्कृष्ट कार्य करने के योगदान को प्रोत्साहित करने की दृष्टि से वीरांगना रानी अवंतीबाई लोधी स्मृति पुरस्कार (Rani Avantibai Award) देने का निर्णय लिया है।
वीरांगना रानी अवंतीबाई लोधी स्मृति पुरस्कार (Rani Avantibai Award) अंतर्गत चयनित महिला को राज्य शासन द्वारा पुरस्कार के रूप में 2 लाख रुपये एवं प्रतीक चिन्ह से युक्त पट्टिका प्रशस्ति पत्र दिया जाएगा।
सम्मान से संबंधित विस्तृत दिशा निर्देश एवं फार्म का प्रारूप प्रदेश के सभी जिले के जिला कार्यालय जिला कार्यक्रम अधिकारी महिला एवं बाल विकास विभाग में प्राप्त कर 10 अक्टूबर 2024 तक उक्त कार्यालय में जमा कर सकते हैं।
कौन है रानी अवन्तीबाई (Rani Avantibai)
रानी अवंती बाई मध्यप्रदेश रामगढ़ की रानी थीं। 1857 की क्रांति में ब्रिटिश शासन के खिलाफ साहस भरे अंदाज़ से लड़ने के लिए उन्हें याद किया जाता है। उन्होंने अपनी मातृभूमि पर ही देश की आज़ादी के लिए अपने प्राणों का बलिदान दिया था।
1857 की क्रांति में रामगढ़ की रानी अवंतीबाई रेवांचल में मुक्ति आंदोलन की सूत्रधार थी, जिसने भारत के इतिहास में एक नई क्रांति लाई। वीरांगना रानी अवंतीबाई का स्वतन्त्रता की आजादी में उतना ही योगदान रहा था जितना कि 1857 में झांसी की रानी लक्ष्मी बाई का था।
अवंतीबाई रामगढ़ के राजा विक्रमादित्य की रानी थी। राजा बचपन से ही वीतरागी प्रवृत्ति के थे अत: राज्य संचालन का काम उनकी पत्नी रानी अवंतीबाई ही करती रहीं। अंग्रेजों ने 1857 तक भारत के अनेक भागों में अपने पैर जमा लिए थे जिनको उखाड़ने के लिए रानी अवंतीबाई ने क्रांति की शुरुआत की।
और भारत में पहली महिला क्रांतिकारी रामगढ़ की रानी अवंतीबाई ने अंग्रेजों के विरुद्ध ऐतिहासिक निर्णायक युद्ध किया जो भारत की आजादी में बहुत बड़ा योगदान है जिससे रामगढ़ की रानी अवंतीबाई उनका नाम पूरे भारत मैं अमरशहीद वीरांगना रानी अवंतीबाई के नाम से हैं।
20 मार्च सन 1858 ई को युद्ध में अपने -आपको चारों तरफ़ से अंग्रेज सेना से घिरा हुआ देख खुद को तलवार से जख्मी कर देश के लिए बलिदान दिया था। शहीदी देते वक्त अवंतीबाई ने जीते जी दुश्मन के हाथ से अंग न छुए जाने की प्रतिज्ञा ली थी।
कांग्रेस सरकार ने किया था ऐलान
छत्तीसगढ़ की पूर्ववर्ती कांग्रेस सरकार ने वीरता, शौर्य, साहस तथा महिलाओं में आत्मबल को सशक्त करने के क्षेत्र में उत्कृष्ट कार्य करने के योगदान को प्रोत्साहित करने के उद्देश्य से तात्कालीन मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने छत्तीसगढ़ में वीरांगना रानी अवंतीबाई लोधी स्मृति पुरस्कार (Rani Avantibai Award) देने का निर्णय लिया था। इस पुरस्कार के तहत महिलाओं को 2 लाख रुपये की सहयोग राशि दी जाती है।