Balrampur News : छत्तीसगढ़ के बलरामपुर-रामानुजगंज जिले में एक आदिवासी परिवार ने अपनी पैतृक भूमि का किसान किताब बनवाने के एवज में हल्का पटवारी खेलवंती सोनवानी द्वारा 10 हजार रु मांगने (Patwari Demanding Farmer) की शिकायत कलेक्टर से की है। जिस पर कलेक्टर ने मामले की जांच के बाद कार्यवाही की बात कही है।
दरअसल पूरा मामला जिला मुख्यालय से लगे हुए टांगर महरी गांव का है। जहां पर शिकायतकर्ता अमर जो कि आदिवासी परिवार से आते हैं और मजदूरी करके अपना जीवन यापन करते है जिनकी गांव में ही पैतृक भूमि है और उन्होंने कलेक्टर के पास लिखित शिकायत देते हुए आरोप (Patwari Demanding Farmer) लगाया है कि उनकी पुस्तैनी जमीन का राजस्व रिकार्ड दुरुस्त करवाने और अपनी भूमि का किसान किताब बनबाने लिए तहसीलदार न्यायालय में जमीन के कागजात पेश किए गए थे।
इसके बाद हल्का पटवारी खेलवंती सोनवानी द्वारा आवेदक को किसान किताब देने के लिए पहले तो चक्कर लगवाए गए और उसके बाद पटवारी द्वारा किसान किताब देने के एवज में 10 हजार रुपये (Patwari Demanding Farmer) की मांग की गई और आवेदक ने पटवारी को उनके निवास कार्यायल में 4000 रु दिए गए फिर भी आवेदक को किसान किताब नहीं दी गई।
जब आवेदक ने अपनी जमीन का ऑनलाइन दस्तावेज निकाला तो उसमें रेवेन्यू विभाग के कुछ कर्मचारियों और पटवारी द्वारा दस्तावेज में छेड़छाड़ करते हुए गांव के ही एक व्यक्ति के नाम जमीन के खाते में जोड़ दिया गया है जो कि जमीन का मालिकाना हक भी नही रखता है।
इसकी शिकायत लेकर अमर और उसकी पत्नी कलेक्टर के पास पहुंचे थे और मामले जांच के बाद दोषियों पर कार्यवाही करने की मांग की है। वही पूरे मामले में कलेक्टर ने जांच प्रतिवेदन के आधार पर उचित कार्यवाही की बात कही है।