Modern Farming : तकनीक, सहयोग और मेहनत से बदली खेती की तस्वीर, सब्जी उत्पादन में आत्मनिर्भरता की मिसाल बने सतीश

By admin
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Modern Farming

Horticulture News : आधुनिक और वैज्ञानिक खेती की दिशा में छत्तीसगढ़ तेज़ी से आगे बढ़ रहा है। मशीनीकरण, ड्रिप सिंचाई, मल्चिंग, सटीक खेती, जैविक खाद और उन्नत किस्म के बीजों का उपयोग करके किसान नई संभावनाएँ गढ़ रहे हैं। केंद्र और राज्य सरकार द्वारा किसानों की आय बढ़ाने और ग्रामीण अर्थव्यवस्था (Modern Farming ) को सशक्त करने के लिए लगातार योजनाएँ लागू की जा रही हैं। इन्हीं प्रयासों के बीच कोण्डागांव जिले के केशकाल विकासखंड के ग्राम बहीगांव निवासी सतीश पाठक ने आधुनिक उद्यानिकी खेती अपनाकर एक नई मिसाल कायम की है। उनकी मेहनत, समझदारी और तकनीक के प्रति खुला नजरिया बताता है कि सही दिशा में की गई पहल खेती को लाभकारी व्यवसाय में बदल सकती है।

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सतीश पाठक पहले पारंपरिक खेती करते थे। खेती पर निर्भरता तो थी, लेकिन निश्चित लाभ नहीं मिलता था। शिक्षा हाई स्कूल तक थी, पर सीखने की ललक और अवसर पहचानने की क्षमता ने उनकी जिंदगी बदल दी। सब्जी उत्पादन की संभावनाएँ देखकर उन्होंने उद्यानिकी विभाग से संपर्क किया और राष्ट्रीय बागवानी मिशन के अंतर्गत तकनीकी मार्गदर्शन प्राप्त किया। विभाग की प्रेरणा पर पाठक ने अपनी जमीन पर आधुनिक उद्यानिकी (Modern Farming) तकनीकें अपनाईं—ड्रिप सिंचाई, मल्चिंग और उन्नत बीज चयन। परिणाम चौंकाने वाले रहे।

पहले 2.275 हेक्टेयर में पारंपरिक खेती से मात्र 100 क्विंटल उत्पादन होता था। पर आधुनिक तकनीक अपनाने के बाद अब उत्पादन बढ़कर 180 क्विंटल तक पहुँच गया। लागत में कमी, मिट्टी की नमी संरक्षण, समय पर सिंचाई और रोग-कीट नियंत्रण की वजह से न सिर्फ उपज बढ़ी, बल्कि उत्पाद की गुणवत्ता (Modern Farming) भी सुधरी। इससे प्रतिवर्ष लगभग 4 लाख 35 हजार रुपये शुद्ध लाभ होने लगा। यह उपलब्धि बताती है कि वैज्ञानिक खेती किसान की आय तेजी से बढ़ा सकती है।

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सतीश पाठक अब अपनी कुल 5 एकड़ भूमि में टमाटर, बरबट्टी, खीरा और करेला जैसी सब्जियों का बड़े पैमाने पर उत्पादन कर रहे हैं। फसल चक्र और बाजार मांग को ध्यान में रखकर खेती की योजना बनाते हैं। उनके खेत अब तकनीक आधारित सब्जी उत्पादन (Modern Farming) का मॉडल बन गए हैं। उनका कहना है कि खेती में सफलता अचानक नहीं मिलती, इसके लिए मेहनत, धैर्य और सीखने की इच्छा जरूरी है।

आसपास के किसान पाठक के खेत से प्रेरणा लेकर उद्यानिकी और सब्जी (Modern Farming) उत्पादन की ओर आकर्षित हो रहे हैं। अब वे अन्य किसानों के खेतों में जाकर फसल प्रबंधन, उन्नत बीज चयन, सिंचाई तकनीक और जैविक खाद के उपयोग पर मार्गदर्शन भी देते हैं। इससे किसानों के बीच नई खेती संस्कृति विकसित हो रही है—जिसमें तकनीक, प्रशिक्षण और नवाचार प्रमुख भूमिका निभा रहे हैं।

सरकार का उद्देश्य है कि खेती घाटे का नहीं, लाभ का व्यवसाय बने। किसानों को योजनाओं, अनुदान, प्रशिक्षण और आधुनिक संसाधनों से जोड़कर आत्मनिर्भर बनाया जाए। सतीश पाठक की कहानी इसी सोच का सशक्त उदाहरण है—जहां परंपरागत खेती की सीमाओं से आगे बढ़कर उद्यानिकी खेती (Modern Farming) ने कम लागत में ज्यादा लाभ देकर जीवन बदल दिया।

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