Chhattisgarh News : छत्तीसगढ़ में पर्याप्त संसाधन हैं और इसके प्रभावी उपयोग (Mantri OP Choudhary ) के लिए कुशल मानवसंसाधन भी है। राज्य योजना आयोग इनके उपयोग के माध्यम से छत्तीसगढ़ में तेज और संतुलित विकास के लिए प्रभावी योजनाएं तैयार कर रहा है। एसडीजी प्रोग्रेस के माध्यम से जिलों में विकास के लिए निर्धारित लक्ष्यों के बारे में सतत समीक्षा की जा रही है।
इसकी समीक्षा करते हुए प्रभावी योजनाओं तथा इनके क्रियान्वयन के माध्यम से हम छत्तीसगढ़ को अग्रणी राज्य बनाएंगे। यह बात राज्य योजना आयोग के अध्यक्ष एवं मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने राज्य योजना आयोग के कार्यों की समीक्षा के लिए की गई बैठक तथा एसडीजी(सतत विकास लक्ष्य) डिस्ट्रिक्ट प्रोग्रेस रिपोर्ट 2022 के विमोचन के अवसर पर कही। रिपोर्ट में धमतरी, बालोद और रायपुर जिले अग्रणी रहे। मुख्यमंत्री ने इन्हें बधाई दी।
मुख्यमंत्री ने इस अवसर पर कहा कि छत्तीसगढ़ वन संपदा और खनिज से भरपूर राज्य है। वनोपजों का वैल्यू एडिशन करना है। खनिज संसाधनों के माध्यम से रोजगार के अधिकतम मौके पैदा करना है। सरगुजा और बस्तर जैसे क्षेत्रों के विकास के लिए विशेष प्रयास करने हैं।
वनोपजों में वैल्यू एडीशन किये जाने से इनके संग्राहकों के लिए आय के बेहतर अवसर पैदा होते हैं। मत्स्यपालन जैसे क्षेत्रों में अधिक कार्य किये जाने की आवश्यकता है ताकि कृषि के साथ इस तरह की गतिविधियों में भी जोड़कर किसानों की आय बढ़ाई जा सके।
इस अवसर पर योजना, आर्थिक एवं सांख्यिकी तथा वित्त मंत्री ओपी चौधरी (Mantri OP Choudhary ) ने कहा कि सतत विकास लक्ष्यों की प्राप्ति हेतु राज्य योजना आयोग द्वारा शोध एवं अध्ययन कार्य तथा नवाचार को प्रोत्साहन देने जैसा कार्य किया गया है। आयोग द्वारा तैयार की गई प्रोग्रेस रिपोर्ट इस संबंध में वर्षवार गोल आधारित एवं जिला आधारित विश्लेषण करती है। श्री चौधरी ने कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी द्वारा दी गई गारंटी का इन लक्ष्यों से प्रत्यक्ष संबंध है। सभी विभागों को प्रगति की नियमित समीक्षा करनी चाहिए ताकि लक्ष्यों को प्राप्त किया जा सके
उन्होंने प्रधानमंत्री जी की वर्ष 2047 तक विकसित भारत की परिकल्पना तथा देश की अर्थव्यवस्था को 5 ट्रिलियन डालर तक पहुंचाने की परिकल्पना को साकार करने में छत्तीसगढ़ राज्य का रोडमैप तैयार करने की बात कही। श्री चौधरी ने राज्य के राजस्व को बढ़ाने के उपाय, विभिन्न केन्द्रीय योजनाओं में अधिकाधिक राशि प्राप्ति, विभिन्न स्त्रोतो से वित्त पोषण की संभावना हेतु विचार मंथन साथ ही जिलो में प्रतिस्पर्धा को बढ़ावा देने एसडीजी में अच्छा प्रदर्शन करने वाले जिलो को पुरस्कार दिये जाने का भी सुझाव दिया।
आयोग के उपाध्यक्ष श्री अजय सिंह ने बताया कि संयुक्त राष्ट्र संघ द्वारा सतत विकास के लिए जो 17 लक्ष्य निर्धारित किये गये हैं। उन्हें प्राप्त करने के लिए राज्य प्रतिबद्ध है। इसके माध्यम से जिलों की प्रगति के डाटा को एसडीजी डैशबोर्ड के माध्यम से देखा जा सकता है तथा तुलनात्मक प्रगति से अवगत होकर सुधारात्मक कार्यवाही की जा सकती है।
बैठक में राज्य योजना आयोग के सदस्य डॉ. के. सुब्रमणियम, मुख्यमंत्री के सचिव पी. दयानंद, योजना आर्थिक एवं सांख्यिकी विभाग के सचिव अंकित आनंद, राज्य योजना आयोग के संयुक्त संचालक डॉ. नीतू गौरडिया, यूनिसेफ के बाल परितोष दास एवं राज्य योजना आयोग के अधिकारीगण उपस्थित रहे।
फ्रंट रनर श्रेणी में 10 से बढ़कर 18 जिले – वर्ष 2021 की स्थिति में 10 जिले – फ्रंट रनर (धमतरी, राजनांदगांव, बालोद, महासमुंद, दुर्ग, बिलासपुर, गरियाबंद, रायपुर, बेमेतरा व सरगुजा) तथा शेष जिले- परफोर्मर श्रेणी प्राप्त किये थे। जिला धमतरी ने सर्वाधिक अंक 72 प्राप्त कर प्रथम रैंक हासिल की थी। वर्ष 2022 की स्थिति में 18 जिले – फ्रंट रनर (धमतरी, बालोद, रायपुर, दुर्ग, बिलासपुर, राजनांदगांव, कांकेर, रायगढ़, महासमुंद, मुंगेली, गरियाबंद, बेमेतरा, सरगुजा, कोरिया, कबीरधाम, कोरबा, सूरजपुर एवं बलौदा बाजार) तथा शेष जिले- परफार्मर श्रेणी प्राप्त किये हैं। फिर से जिला धमतरी 77 अंक प्राप्त कर प्रथम रैंक हासिल की है।