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Khallari Vidhan Sabha : इस विधानसभा की जनता परिवर्तन पर रखती है विश्वास, किसी एक नेता के जमने नहीं दिए पैर

Khallari Assembly Elections News : साल 2023 के अंत में छत्तीसगढ़ में विधानसभा चुनाव होने वाले है। चुनाव में लगभग दो महीने ही बाकी है। चुनाव से पहले हम आपको छत्तीसगढ़ राज्य के साथ साथ वहां की हर विधानसभा सीट की चुनावी नब्ज टटोलते हुए वहां के सियासी गणित बता रहे। इसी कड़ी में आज आपको महासमुंद जिले की खल्लारी विधानसभा (Khallari Vidhan Sabha) के बारे में अवगत करा रहे हैं। खल्लारी विधानसभा पर वर्तमान में कांग्रेस का कब्जा है। यहां द्वारिका यादव विधायक हैं।

2018 चुनाव में उन्होंने प्रचंड मतों से चुनाव जीता था। बीजेपी की मोनिका पाल साहू को करीब 57 हजार वोटों से हराया था। इस बार बीजेपी ने अपना प्रत्याशी बदला है। 2023 विधानसभा चुनाव के लिए भाजपा ने अल्का चंद्राकर को अपना उम्मीदवार घोषित किया है। खल्लारी विधानसभा की एक खास बात यह है कि यहां की जनता परिवर्तन पर विश्वास रखती है।

यहां की जनता (Khallari Vidhan Sabha) ने किसी एक नेता के पैर यहां जमने नहीं दिए है। किसी एक दल के नेता का दबदबा लंबे समय से यहां नहीं होने दिया गया है। एक दिलचस्प किस्सा भी यहां देखने को मिलता है। आदिवासी बाहुल्य इलाके होने के बाद भी यहां से कोई आदिवासी नेता विधायक नहीं बना है। सियासी इतिहास की बात की जाए तो जनता का मूड़ यहां बदलता रहा है।

खल्लारी में ऐसा है जातिगत समीकरण : खल्लारी विस (Khallari Vidhan Sabha) में जाति समीकरण की बात की जाए तो इलाके में 34 फीसदीअनुसूचित जनजाति, 10 फीसदी एससी, 50 फीसदी ओबीसी, 4 फीसदी सामान्य वोटर्स है। बीजेपी ने अलका चंद्राकर को टिकट दिया है। ऐसा इसलिए क्योंकि इस सीट पर महिला वोटर्स की संख्या ज्यादा है। साथ ही साथ ओबीसी वोट 50 फीसदी ज्यादा है। इसलिए बीजेपी को लग रहा है कि कहीं ना कहीं इस बार वो अपने फ ॉर्मूले पर कामयाब होगी। बात करें अलका चंद्राकर की तो वो दूसरी बार जिला पंचायत सदस्य के तौर पर निर्वाचित हुई हैं।अलका वर्तमान में प्रदेश बीजेपी महिला विंग की उपाध्यक्ष भी हैं। उनके पति गैस एजेंसी चलाते हैं।

खल्लारी विस के मुद्दे और समस्याएं : खल्लारी (Khallari Vidhan Sabha)में शिक्षा के लिए स्कूलों की कमी है, जहां स्कूल है वहां टीचर नहीं है। यहीं हाल स्वास्थ्य सुविधाओं का है। चिकित्सालय में डॉक्टर नहीं है। किसानों को सिंचाई के लिए पानी की कमी है। जनता पेयजल के परेशान है। रोजगार परक शिक्षा की कमी के चलते शिक्षित युवा बेरोजगार घूम रहा है। आस्था का धाम मां खिल्लारी कई समस्याओं से एक साथ जूझ रहा है। सड़कों की हालत इतनी जर्जर है कि बारिश में चलना मुश्किल हो जाता है। गर्मी के दिनों में भूजल स्तर नीचे चला जाता है जिससे ग्रामीण क्षेत्रों में पानी की समस्या पैदा होती है। रेल यातायात की कोई सुविधा नहीं है। सड़क मार्ग में सीधी बस सेवा नहीं होने से शाम होते ही आने जाने में दिक्कत होती है।

दोबारा मौका मिल सकता है द्वारिकाधीश को : ऐसी उम्मीद जताई जा रही है कि एक बार फिर कांग्रेस द्वारिकाधीश पर भरोसा जता सकती है। क्योंकि पिछले चुनाव में द्वारिकाधीश ने बड़े अंतर से बीजेपी की उम्मीदवार को शिकस्त दी थी। 2020 में संसदीय सचिव भी बनाया गया. स्कूल, शिक्षा, आदिमजाति विकास पिछड़ा वर्ग एवं अल्पसंख्यक विकास से संबंधित कामों को करवाने की जिम्मेदारी द्वारिकाधीश ने निभाई है। कांग्रेस के शासन काल में खल्लारी में कई विकास कार्य भी हुए हैं जिसमें व्यवहार न्यायालय, कोमाखान में कॉलेज, स्वामी आत्मानंद इंग्लिश मीडियम स्कूल, नए बैंक की स्थापना और किसानों के लिए कई सुविधाएं मिली हैं। यदि इस सीट से द्वारिकाधीश को दोबारा टिकट मिलता है तो कांग्रेस को हराने के लिए बीजेपी को कड़ी मेहनत करनी होगी।

पिछले चार चुनाव के परिणाम
2018 विस
द्वारिकाधीश यादव कांग्रेस 96108
मोनिका पाल साहू बीजेपी 39130

2013 विधानसभा चुनाव
चुन्नी लाल साहू बीजेपी 58652
परेश बगबहरा कांग्रेस 52653

2008 विधानसभा चुनाव
परेश बगबहरा कांग्रेस 66074
प्रीतम सिंह दीवान बीजेपी 43569

2003 विधानसभा चुनाव
प्रीतम सिंह दीवान बीजेपी 33701
भेकराम साहू कांग्रेस 28076

मतदाताओं पर एक नजर
कुल मतदाता
1,99,185
पुरूष मतदाता
98,558
महिला मतदाता
1,00,619

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