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Keshkal Vidhansabha : आदिवासियों के लिए यह सीट आरक्षित, ओबीसी वर्ग किंगमेकर की भूमिका!

Chhattisgarh Assembly Election 2023 : बस्तर संभाग की 12 विधानसभा सीटों में एक सीट कोंडागांव जिले की केशकाल विधानसभा (Keshkal Vidhansabha) सीट है, जो उत्तर बस्तर इलाके में है। यह सीट आदिवासियों के लिए आरक्षित है। केशकाल को बीजेपी का गढ़ कहा जाता है, लेकिन पिछले चुनाव में कांग्रेस संतराम नेताम ने इस सीट पर 16 हजार वोटों के अंतर से बीजेपी के प्रत्याशी को हराया था।

केशकाल विधानसभा (Keshkal Vidhansabha) में पिछले चार चुनाव में बीजेपी और कांग्रेस के बीच ही टक्कर होते आ रही है। तीसरी पार्टी के तौर पर कोई भी राजनीतिक दल यहां बीजेपी और कांग्रेस को नुकसान नहीं पहुंचा पाई है। हालांकि निर्दलीय प्रत्याशियों ने जरूर बीजेपी और कांग्रेस के वोट काटे हैं, लेकिन पिछले दो चुनावों में कांग्रेस के प्रत्याशी ही इस विधानसभा सीट से चुनाव जीतते आ रहे हैं।

पिछले तीन विधानसभा (Keshkal Vidhansabha) चुनाव की बात की जाए तो 2008 में इस सीट पर बीजेपी के प्रत्याशी ने जीत दर्ज की थी। इसके बाद 2013 और 2018 में कांग्रेस के प्रत्याशी ने ही इस सीट पर विजय हासिल की है। छत्तीसगढ़ गठन के बाद दो बार बीजेपी और दो बार कांग्रेस इस सीट से जीत हासिल कर चुकी है। 2023 के विधानसभा चुनाव में देखना होगा कि इस सीट में किस प्रत्याशी की जीत होती है।

ओबीसी वर्ग किंगमेकर की भूमिका : केशकाल विधानसभा सीट (Keshkal Vidhansabha) अनुसूचित जनजाति वर्ग के लिए आरक्षित है। यहां करीब 60 फीसदी आबादी अनुसूचित जनजाति वर्ग की है। वहीं साहू, देवांगन, कलार, यादव और सामान्य वर्ग के लोग भी यहां हैं। इनकी आबादी लगभग 40 फीसदी है। इस विधानसभा क्षेत्र में प्रत्याशियों का फ ोकस ओबीसी वर्ग पर होता है।

मतदाताओं पर एक नजर

कुल मतदाता

1,98,003

पुरुष मतदाता 96,658

महिला मतदाता

1,01,345

थर्ड जेंडर मतदाता

03

केशकाल के मुद्दे और समस्याएं : केशकाल विधानसभा (Keshkal Vidhansabha) सीट अविभाजित मध्यप्रदेश के समय से ही अस्तित्व में रही है। हालांकि आज भी ये क्षेत्र मूलभूत समस्याओं से वंचित है। बीते तीन-चार दशकों से ये क्षेत्र नक्सलवाद का दंश झेल रहा है। यहां सड़क, पानी, बिजली के लिए लोग तरस रहे हैं। इस विधानसभा सीट की सबसे बड़ी समस्या ब्लॉक मुख्यालय केशकाल में बन रहा बाईपास है। ये काम बीते कई सालों से लंबित है। रायपुर से जगदलपुर को जोडऩे वाली एनएच 30 बस्तर की लाइफ लाइन कही जाती है।

परेशानी का सबब बनी हुई है : इस लाइफ लाइन में केशकाल के 10 घुमावदार मोड़ वाली घाटी है, जो परेशानी का सबब बनी हुई है। आए दिन यहां जाम लगने से लोग परेशान रहते हैं, जिसका हल निकाल पाने में सरकार नाकाम रही है। इसी घाटी में पंचवटी को भी दर्शनीय स्थल के तौर पर विकसित किया गया था, जो अब उपेक्षित पड़ा है। इस विधानसभा क्षेत्र में 10 से भी ज्यादा वाटरफॉल है। इन वाटरफॉल  को पर्यटन स्थलों में विकसित करने की जरूरत है। हालांकि इसके लिए कोई योजना अब तक तैयार नहीं की गई हैद्ध इस क्षेत्र में नल-जल विस्तार को लेकर जल जीवन मिशन योजना का काम ठेकेदारों और अधिकारियों की लापरवाही से ठप पड़ा है।

पिछले चार चुनाव के परिणाम

2018 विस चुनाव

संतराम नेताम कांग्रेस 73,470

हरिशंकर नेताम बीजेपी 56,498

2013 विस चुनाव

संतराम नेताम कांग्रेस 53,867

सेवकराम नेताम बीजेपी 45,178

2008 विस चुनाव

सेवक राम नेताम बीजेपी 46,006

धन्नू मरकाम कांग्रेस 37,392

2003 विस चुनाव

महेश बघेल बीजेपी 44477

फूलो देवी कांग्रेस 33195

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