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Tattapani : छत्तीसगढ़ में मां सीता के हाथों से यहां गिरा गर्म तेल…..अब निकलता है गर्म पानी…चर्मरोगी करते हैं स्नान

Tattapani Balrampur : छत्तीसगढ़ का भगवान राम से काफी करीब का नाता है। माता कौशल्या खुद छत्तीसगढ़ की राजकुमारी थी, वहीं प्रभु श्री राम ने भी अपने वनवास के दौरान काफी वक्त छत्तीसगढ़ में गुजारा। आज भी छत्तीसगढ़ में पौराणिक, धार्मिक व ऐतिहासिक मान्यताओं के आधार कई ऐसे स्थान मिल जाएंगे, जिन्हें भगवान राम से जोड़कर देखा जाता है। ऐसे ही एक जगह है तातापानी…(Tattapani) !

तातापानी (Tattapani) बलरामपुर जिला मुख्यालय से लगभग 12 किलोमीटर दूर स्थित है। यहां जमीन के अंदर से पानी तो निकल रहा है, लेकिन गर्म। स्थानीय भाषा में ताता का मतलब गर्म होता है। तातापानी में एक कुंड के जमीन के अंदर से गर्म पानी निकलता है। इसलिए इस जगह का नाम तातापानी पड़ा। इसी खासियत की वजह से तातापानी देशभर में प्रसिद्ध है। जिसे देखने छत्तीसगढ़ के अलावा अन्य राज्यों से भी लोग बलरामपुर पहुंचते हैं। यहां भगवान शिव की एक बहुत बड़ी प्रतिमा है और प्रतिमा के नीचे भगवान शंकर जी का मंदिर है।

मान्यता है कि भगवान श्रीराम अपने वनवास काल के दौरान यहां खेल-खेल में माता सीता की ओर एक पत्थर फेंका जो माता सीता के हाथ में रखे गर्म तेल के कटोरे से जा टकराया और गर्म तेल छलक कर धरती पर गिरा। जहां-जहां तेल की बूंदे पड़ीं वहां से गर्म पानी धरती से फुटकर निकलने लगा। इसलिए लोग यहां की धरती को पवित्र मानते हैं।

तातापानी (Tattapani) में धरती से निकलने वाले जल स्त्रोत को लेकर यह भी मान्यता है कि यहां के गर्म पानी से स्नान करने से शरीर के सभी त्वचा संबंधित रोग खत्म हो जाते हैं। इसलिए लोग यहां पहुंचते हैं और कुंड से निकलते गर्म पानी से नहाते हैं। यहां कुंड व झरनों में धरातल से बारह माह गरम पानी प्रवाह करता रहता है।

लगभग 400 साल पुरानी मूर्ति स्थापित : यहां भगवान शिव की 80 फ ीट की प्रतिमा का निर्माण कराया गया है। द्वादश ज्योतिर्लिंग भी शिव भगवान की प्रतिमा के नीचे प्रतीक स्वरूप बनाए गए हैं जो यहां पहुंचने वाले लोगों के लिए आकर्षण का केंद्र रहते हैं। भगवान शिव जी के मंदिर में लगभग 400 साल पुरानी मूर्ति स्थापित है। इससे न सिर्फ यहां साल भर श्रद्धालुओं का आना जाना लगा रहता है, बल्कि हर वर्ष मकर संक्रांति पर लाखों की संख्या में पर्यटक यहां आते हैं। इस दौरान यहां विशाल मेला आयोजित किया जाता है जिसमें पर्यटक झूलों, मीना बजार व अन्य दुकानों का मजा लेते हैं।

2012 के बाद मेला लिया महोत्सव का स्वरूप : बलरामपुर-रामानुजगंज जिला गठन के बाद तात्कालिक मुख्यमंत्री डॉ रमन सिंह, संस्कृति मंत्री बृजमोहन अग्रवाल द्वारा मेला को महोत्सव का स्वरूप दिलाने का कार्य किया गया। अब छत्तीसगढ़ में भाजपा की सरकार गठन के बाद तातापानी के विकास को और गति मिलने की उम्मीद है जिस प्रकार से मुख्यमंत्री डॉ विष्णु देव साय द्वारा मकर संक्रांति के दिन इसे पर्यटन स्थल के रूप में विकसित करने की घोषणा की गई है।

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