JanSamarth Loan Process : खेती के लिए चाहिए पैसा? सरकार 3 लाख तक का दे रही लोन, जानें कैसे मिलेगा

Farmar Loan Scheme India : भारत सरकार ने किसानों को खेती के लिए आसान कर्ज देने की योजना शुरू की है। (JanSamarth Portal) के माध्यम से 3 लाख तक के लोन पर ब्याज नहीं लगेगा, यदि समय पर किश्तें चुकाई जाएं। आवेदन प्रक्रिया पूरी तरह ऑनलाइन है।

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JanSamarth Loan Process
Highlights
  • खेती, सिंचाई, मशीनरी, क्लीनिक और ट्रेड सेंटर के लिए सस्ता लोन
  • ₹3 लाख तक के ऋण पर समय पर चुकौती पर शून्य ब्याज
  • आवेदन पूरी तरह डिजिटल — (JanSamarth Portal) से सीधे अप्रूवल लेटर मिलेगा

Farmar Loan Scheme India : देश व छत्तीसगढ़ के किसानों (JanSamarth Loan Process) को अब खेती-बाड़ी, सिंचाई, कटाई और कृषि मशीनों की खरीद के लिए लाखों रुपये का कर्ज दिया जाएगा, वो भी बेहद आसान शर्तों और कम ब्याज दर पर। केंद्र सरकार ने किसानों की आर्थिक ज़रूरतों को ध्यान में रखते हुए यह योजना शुरू की है ताकि वे अपनी कृषि गतिविधियों को बेहतर ढंग से चला सकें।

इस योजना की सबसे बड़ी खासियत यह है कि (Kisan Digital Loan) के तहत 3 लाख तक के कर्ज पर कोई ब्याज नहीं लिया जाएगा — यदि किसान समय पर किश्तें अदा करते हैं। इससे छोटे और सीमांत किसानों को बहुत राहत मिलेगी, जो सामान्यतः प्राइवेट या महंगे ब्याज दर वाले कर्ज के बोझ तले दबे रहते हैं।

JanSamarth Loan Process कैसे करें आवेदन

किसान इस योजना का लाभ (JanSamarth Portal) से ले सकते हैं। आवेदन की प्रक्रिया पूरी तरह डिजिटल है और मोबाइल से भी की जा सकती है। किसान को पोर्टल खोलकर “Apply Now” पर क्लिक करना होगा, फिर मोबाइल नंबर से रजिस्टर कर लॉगिन करें। इसके बाद फंड और बैंक का चयन कर सभी जरूरी जानकारियां भरनी होंगी। OTP के जरिए आधार वेरिफिकेशन अनिवार्य है। पैन नहीं होने की स्थिति में फॉर्म 60 पोर्टल द्वारा ऑटो जेनरेट हो जाएगा।

JanSamarth Loan Process जरूरी दस्तावेज

आधार और व्यक्तिगत विवरण

फसल/कमोडिटी से जुड़ी जानकारी

बैंक अकाउंट नंबर और IFSC कोड

गारंटर डिटेल्स (यदि हों)

फाइनेंशियल और क्रेडिट हिस्ट्री

(JanSamarth Loan Process) खुद चुन सकते हैं बैंक और शाखा

पोर्टल पर सभी प्रमुख बैंकों के लोन प्रोडक्ट दिखते हैं। किसान अपनी सुविधा अनुसार बैंक और शाखा चुन सकते हैं। डिजिटल वेरिफिकेशन के बाद किसान को डिजिटल अप्रूवल लेटर मिल जाएगा, जिसके आधार पर संबंधित बैंक द्वारा लोन जारी कर दिया जाएगा। इससे किसान को बार-बार दफ्तरों के चक्कर नहीं लगाने पड़ेंगे और समय पर फाइनेंशियल सपोर्ट मिल सकेगा।

 

 

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