Oil Palm Plantation Scheme : दुर्ग जिले में उद्यानिकी फसलों की खेती (Horticulture Crops Farming) किसानों के लिए आय का मजबूत जरिया बनती जा रही है। जिले के बड़ी संख्या में कृषक अब पारंपरिक खेती से आगे बढ़ते हुए फल, सब्जी, पुष्प और ऑयल पॉम जैसी लाभकारी फसलों की ओर रुख कर रहे हैं। केन्द्र एवं राज्य सरकार की विभिन्न योजनाओं के अंतर्गत मिलने वाले अनुदान और तकनीकी मार्गदर्शन से किसान बेहतर पैदावार लेकर आर्थिक रूप से सशक्त हो रहे हैं।
ऑयल पॉम पौधरोपण की ओर बढ़ा किसानों का रुझान
नेशनल मिशन ऑन एडिबल ऑयल पॉम योजना (Horticulture Crops Farming) के अंतर्गत वर्ष 2025-26 में लक्ष्य के विरुद्ध जिले में 95.04 हेक्टेयर क्षेत्र में 47 कृषकों के प्रक्षेत्रों में ऑयल पॉम पौधरोपण का कार्य पूर्ण किया गया है। वहीं पिछले वर्ष 74.61 हेक्टेयर क्षेत्र में 37 कृषकों द्वारा ऑयल पॉम रोपण किया गया था। योजना के सकारात्मक परिणामों को देखते हुए अब अन्य किसान भी इस खेती की ओर आकर्षित हो रहे हैं।
दुर्ग जिले के धमधा विकासखंड के ग्राम टेमरी के कृषक योगेश साहू विभागीय अनुदान से आठ एकड़ क्षेत्र में ऑयल पॉम की खेती (Horticulture Crops Farming) कर रहे हैं। वे प्रत्येक डेढ़ से दो माह में फसल कटाई कर ऑयल पॉम एफएफबी का उत्पादन कर रहे हैं, जिससे उन्हें हर कटाई सीजन में लगभग डेढ़ से दो लाख रुपये की आय हो रही है। उनकी सफलता से प्रभावित होकर जिले के अन्य किसान भी ऑयल पॉम पौधरोपण की ओर आगे आ रहे हैं।
फल-सब्जी और पुष्प खेती से बढ़ रही आय
एकीकृत बागवानी विकास मिशन योजना के अंतर्गत जिले में 152 हेक्टेयर क्षेत्र में केला, पपीता एवं ड्रैगन फ्रूट की खेती (Horticulture Crops Farming) का विस्तार किया गया है, जिससे 99 कृषक लाभान्वित हो रहे हैं। इसी प्रकार 64 हेक्टेयर क्षेत्र में टमाटर, बैंगन और प्याज जैसी सब्जी फसलों का विस्तार कर 58 किसानों को लाभ मिला है।
पुष्प क्षेत्र विस्तार योजना के तहत जिले के 71 कृषक 50 हेक्टेयर क्षेत्र में गेंदा पुष्प की खेती कर अच्छी पैदावार ले रहे हैं। ग्राम मलपुरीकला के कृषक अरुण कुमार ने दो हेक्टेयर क्षेत्र में गेंदा पुष्प की खेती कर अच्छी आमदनी अर्जित की है। योजना के अंतर्गत उन्हें 20 हजार रुपये की अनुदान राशि भी प्राप्त हुई है।
(Horticulture Crops Farming) ग्राफ्टेड बैंगन से किसानों को बड़ा फायदा
राष्ट्रीय कृषि विकास योजना (Horticulture Crops Farming) के अंतर्गत चयनित 46 कृषक ग्राफ्टेड बैंगन एवं टमाटर की खेती कर बेहतर उत्पादन और आय प्राप्त कर रहे हैं। ग्राम टेमरी के कृषक हितेश टॉक ने उद्यानिकी विभाग के मार्गदर्शन से नौ एकड़ क्षेत्र में ग्राफ्टेड बैंगन की खेती कर प्रति एकड़ लगभग 40 टन उत्पादन प्राप्त किया है। इससे उन्हें कुल 48 लाख रुपये तक की आमदनी हुई है, जो जिले के किसानों के लिए एक बड़ी प्रेरणा बन गई है।
फलदार पौधरोपण से बढ़ रही हरियाली
उद्यानिकी विभाग द्वारा संचालित राज्य पोषिक समन्वित योजना (Horticulture Crops Farming) के अंतर्गत किसान अपनी खाली भूमि में नींबू, अमरूद, कटहल, आम, आंवला जैसे फलदार पौधों का रोपण कर रहे हैं। इससे न केवल अतिरिक्त आय का साधन तैयार हो रहा है, बल्कि जिले में हरियाली और पोषण सुरक्षा को भी बढ़ावा मिल रहा है। उद्यानिकी फसलों की यह बढ़ती लोकप्रियता यह दर्शाती है कि सही योजना, तकनीकी मार्गदर्शन और अनुदान के सहारे किसान कम लागत में अधिक लाभ की दिशा में सफलतापूर्वक आगे बढ़ रहे हैं।


