Chhattisgarh News : अपने दल से बिछड़ा एक हाथी (Elephant) इन दिनों जमकर उपद्रव मचा रहा है। हाथी के इस उपद्रव से किसानों को भारी आर्थिक क्षति हो रही है। दरअसल, रबी सीजन में लगाए गए धान की फसलों को हाथी तहस-नहस कर रहा है। दल से बिछड़ने के कारण काफी खतरनाक हो चुका है। सिर्फ फसलों को ही नुकसान नहीं पहुंचा रहा, बल्कि इंसानों की जान भी ले रहा है। हाथी के इस उपद्रव की वजह से छत्तीसगढ़ के तीन जिलों के लोग परेशान हैं।
छत्तीसगढ़ के धमतरी जिले में स्थित उदंती सीतानदी अभ्यारण्य में 35 से 40 की संख्या में हाथियों (Elephant) का दल विचरण कर रहा है। इसी दल में से एक हाथी बिछड़ गया है। जो इन दिनों गरियाबंद, महासमुंद और धमतरी क्षेत्र में घूम रहा है और जमकर उत्पाद मचाने में लगा हुआ है।
ये तीनों जिले सटे हुए हैं। हाथियों का दल कभी इस जिले में तो कभी उस जिले में पहुंच जाते हैं। जंगल में खान-पान व पानी की कमी होने के कारण हाथियों का दल गांवों की ओर भी पहुंच जाता है। बताया जा रहा है कि धमतरी से निकल कर गरियाबंद जिले की सीमा को पार कर कुछ दिनों पहले महासमुंद पहुंचा था।
वहीं रविवार की देर रात फिर वापस महासमुन्द जिले की बघनीह नदी पार कर हाथी गरियाबंद पहुंच गया। वन विभाग को इसकी भनक लगते ही जिले के 20 से अधिक गांवों में अलर्ट जारी किया गया है। ये हाथी धमतरी जिले में एक महिला की जान ले चुका है। वहीं खेतों में पहुंच कर धान की फसलों को तबाह करने में लगा हुआ है।
वन विभाग द्वारा गरियाबंद जिले के बम्हनदेही, नाचनबाय, गुण्डरदेही, तरजुंगा, बनंगवा, करपी, लोहझ, सोरिदखुर्द, नागझर, सरकंडा बोरिद, खुड़सा, सिलयारी, बाहरा, गनियारी, फुलझर आदि गांवों में अलर्ट जारी किया गया है। वन विभाग ने ग्रामीणों को जंगल की ओर न जाने की अपील की है। वहीं विभाग द्वारा हाथी (Elephant) को लगातार ट्रेक किया जा रहा है।
बता दें कि गरियाबंद, धमतरी, महासमुंद जिले में धान की बंपर फसल की पैदावार होती है। धान हाथियों का प्रिय भोजन है इसके अलावा हाथियों को महुआ भी काफी ज्यादा पसंद है। इसलिए यह क्षेत्र धीरे-धीरे हाथियों के लिए अनुकूल होते जा रहा है। क्षेत्रों में नदी नाले और तालाब भी काफी संख्या में पाए जाते हैं जिसके चलते हाथी अब इन क्षेत्रों के अनुकूल होने लगे हैं और इन्हीं क्षेत्रों में विचरण करते रहते हैं।