Chhattisgarh Youth Education : देश के युवाओं को उच्च शिक्षा (Education Contact Center) से जोड़ने और उन्हें कॉलेज की चौखट तक पहुंचाने की दिशा में केंद्र सरकार अब एक व्यापक और निर्णायक अभियान की शुरुआत करने जा रही है। यह अभियान उन लाखों छात्रों को ध्यान में रखकर तैयार किया गया है जो घरेलू परिस्थितियों, संसाधनों की कमी या सही मार्गदर्शन के अभाव में 12वीं के बाद उच्च शिक्षा की ओर कदम नहीं बढ़ा पाते।
इस विशेष अभियान के तहत, सरकार न केवल स्कूलों से निकलने वाले युवाओं को कॉलेज शिक्षा से जोड़ने की पहल करेगी, बल्कि उनके सामाजिक और आर्थिक परिदृश्य को ध्यान में रखते हुए उन्हें ऑनलाइन, ओपन और दूरस्थ शिक्षा के विकल्पों से भी जोड़ा जाएगा। अभियान का सबसे मजबूत आधार देशभर में स्थापित किए जाने वाले 10,000 ग्रामीण संपर्क केंद्र होंगे, जो छात्रों के लिए मार्गदर्शन, पंजीकरण और छात्रवृत्ति जैसी कई सेवाएं एक ही स्थान पर उपलब्ध कराएंगे।
सरकार का इन 10 राज्यों पर फोकस (Education Contact Center)
शिक्षा मंत्रालय की ओर से यह पहल राष्ट्रीय शिक्षा नीति (एनईपी) के लक्ष्यों के अनुरूप है, जिसके तहत वर्ष 2035 तक भारत का सकल नामांकन अनुपात (GER) बढ़ाकर 50 प्रतिशत करने का लक्ष्य रखा गया है। फिलहाल यह आंकड़ा लगभग 29 प्रतिशत है। इस दिशा में जो राज्य सर्वाधिक पीछे हैं, उन्हें विशेष प्राथमिकता दी जा रही है। इनमें छत्तीसगढ़, ओडिशा, झारखंड, नगालैंड, गुजरात, बिहार, उत्तर प्रदेश, पश्चिम बंगाल, त्रिपुरा और जम्मू-कश्मीर जैसे राज्य शामिल हैं, जहां का वर्तमान GER मात्र 16 से 26 प्रतिशत के बीच है।
उच्च शिक्षा तक नहीं पहुंच पाते ग्रामीण (Education Contact Center)
इस अभियान में ग्रामीण क्षेत्रों पर विशेष ध्यान केंद्रित किया गया है। आंकड़े बताते हैं कि स्कूल पास करने के बाद बड़ी संख्या में विद्यार्थी, विशेषकर ग्रामीण क्षेत्रों के, उच्च शिक्षा तक नहीं पहुंच पाते। इसका कारण जानकारी की कमी, आर्थिक सीमाएं, और उचित गाइडेंस का न होना है। यही कारण है कि सरकार ने अब जिला और ब्लॉक स्तर पर ऐसे ग्रामीण संपर्क केंद्र खोलने की योजना बनाई है जो विद्यार्थियों की रुचि, योग्यता और संसाधनों के अनुसार उन्हें उपयुक्त कोर्स और कॉलेज से जोड़ सकें।
शिक्षा संपर्क केंद्र से मिलेगी ये सहायता (Education Contact Center)
इन केंद्रों (Education Contact Center) का कार्य केवल कोर्स दिलवाना नहीं होगा, बल्कि वे छात्रवृत्ति, एडमिशन प्रक्रिया, ऑनलाइन आवेदन, और डिजिटल प्लेटफॉर्म्स पर नामांकन की हर छोटी-बड़ी प्रक्रिया में छात्रों की सहायता करेंगे। साथ ही, यह भी सुनिश्चित किया जाएगा कि छात्रों को उनके चयनित विषय में अध्ययन के लिए सभी जरूरी जानकारी और दस्तावेजों की तैयारी में सहायता मिले। यह पहल भारत में शिक्षा की समावेशिता और समानता को बढ़ावा देने में मील का पत्थर साबित हो सकती है। इससे ग्रामीण क्षेत्रों के छात्र न केवल कॉलेज तक पहुंचेंगे, बल्कि वे अपनी रुचि और क्षमता के अनुरूप करियर की दिशा भी तय कर सकेंगे।