Pradhan Mantri Fasal Bima Yojana : प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना (Pradhan Mantri Fasal Bima Yojana 2025) में किसानों को नाममात्र का क्लेम मिलने की शिकायतों पर केंद्र सरकार सख्त हो गई है। कृषि मंत्रालय ने स्पष्ट किया है कि अब राज्यों और बीमा कंपनियों (Crop Insurance Scheme 2025) दोनों की जवाबदेही तय की जाएगी।
केंद्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान (Union Agriculture Minister Shivraj Singh Chouhan) ने सोमवार को दिल्ली में उच्चस्तरीय बैठक बुलाई और बीमा कंपनियों को तलब करते हुए गहन फील्ड जांच (Field Verification of Crop Loss) के आदेश दिए।
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1 और 5 क्लेम वाले मामलों से नाराज हुए कृषि मंत्री
बैठक में प्रस्तुत आंकड़ों से खुलासा हुआ कि मध्य प्रदेश और महाराष्ट्र के किसानों को एक, तीन या पांच रुपये तक के क्लेम मिले हैं। सीहोर जिले के किसान कैलाश मीणा को नुकसान के बाद केवल 1 का क्लेम दिया गया, जबकि रमेश पटेल को 0.004806% नुकसान दिखाकर 1 का भुगतान (Crop Insurance Scheme 2025) किया गया। इसी तरह, महाराष्ट्र के अकोला के किसान नामदेव चौधरी को 5 और गजानन पाटिल को 21 का क्लेम मिला, जबकि उन्होंने 800 से अधिक प्रीमियम जमा किया था।
कृषि मंत्री ने इन उदाहरणों को बैठक में पढ़कर अफसरों से पूछा – “क्या यही वैज्ञानिक क्षति आकलन (Crop Insurance Scheme 2025) की पद्धति है? उन्होंने रिमोट सेंसिंग आधारित मूल्यांकन प्रणाली की विश्वसनीयता पर भी सवाल उठाया और कहा कि इसकी वैज्ञानिक जांच कराई जाएगी।
अब तय होगी जवाबदेही, कंपनियों व राज्यों दोनों की
कृषि मंत्रालय ने साफ किया है कि प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना (PMFBY 2025) किसानों के लिए आपदा सुरक्षा कवच (Disaster Protection Cover) है, न कि औपचारिकता। अब कंपनियों के प्रतिनिधियों को सर्वे के समय मौके पर मौजूद रहना होगा और क्लेम का भुगतान एकमुश्त और समय पर ((Crop Insurance Scheme 2025)) किया जाएगा।
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देर से सब्सिडी देने वाले राज्यों पर ब्याज वसूला जाएगा
केंद्र ने सभी राज्यों को निर्देश दिया है कि वे अपने हिस्से की सब्सिडी राशि (State Premium Subsidy) समय पर जारी करें। यदि कोई राज्य देरी करता है तो उससे 12% ब्याज वसूला जाएगा। कई राज्यों में केंद्र का हिस्सा जमा होने के बावजूद राज्य सरकारों की देरी के कारण किसानों को क्लेम भुगतान (Crop Insurance Scheme 2025) नहीं मिल पा रहा था। सरकार का मकसद है कि किसानों को क्लेम का हर रुपया सही समय पर मिले और कोई कंपनी या राज्य उनकी मेहनत का हक न रोक (Crop Insurance Scheme 2025) सके। कृषि मंत्री ने कहा “फसल बीमा किसानों के भरोसे का विषय है, इसे मज़ाक नहीं बनने देंगे।”

			






		
		
		
		