Friday, November 8, 2024
HomeराजनीतिCongress Cheating Electricity Consumers : प्रदेश सरकार बिजली उपभोक्ताओं के साथ धोखाधड़ी...

Congress Cheating Electricity Consumers : प्रदेश सरकार बिजली उपभोक्ताओं के साथ धोखाधड़ी कर रही : भाजपा

Chhattisgarh News : भारतीय जनता पार्टी के वरिष्ठ नेता व पूर्व मंत्री प्रेमप्रकाश पांडेय ने बिजली दर नहीं बढ़ाए जाने की घोषणा के बावजूद लगातार बिजली दर में की गई बढ़ोतरी को लेकर प्रदेश सरकार पर जमकर प्रहार किया और कहा कि प्रदेश सरकार ने बिजली उपभोक्ताओं (Congress Cheating Electricity Consumers) के साथ ठगी की है।

सीएसपीडीसीएल ने एक आदेश निकालकर आयोग से कहा है कि 15.25 फीसदी की बिलिंग की जा रही है जो सभी वर्गों के लिए लागू होगी। इसमें से 14.3 प्रतिशत बढ़ा हुआ बिजली बिल (Congress Cheating Electricity Consumers) में जुलाई पेड अगस्त से जोड़ा जाए और 1.02 प्रतिशत को कैरी फारवर्ड करते हुए आगे ले जाया जाए।

श्री पांडेय ने कहा कि चूँकि वर्तमान घाटे की भरपाई कांग्रेस सरकार द्वारा नहीं की गई है, इसलिए वर्तमान 15.25% की वृद्धि के अलावा अगले साल भी टैरिफ लगभग 20 प्रतिशत बढ़ना तय है। इतनी तेजी से बढ़ रहे टैरिफ से उद्योगों के बीच अभी से खलबली मची हुई है और बाजार की प्रतिस्पर्धा से बाहर हो जाने का डर सताने लगा है।

बुधवार को राजधानी के एकात्म परिसर स्थित भाजपा कार्यालय में पत्रकार वार्ता में पूर्व मंत्री श्री पांडेय ने आरोप लगाया कि अप्रैल में मुख्यमंत्री बघेल ने बिजली दर नहीं बढ़ाने की बात कही थी, लेकिन अप्रैल की बिजली मई महीने में 5.33 प्रतिशत, मई की बिजली जून में 10.88 प्रतिशत और जून की बिजली जुलाई में 15.25 प्रतिशत महंगी हो गई।

इसके चलते घरेलू, गैर घरेलू, किसान और उद्योग सभी वर्गों के उपभोक्ता खुद को असहाय पा रहे हैं। बिजली दर नहीं बढ़ाने का मुख्यमंत्री बघेल का दावा तीन माह में ही हवा हो गया। श्री पांडेय ने कहा कि सरकार सामने बिजली दर नहीं बढ़ाने का दावा करती है लेकिन पिछले दरवाजे से वह बिजली बढ़ाती जाती है।

इसमें की जा रही आँकड़ों की (Congress Cheating Electricity Consumers) बाजीगरी का खुलासा करते हुए श्री पांडेय ने बताया कि सबसे पहले तो यह बताया जाता है कि जिस बिजली दर पर हम बिजली खरीद रहे हैं, वह कम होती है, जबकि सरकार वह बिजली अधिक दर पर खरीदती है। इसमें जो अंतर की रासि होती है, उसको हर महीने समायोजित करती है। दूसरी बाजीगरी यह करते हैं कि प्राप्त रेवेन्यू को ज्यादा बताते हैं जबकि घाटा ज्यादा हुआ रहता है और उसको छिपाया जाता है। तीसरी बाजीगरी यह की जाती है कि पिछले घाटे की भरपाई की जाकर उसे आगे बढ़ा दिया जाता है।