Chhattisgarh News : अगले दो महीनों के दौरान किसी भी तरह से मछली का शिकार या उसका परिवहन करते हुए कोई पकड़ा गया तो उसे जेल की हवा खाना पड़ेगी। किसी तरह इससे बच भी गए तो जुर्माने की वसूली होना तय है। छत्तीसगढ़ (CG News ) के रायगढ़, सूरजपुर, कोरिया समेत अन्य जिलों के कलेक्टरों ने कल 16 जून से लेकर आगामी 15 अगस्त तक के लिए ये प्रतिबंध लगाया है।
रायगढ़ (CG News ) जिले के नदियों-नालों, छोटी नदियों और उनकी सहायक नदियों जिन पर सिंचाई के लिए तालाब या जलाशय (बड़े या छोटे)निर्मित किये गये हैं, ऐसे सभी जलाशयों में 16 जून से 15 अगस्त 2023 तक मत्स्याखेट पर पूर्णत: प्रतिबंध रहेगा। इस अवधि में मत्स्याखेट करने पर छत्तीसगढ़ राज्य मत्स्य क्षेत्र संशोधन अधिनियम के अन्तर्गत अपराध सिद्ध होने पर एक वर्ष का कारावास या 10 हजार रूपये जुर्माना अथवा दोनों एक साथ होने का प्रावधान है।
सहायक संचालक मछली पालन से प्राप्त जानकारी के अनुसार वर्षा ऋतु में मछलियों की वंशवृद्धि(प्रजनन) को दृष्टिगत रखते हुए उन्हे संरक्षण देने के लिए राज्य में छत्तीसगढ़ नदीय मत्स्योद्योग अधिनियम की धारा के तहत 16 जून 2023 से 15 अगस्त 2023 तक बंद ऋतु (क्लोज सीजन) के रूप में घोषित किया गया है। इस अवधि में मत्स्याखेट पूर्णत: निषिद्ध रहेगा। यह नियम केवल छोटे तालाब या जल स्त्रोत, जिनका कोई संबंध किसी नदी से नाले से नहीं है के अतिरिक्त जलाशयों में किये जा रहे केज कल्चर में लागू नहीं होंगे।
कोरिया (CG News ) मछली पालन विभाग के सहायक संचालक ने बताया कि विगत वर्ष की भांति वर्ष 2023-24 में भी दिनांक 16 जून से 15 अगस्त 2023 तक मत्स्याखेट प्रतिबंधित रहेगा। वर्षा ऋतु में मछलियों की वंश वृद्धि को दृष्टिगत रखते हुए उन्हें संरक्षण देने हेतु राज्य में उन सभी तालाबों एवं जल स्त्रोतों में जिनका संबंध नदी नालों से नहीं है के अतिरिक्त जलाशयों में किये जा रहे केज कल्चर सभी प्रकार के जल संसाधनों में मत्स्याखेट कार्य पूर्णतः निषिद्ध रहेगा। उन्होंने बताया कि नियमों का उल्लंघन करने पर छत्तीसगढ़ राज्य मत्स्य क्षेत्र अधिनियम के नियम-3(5) के अंतर्गत अपराध सिद्ध होने पर एक वर्ष का कारावास अथवा दस हजार रूपये का जुर्माना अथवा दोनो एक साथ होने का प्रावधान किया गया है।
जानिए, क्यों लगाया गया प्रतिबंध : मत्स्य विभाग के अधिकारी बताते हैं कि बारिश का सीजन मछलियों की वंश वृद्धि (प्रजनन) का सबसे ज्यादा बेहतर समय होता है। इस दौरान उन्हें संरक्षण देने की जरूरत होती है। इसे देखते हुए सभी प्रकार के जल संसाधनों और नदियों व जलाशयों में छत्तीसगढ़ राज्य मत्स्य क्षेत्र अधिनियम के नियम-3(5) के अंतर्गत मछलियों के शिकार और परिवहन पर प्रभावी रोक लगाई गई है। इस कानून का उल्लंघन करने वाले व्यक्ति के खिलाफ कार्रवाई का प्रावधान है।
1 साल जेल से लेकर 10 हजार तक जुर्माना : 16 जून से 15 अगस्त के बीच मछली का शिकार करने, बेचने या कहीं लाने ले जाने का मामला सामने आने पर दोषी व्यक्ति को एक साल तक जेल की हवा खाना पड़ेगी, या 10 हजार रुपए तक का जुर्माना चुकाना होगा। दो माह की प्रतिबंध अवधि में विभाग की निगाहें भी मछली बेचने के कारोबार से जुड़े छोटे बड़े तमाम लोगों पर ज्यादा चौकस हो जाती हैं।