रायपुर। गुरुवार को भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष अरुण साव ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस ली। उन्होंने बुधवार को भाजपा के विधानसभा घेराव के वक्त प्रशासनिक कार्रवाई को लेकर नाराजगी जताई। साव ने कहा- जिस तरह से आंसू गैस के गोले छोड़े, लाठी बरसाई ये नादिर शाह और तुगलक की हरकत की याद दिलाता है। जिस तरह से भीड़ में बम फेंके गए वो जलियांवाला बाग की घटना को याद दिलाने वाला है। श्री साव ने कहा गरीबों के मकान छीनने वाली कांग्रेस सरकार ने तमाम असंवैधानिक तरीके अपनाए, जगह-जगह जनता का रास्ता रोकने के लिए बड़े-बड़े प्रबंध किए, लेकिन जनता का शोषण करने वाली इस कांग्रेस सरकार के सारे प्रबंध जनता ने ध्वस्त कर दिए। यह जनता अब अपना अधिकार मांगने सड़कों पर आ चुकी है और अब कांग्रेस को विदा करके ही चैन की सांस लेगी। उन्होंने कहा प्रधानमंत्री आवास के हितग्राहियों द्वारा किया। यह प्रदर्शन कांग्रेस की विदाई का शंखनाद है। भाजपा प्रदेश के प्रधानमंत्री आवास हितग्राहियों को यह विश्वास दिलाती है, कि कल जिस प्रकार आप अपने अधिकार के लिए इस झूठी सरकार के सामने सीना तान कर खड़े रहे। आपको आपका अधिकार दिलाते तक भाजपा आपके साथ खड़ी रहेगी। उन्होंने यह भी कहा की भाजपा आपको वचन देती है कि 2023 में भाजपा की सरकार बनते ही मुख्यमंत्री जी शपथ लेने के बाद अपने आवास बाद में जाएंगे। पहले आपको प्रधानमंत्री आवास देने के दस्तावेज पर हस्ताक्षर करेंगे।
टारगेट किलिंग का लगाया आरोप : बीजेपी प्रदेशाध्यक्ष ने कहा कि कांग्रेस सरकार भाजपा कार्यकर्ताओं से इतना भयभीत हो गई है कि बस्तर क्षेत्र में टारगेट किलिंग करवा रही है, धर्मांतरण का विरोध करने पर झूठे मामले बनाकर जेल में डाल रही है। भाजपा कार्यकर्ताओं पर राजनीतिक मामले होने के बावजूद जिला बदर की कार्रवाई कर रही है। कल के आंदोलन में पुलिस द्वारा आंसू गैस के नाम पर जो विस्फोटक बम फेंके गए उसमें भारतीय जनता पार्टी के बेमेतरा जिले के केशव साहू नाम का कार्यकर्ता बुरी तरह झुलस गया है और अस्पताल में इलाज करवा रहा है। सरकार को चेतावनी जारी करते हुए कहा कि कि भारतीय जनता पार्टी के कार्यकर्ता इन कायरता पूर्ण हरकतों से डरने वाले नहीं हैं। और भाजपा अपने कार्यकर्ताओं के पीछे ढाल बनकर खड़ी है।
अफसर याद रखें, हमारी उन पर नजर है : हम शासन के अधिकारियों को, कड़ी चेतावनी देते हैं कि वे सत्ता के इशारे पर भाजपा कार्यकर्ताओं पर अत्याचार करना बंद करें। क्योंकि यह साफ दिखाई देता है कि कौन निष्पक्ष और कौन-कौन अधिकारी पक्षपातपूर्ण ढंग से कार्यवाही कर रहा है। अधिकारी समझ ले कि सत्ता आती है जाती है उन्हें निष्पक्ष होकर कार्य करना चाहिए।