Chhattisgarh News : विष्णु के सुशासन में चली विकास की बयार…छत्तीसगढ़ में आई खुशियां अपार…ये स्लोगन राज्य के सिंहासन पर सत्तासीन विष्णुदेव साय सरकार की है, जो आपको टीवी, अखबार, न्यूज पोर्टल और विभिन्न इंटरनेट मीडिया प्लेटफार्म एक्स (पूर्व में टि्वटर) ,फेसबुक, इंस्टाग्राम और तमाम जगहों पर देखने, सुनने और पढ़ने को मिल रहा होगा, मगर सुशासन और विकास की बयार कहां बह रही है तो ये तो सरकार और भाजपा के लोग ही बता पाएंगे, पर विष्णुदेव सरकार में खुलेआम वसूली चल रहा है, इसका जीता जागता उदाहरण प्रदेश का स्कूल शिक्षा विभाग है। जो इन दिनों सूबे के हाई और हायर सेकेंड्री स्कूलों (CG School News) के प्राचार्यो की न सिर्फ नींदे उड़ा दी है, बल्कि माथा पकड़कर भी बैठे हुए हैं।
दरअसल, पूरा मामला कक्षा 9वीं से 12वीं के छात्रों की दर्ज संख्या आनलाइन अपलोड करने को लेकर जुड़ा हुआ है। हर साल हाई और हायर सेकेंड्री स्कूलों में पढ़ने वाले बच्चों की जानकारी माध्यमिक शिक्षा मंडल को दी जाती है। इसके लिए माशिमं की ओर से एक आनलाइन पोर्टल तैयार किया गया है, जिसमें सभी स्कूल अपने यहां पढ़ने वाले बच्चों की जानकारी भरते हैं।
एक शिक्षक के मुताबिक, यह आनलाइन पोर्टल 31 अगस्त तक खुला था। इसके बाद इसे बंद कर दिया गया। इस दरमियान कई स्कूलों ने बच्चों की जानकारी अपलोड नहीं कर सकी। इसके कई वजह हैं। माशिमं की ओर से कक्षा दसवीं और 12वीं के बच्चों को अवसर परीक्षा में बैठने का मौका दिया गया था।
इसका रिजल्ट देर से जारी हुआ। इसलिए स्कूलों में बच्चों की संख्या को लेकर स्थिति अस्पष्ट थी। ऐसे में कई स्कूलों ने 31 अगस्त तक जानकारी अपलोड नहीं कर सके।
जानकारी नहीं देने वाले स्कूलों ने माशिमं को पोर्टल खोलने की मांग की तो फिर से पोर्टल खोल तो दिया गया है, लेकिन 1000 रुपए प्रतिदिन की दर से विलंब शुल्क के साथ, जो फिलहाल विष्णु के सुशासन पर कुशासन का दाग लगा रहा है।
करोड़ों की अवैध कमाई करेगा माशिमं (CG School News)
जानकारी के मुताबिक माशिमं की ओर 1247 स्कूलों की लिस्ट मंडल से जारी की गई है। जिनसे 1000 रुपए प्रतिदिन के अनुसार लेट फीस ली जाएगी। विलंब शुल्क की गणना इस तरह से की गई है कि पोर्टल 31 अगस्त को बंद हुआ।
इसके बाद जिन स्कूलों से माध्यमिक शिक्षा मंडल को पोर्टल ओपन करने के लिए पत्र मिला उस तिथि तक अथवा जिला शिक्षा अधिकारी से प्राप्त एकजाई सूची दिनांक 25 सितंबर तक के अनुसार गणना की जाएगी।
उदाहरण के तौर पर मान लीजिए कि किसी स्कूल ने पोर्टल बंद होने के बाद मंडल को 10 सितंबर को पत्र दिया है तो उसे एक हजार रुपए प्रतिदिन के अनुसार 10 हजार रुपए विलंब शुल्क देना होगा। इसी तरह जिनके आवेदन 25 सितंबर की स्थिति में आये हैं उन्हें 25 हजार रुपए देना होगा। 1247 स्कूलों ने पोर्टल खोलने के लिए पत्र लिखा होगा तो प्रत्येक स्कूल से औसतन 10 हजार रुपए विलंब शुल्क के साथ गुणांक करेंगे तो 12 करोड़ रुपए की कमाई माशिमं को होगी।
कांग्रेस सरकार ने निशुल्क खोला था पोर्टल (CG School News)
लेट फीस को लेकर स्कूल प्रबंधकों में साफ तौर पर नाराजगी देखी जा रही है। प्राचार्यो का कहना है कि यह निर्णय पूरी तरह से अव्यवहारिक है। पिछले वर्षों में भी दर्ज संख्या अपलोड करने के लिए पोर्टल दोबारा खोला जाता रहा है, लेकिन तब इस तरह का कोई विलंब शुल्क नहीं लिया गया। उधर, माशिमं का कहना है कि यह पुरानी व्यवस्था है। पिछली बार भी 67 स्कूलों ने विलंब शुल्क दिया था।
छात्रों का कैरियर चौपट करने की तैयारी
अभी छात्रों की दर्ज संख्या अपलोड करने के लिए 6 अक्टूबर तक पोर्टल खोला गया है। इसमें निजी स्कूल के साथ ही कई सरकारी स्कूल भी हैं। स्कूलों से कहा गया है कि निर्धारित तारीख तक विलंब शुल्क के साथ जानकारी अपलोड नहीं करने पर छात्र-छात्राओं का परीक्षा आवेदन पत्र मुद्रण नहीं किया जाएगा। इसकी जिम्मेदारी संबंधित स्कूल के प्राचार्य की होगी।