Friday, November 22, 2024
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बाजार में हुई सीमेंट की किल्लत, 20 दिनों में सीमेंट की कीमत 60 रुपए बोरी बढ़ गई, घर निर्माण करने वालों की परेशानी बढ़ी

रायपुर। घर बनाने की प्लानिंग कर रहे लोगों के सपने को इन दिनों सीमेंट चकनाचूर करने में लगा हुआ है। ट्रांसपोर्टरों की हड़ताल की वजह से कीमतों में बढ़ोतरी के साथ ही इन दिनों सीमेंट की उपलब्धता भी बाजार में कम हो गई है। जिनका कंट्रक्शन शुरू हो चुका है, लेकिन सीमेंट नहीं मिलने की वजह से काम अटका हुआ  है, वे अधिक कीमत चुकाने को भी तैयार है। बावजूद इसके लोगों को राजधानी रायपुर समेत प्रदेश के किसी भी जिले में सीमेंट नहीं मिल रहा है। डीजल की कीमत में बढ़ोतरी से ट्रांसपोर्टर तो परेशान थे ही, लेकिन अब इसका सीधा असर घर बनवाने वाले लोगों की जेब पर भी पड़ने जा रहा है। दरअसल, सीमेंट परिवहन की कीमत में भी बढ़ोतरी की मांग को लेकर ट्रांसपोर्टर हड़ताल पर चले गए हैं। इसका असर यह हो गया है कि भवन निर्माण सामग्री के संस्थानों में सीमेंट की किल्लत पैदा होने लगी है। क्षेत्र से जुड़े कारोबारियों का कहना है कि माल न आने के कारण लगातार किल्लत बनी हुई है। आने वाले दिनों में इस किल्लत का असर सीमेंट की कीमतों में भी देखने को मिलेगा और इसकी कीमतें बढ़ेंगी। ट्रांसपोर्टरों की हड़ताल से पिछले 20 दिनों में सीमेंट की कीमत प्रति बोरी 60 रुपए बढ़ गई है। वर्तमान में किसी भी कंपनी का सीमेंट चिल्हर में 290 रुपए बोरी तक बिक रहा है।  25 फरवरी के पूर्व सीमेंट प्रति बोरी 235 रुपए बोरी बिक रही थी लेकिन वर्तमान में 20 दिनों बाद किसी भी सीमेंट कंपनी की प्रति बोरी की कीमत 290 रुपए हो गई है। 

इन मांगों को लेकर ट्रांसपोर्टर कर रहे हड़ताल: दरअसल ट्रांसपोर्ट एसोसिएशन ने सीमेंट कंपनियों से भाड़ा बढ़ाने की मांग को लेकर हड़ताल कर दी है। ट्रांसपोर्ट एसोसिएशन की मांग है कि वर्तमान दर से 40 फीसदी ट्रांसपोर्ट भाड़ा बढ़ाया जाए लेकिन सीमेंट कंपनियां दस फीसदी से अधिक भाड़ा बढ़ाने को तैयार नहीं है। इसका असर सीमेंट की आवक पर पड़ रहा है। शहर में पिछले 20 दिनों से सीमेंट की किल्लत बनी हुई है। शहर में सिर्फ उन्हीं कंपनियों की सीमेंट आ पा रही है जिनका रेलवे रैक है। सड़क मार्ग से आने वाली सीमेंट कंपनियों की सप्लाई बंद हो गई है। हड़ताल में जल्द ही कोई सुधार नहीं होने से आने वाले 15 दिन तक यही हालत रहने की आशंका है।

निजी के साथ सरकारी निर्माण कार्यों पर पड़ेगा असर: 

बाजार में सीमेंट की किल्लत होने की वजह से सबसे ज्यादा परेशान खुद का मकान निर्माण करने वाले लोगों को हो रहा है। अधिक कीमत चुकाने के लिए तैयार होने के बाद भी सीमेंट नहीं मिल रहा। वहीं बिल्डर व कंट्रक्शन से जुड़े लोग ट्रांसपोर्टर के हड़ताल होने की भनक लगते ही पर्याप्त मात्रा में सीमेंट स्टॉक में रख लिया था। इसलिए उन्हें परेशानी नहीं हो रही है। हालांकि अगर जल्द ही हड़ताल खत्म नहीं हुआ तो उनके स्टॉक में रखे सीमेंट भी खत्म हो जाएंगे। इसके बाद उन्हें भी परेशानी का सामना करना पड़ेगा। दूसरी ओर सीमेंट का कृत्रिम संकट उन योजनाओं पर असर डाल सकता है। लोक निर्माण विभाग, जल संसाधन, जिला पंचायत,पीएमजीएसवाय, ग्रामीण स्वास्थ्य यांत्रिकी आदि विभागों में निर्माण कार्य चल रहे हैं। इनके भी काम लटक सकते हैं।