Vegetable Farming : राज्य शासन की किसान हितैषी नीतियां अब ज़मीनी स्तर पर शानदार परिणाम दिखा रही हैं। भाटापारा ब्लॉक के ग्राम सेमरिया (बी) के प्रगतिशील किसान योगेश अग्रवाल ने ग्राफ्टेड बैगन की खेती (Grafted Brinjal Farming) अपनाकर अपनी आमदनी में उल्लेखनीय वृद्धि की है।
श्री अग्रवाल ने बताया कि पहले वे पारंपरिक तरीके से सब्जी की खेती करते थे, जिसमें उत्पादन कम और रोगों का खतरा अधिक रहता था। इसके बाद उन्हें उद्यानिकी विभाग द्वारा राष्ट्रीय कृषि विकास योजना के अंतर्गत ग्राफ्टेड बैगन एवं टमाटर प्रदर्शन योजना का लाभ मिला। उन्होंने कहा कि ग्राफ्टेड बैगन रोगों का प्रकोप कम होने के साथ-साथ तीनों सीजन में निरंतर उत्पादन देता है।
इसे भी पढ़ें : Oil Palm Farming : किसानों को ऑयल पाम खेती का प्रशिक्षण, 3.20 लाख रुपये प्रति हेक्टेयर होगी कमाई
साथ ही कम पानी और कम मजदूरी लागत की वजह से किसानों की लागत घटती है और पौधे मजबूत होने के कारण उत्पादन में सुधार होता है। श्री अग्रवाल ने कहा, “इस तकनीक से हम किसानों को स्थायी आर्थिक लाभ दे सकते हैं।” उन्होंने बताया कि इस तकनीक से उन्हें पारंपरिक खेती की तुलना में अधिक मुनाफा हुआ है।
उल्लेखनीय है कि उद्यानिकी विभाग जिले के किसानों को आधुनिक कृषि तकनीकों से जोड़कर उनकी आय में वृद्धि करने के उद्देश्य से राष्ट्रीय कृषि विकास योजना (National Agriculture Development Scheme) के अंतर्गत यह योजना चला रहा है। योजना जिले में पहली बार लागू की गई है और इसके तहत ग्राफ्टेड बैगन एवं टमाटर की खेती कर रहे किसानों को प्रति प्रदर्शन 30,000 रुपये का अनुदान दिया जा रहा है।
इसे भी पढ़ें : सर्व समाज की पुकार पर कैट की मुहर: धर्मांतरण व हिंसा के विरोध में कल पूरा छत्तीसगढ़ बंद!!
जिले के लिए इस योजना के तहत कुल 188 प्रदर्शन का लक्ष्य निर्धारित किया गया था। इसके अनुरूप 188 किसानों का चयन किया गया और उन्हें योजना का लाभ प्रदान किया जा रहा है। इस पहल से जिले में प्रगतिशील कृषि तकनीकों का प्रभाव बढ़ा है और किसानों की आर्थिक स्थिति में सुधार हुआ है।



