Friday, November 8, 2024
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Critical Care Raipur : रायपुर में बनेगा 100 करोड़ का क्रिटिकल केयर यूनिट, केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री मंडाविया ने किया शिलान्यास

Chhattisgarh News : छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर में केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मंडाविया ने क्रिटिकल केयर यूनिट (Critical Care Raipur) की शुरुआत की है। एम्स में इस यूनिट को तैयार किया जाएगा। गुरुवार को स्वास्थ्य मंत्री ने इसका शिलान्यास किया। यहां मंडाविया ने एम्स के शिक्षकों और छात्रों से बातचीत की। संवाद कार्यक्रम में शामिल होने के बाद रायपुर एम्स की स्वास्थ्य सुविधाओं का निरीक्षण भी केंद्रीय मंत्री ने किया।

मनसुख मंडाविया को रायपुर एम्स (Critical Care Raipur) के डॉक्टर्स ने कई तरह की सुविधाएं बढ़ाने के सुझाव दिए। जिनमें कैंसर, हार्ट पेशेंट से जुड़ी सुविधाएं, इमरजेंसी से जुड़े मामले शामिल थे। मंत्री ने इस पर रायपुर एम्स के डायरेक्टर डॉ नितिन एम नागरकर को कंप्लीट प्रपोजल बनाकर भेजने को कहा है, जिस पर जल्द ही केंद्र सरकार कोई निर्णय करेगी। इस अवसर पर रायपुर सांसद सुनील सोनी, राज्यसभा सांसद सरोज पांडेय भी उपस्थित थीं।

क्रिटिकल केयर यूनिट में इस तरह की होगी सुविधाएं : एम्स के गेट नंबर एक के पास स्थित आयुष बिल्डिंग के सामने क्रिटिकल केयर यूनिट (Critical Care Raipur) का निर्माण किया जाएगा। जिस पर लगभग 100 करोड़ रुपए खर्च होंगे। 150 बैड के इस ब्लॉक में अति गंभीर रोगियों को एक ही स्थान पर ऑक्सीजन, वेंटीलेटर, सिटी स्कैन जैसी सभी चिकित्सा सुविधाएं प्राप्त होंगी। इस अवसर पर डॉ. मांडविया ने भारतीय चिकित्सा प्रणाली को दुनिया की श्रेष्ठ चिकित्सा प्रणाली बताते हुए कहा कि अब चिकित्सकों को डेटा कंपाइलेएशन और मेटा डेटा के ऊपर शोध कर स्वयं में आत्मविश्वास का एक नया स्तर प्राप्त करना होगा।

मेडिकल स्टूडेंट को देश में ही मिलेगी सुविधा : छात्रों से चर्चा करते हुए केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि छात्रों को प्रतिस्पद्र्धी माहौल प्रदान किया जा सके जिससे वे देश के साथ विदेश में भी अपने सेवाएं दे सकें। उन्होंने कहा कि पिछले आठ साल में मंत्रालय ने चिकित्सा शिक्षा की सीट्स दो गुना कर दी है। अगले तीन वर्ष में स्नातक के अनुरूप परा-स्नातक की सीट्स कर दी जाएंगी। 157 नए नर्सिंग कॉलेज खोलने की अनुमति दी गई है। इसके साथ ही नर्सिंग छात्रों के पाठ्यक्रम में विदेशी भाषाएं भी सम्मिलित करने की योजना है। उन्होंने कोविड काल में किए गए प्रयासों को भारत की समर्थ गाथा बताया और कहा कि यह सभी के सम्मिलित परिश्रम की पराकाष्ठा थी। शीघ्र ही उनकी एक किताब इस विषय पर आ रही है।