Tuesday, December 3, 2024
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ठेकेदारी खत्म! अब पंचायतों को मिला अनुसूचित क्षेत्र की रेत खदानों के संचालन का अधिकार

बिलासपुर। छत्तीसगढ़ शासन द्वारा 19 जनवरी को जारी अधिसूचना द्वारा अनुसूचित क्षेत्र अंतर्गत आने वाली रेत खदानों के संचालन का अधिकार पंचायतों को दिया गया है। इस हेतु संबंधित ग्राम पंचायत द्वारा रेत खदान संचालन हेतु नक्शा, खसरा सहित आवेदन प्रारूप में एक हजार रू के आवेदन शुल्क (गैर वापसी योग्य), के साथ कार्यालय कलेक्टर (खनिज शाखा), बिलासपुर में प्रस्तुत किया जाना होगा। अनुसूचित क्षेत्रों में साधारण रेत का क्षेत्र घोषित करने के लिए, ग्राम सभा का पूर्व अनुमोदन प्राप्त किया जाना अनिवार्य किया गया है।

 

आवेदन प्राप्त होने पर जिला स्तरीय समिति की राय अनुसार रेत खनन क्षेत्र का चिन्हांकन कर समस्त निरीक्षण प्रतिवेदन लिये जाने के पश्चात कलेक्टर द्वारा घोषित किया जाएगा तथा उसे विशिष्ट नाम दिया जाएगा। खदान घोषित किये जाने के 15 दिवस के भीतर संबंधित पंचायतों को 25 हजार रू प्रति हेक्टेयर या उसके किसी भाग के लिए कार्यपालन प्रतिभूति राशि चालान के माध्यम से प्रस्तुत करना होगा तत्पश्चात् कलेक्टर द्वारा आशय पत्र जारी किया जाएगा। संबंधित पंचायत को 1 वर्ष के भीतर अनुमोदित उत्खन्न योजना एवं पर्यावरण स्वीकृति एवं अन्य आवश्यक सहमति एवं अनुमतियां प्राप्त करना अनिवार्य होगा। सभी अनिवार्य शर्तों को पूरा करने के पश्चात् 5 वर्षों के लिए रेत खदान हेतु पट्टा प्रदान किया जाएगा। पट्टा प्राप्त होने पर 90 दिवस के भीतर अनुबंध निष्पादन कराया जाएगा।

 

रेत खदान संचालन करने के लिए पंचायतों को निर्धारित रेत रायल्टी, उच्चतम निर्धारित मूल्य प्रति घनमीटर की दर से सीधे पंचायत राज के शीर्ष में जमा कर तथा 10 प्रतिशत डीएमएफ की राशि, पर्यावरण एवं विकास उपकर तथा टीसीएस की राशि संबंधित खातों में जमा करने का चालान खनिज शाखा में प्रस्तुत करने के पश्चात् रेत परिवहन हेतु अभिवहन पास जारी किया जाएगा।

 

यदि ग्राम पंचायतें रेत खदानों का संचालन करने में रूचि नहीं लेते हैं तो उसी पंचायत के यथा स्थान पंजीकृत स्व-सहायता समूह अथवा स्थानीय बेरोजगार की को आपरेटिव सोसायटी द्वारा रेत खदान संचालन हेतु आवेदन प्रस्तुत किया जा सकेगा। इसके लिए ग्राम सभा का अनुमोदन भी आवश्यक होगा। इस प्रकार आवेदन प्राप्त होने पर जिला कलेक्टर, जिला कार्यालय, जिला स्तरीय समिति के माध्यम से आवेदन पर विचार करने के पश्चात् उन्हें खदान संचालन हेतु अधिकृत कर सकेगा। बिना विधिमान्य प्राधिकार के रेत खदानों से या अन्य क्षेत्रों से अवैध उत्खनन, परिवहन, भण्डारण पर खान एवं खनिज अधिनियम के प्रावधानों के तहत की जाएगी।