Friday, October 18, 2024
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163 पदों पर फार्मासिस्ट आयुर्वेद के लिए परीक्षा लेकर नियुक्ति करना भूला आयुष विभाग!

रायपुर। सोचिए सरकार कोई योजना लॉन्च करे, कोई वैकेंसी निकाले और इसे पूरा करना या क्रियान्वित करना भूल जाए। सुनने में थोड़ा अजीब लग रहा है, लेकिन छत्तीसगढ़ की सरकार ने ऐसा करके दिखाया है। साल 2019 सितंबर में निकाली गई फार्मासिस्ट आयुर्वेद की भर्ती का फॉर्म भरवाने व परीक्षा लेने के बाद छत्तीसगढ़ सरकार का आयुष विभाग इसे भूल गई। एक साल से ज्यादा समय बीत चुका हैं अब तक नियुक्ति के लिए कोई प्रक्रिया शुरू नहीं हुई है न ही आगे होने की कोई जानकारी है। फार्मासिस्ट आयुर्वेद के परीक्षार्थियों ने राज्य सरकार को चेतावनी दी है कि अगर 15 दिनों के अंदर भर्ती प्रक्रिया शुरू नहीं होती है तो फिर राज्य सरकार के खिलाफ अनिश्चिकालीन आंदोलन, भूख हड़ताल कर नींद से जगाने का प्रयास किया जाएगा। आयुर्वेद के परीक्षार्थियों ने गुरूवार को रायपुर प्रेस क्लब में आयोजित पत्रकारवार्ता में बताया कि छग शासन के आयुष विभाग द्वारा 9 सितंबर 2019 को फार्मासिस्ट आयुर्वेद की 163 पदों में भर्ती के लिए विज्ञापन जारी किया था। इसके लिए व्यापमं द्वारा 4 नवंबर 2019 को परीक्षा ली गई जिसमें 1 हजार से भी अधिक परीक्षार्थी शामिल हुए थे। इसका परीक्षा परिणाम 11 जून 2020 में 7 महीने विलंब से जारी किया गया। परिणाम जारी हुए 5 महीने से अधिक समय हो चुका है, लेकिन अब तक भर्ती प्रक्रिया के लिए दस्तावेज सत्यापन, मेरिट सूची का कार्य भी नहीं किया गया है। भर्ती प्रक्रिया के संबंध में संचालनालय आयुष विभाग के जिम्मेदार अधिकारियों से संपर्क करने पर परीक्षार्थियों को मुख्यमंत्री व वित्त विभाग से अनुमति लेकर आने की बात कही जाती है। यही नहीं, आयुष विभाग ने अपने नोटिस बोर्ड पर भर्ती के संबंध में किसी भी प्रकार का पूछताछ नहीं करने संबंधी नोटिस भी चस्पा कर दिया है। भर्ती प्रक्रिया अधर में होने की वजह से कई परीक्षार्थियों का उम्र बढऩे की वजह से अब उनकी नियुक्ति पर भी सशंय के बादल मंडरा रहे हैं। जिसके कारण उन्हें मानसिक प्रताडऩा का सामना करना पड़ रहा है।

छग में 600 से अधिक फार्मासिस्ट आयुर्वेद पद रिक्त-  फार्मासिस्ट आयुर्वेद परीक्षार्थियों का कहना है कि वर्तमान में राज्य सरकार के स्वास्थ्य विभाग द्वारा एएनएम, लैब टेक्निशियन, एमपीडब्यू समेत अन्य पदों पर संविदा भर्ती कोरोना वायरस को देखते हुए कर रही है तो फिर राज्य सरकार फार्मासिस्ट आयुर्वेद की भर्ती क्यों नहीं कर रही है। क्यों उनको महत्वपूर्ण नहीं समझा जा रहा है। परीक्षार्थियों का कहना है कि जब वित्त विभाग से अनुमति मिलने पर ही भर्ती के लिए विज्ञापन जारी किया गया तो नियुक्ति के लिए अनुमति लेने की आवश्यकता क्यों पड़ रही है। पूरे छग में 600 से अधिक फार्मासिस्ट आयुर्वेद पद रिक्त है, उसके बाद भी छग सरकार भर्ती नहीं कर रही है। इससे यह साबित होता है कि विभाग के जिम्मेदार अधिकारी, मंत्री अपनी गैर जिम्मेदार रवैय्या को प्रदर्शित कर रहे हैं।

शिक्षकों के लिए अनुमति तो हमारे लिए क्यों नहीं- फार्मासिस्ट आयुर्वेद के परीक्षार्थियों का कहना है कि जब राज्य सरकार और मुख्यमंत्री भूपेश बघेल 14 हजार 580 नियमित शिक्षकों की नियुक्ति के लिए अनुमति दे सकते हैं तो फिर फार्मासिस्ट आयुर्वेद के 163 पदों पर भर्ती के लिए अनुमति क्यों नहीं दे सकते? जबकि वर्तमान में सरकार को सबसे ज्यादा जरूरत फार्मासिस्ट आयुर्वेद की है। सभी देश अभी कोरोना वायरस का दंश झेल रही है जिसमें आयुर्वेदिक दवाइयों के द्वारा कोरोना मरीज को ठीक किया जा रहा है जिसमें फार्मासिस्ट आयुर्वेद काड़ा वितरण आदि कार्यो में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहे हैं। इसे ध्यान में रख कर उनकी नियुक्ति जल्द से जल्द करनी चाहिए।