राजधानी टाइम्स छत्तीसगढ़, 10 जुलाई 2025 : छत्तीसगढ़ सरकार की “युक्तियुक्तकरण नीति” की हकीकत उस समय उजागर हो गई, जब गिधपुरी थाना क्षेत्र के सहाड़ा गांव में स्कूली छात्र-छात्राओं ने खराब सड़क और शिक्षकों की कमी के विरोध में सड़क (School Student Protest) पर उतरकर चक्का जाम कर दिया।
सरकार द्वारा शिक्षा व्यवस्था को बेहतर बताने के दावे बच्चों के शांतिपूर्ण प्रदर्शन के आगे निर्थक और खोखले साबित हुए। बच्चों की यह पहल न केवल उनके अधिकारों के प्रति जागरूकता का प्रतीक बनी, बल्कि प्रशासन को भी मौके पर पहुंचकर तुरंत समाधान देने को मजबूर कर दिया।
(School Student Protest) सड़क पर उतर छात्रो प्रशासन को हिलाया
छत्तीसगढ़ के बलौदाबाजार जिले के पलारी विकासखंड अंतर्गत ग्राम सहाड़ा के शासकीय हाई स्कूल में अध्ययनरत बच्चों ने स्कूल तक पहुँचने वाले कच्चे, दलदली और खस्ताहाल मार्ग की समस्या और शिक्षकों की भारी कमी को लेकर गिधपुरी मार्ग पर चक्का जाम कर दिया। सड़क के दोनों ओर वाहनों की लंबी कतारें लग गईं और स्थानीय प्रशासन हरकत में आया। बच्चों का विरोध पूर्णतः शांतिपूर्ण और संगठित रहा।
मौके पर थाना प्रभारी नरेश दिवान, खंड शिक्षा अधिकारी सतीश महेश्वरी, जनपद सीईओ पन्नालाल धुर्वे और तहसीलदार लीलाधर कवर पहुंचे। अधिकारियों ने बच्चों से संवाद कर उनकी समस्याएं सुनीं और तत्काल समाधान का आश्वासन दिया।
तहसीलदार और अधिकारी बच्चों संग पैदल स्कूल पहुंचे
तहसीलदार लीलाधर कवर ने खुद बच्चों के साथ स्कूल तक पैदल जाकर मार्ग (School Student Protest) की स्थिति का जायजा लिया। उन्होंने कहा, “सहाड़ा गांव के बच्चों की समस्या वाजिब है और हमने ग्राम पंचायत को तत्काल सड़क मरम्मत का निर्देश दिया है।” उन्होंने आगे कहा कि बच्चों ने शांतिपूर्ण और संवेदनशील तरीके से प्रशासन को उनकी जिम्मेदारी का एहसास कराया है।

शिक्षक की व्यवस्था का आश्वासन दिया
खंड शिक्षा अधिकारी सतीश महेश्वरी ने बताया कि सहाड़ा हाई स्कूल में फिलहाल केवल दो शिक्षक कार्यरत हैं, जबकि छात्र संख्या अधिक है। उन्होंने कहा, “शिक्षकों की कमी गंभीर विषय है, और हमने इसे वरिष्ठ अधिकारियों के संज्ञान में डाल दिया है। शाम तक अतिरिक्त शिक्षक की तैनाती की जाएगी, ताकि बच्चों की पढ़ाई बाधित न हो।”
बच्चों की आवाज बनी समझदारी का उदाहरण
नायब तहसीलदार पंकज बघेल ने कहा कि छात्रों ने अधिकारियों की बात समझते हुए धरना समाप्त किया, जो उनकी जागरूकता और समझदारी का परिचायक है। उन्होंने भरोसा दिलाया कि न केवल सड़क बल्कि अन्य बुनियादी शैक्षणिक सुविधाओं पर भी प्रशासन प्राथमिकता से काम करेगा।
छात्र-छात्राओं ने सुनाई अपनी व्यथा (School Student Protest)
छात्राओं ने कहा कि बारिश के समय स्कूल तक पहुंचने का रास्ता पूरी तरह कीचड़ में बदल जाता है, जिससे हर दिन गिरते-पड़ते स्कूल जाना पड़ता है। साथ ही स्कूल में पर्याप्त शिक्षक नहीं हैं, जिससे पढ़ाई पर सीधा असर पड़ता है। एक छात्रा ने कहा, “हमने कई बार पंचायत से शिकायत की, लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हुई। मजबूर होकर सड़क जाम करना पड़ा। खुशी है कि अब अधिकारी ध्यान दे रहे हैं।”