Shaala Pravesh Utsav 2025 : प्रदेश में तेज गर्मी को देखते हुए स्कूलों के समय (CG School Timing Change) में बदलाव किया गया है। राज्य शासन के निर्देश पर अब 17 जून से कक्षाएं सुबह 7 बजे से 11 बजे तक संचालित होंगी। शिक्षा विभाग के अधिकारियों ने बताया कि यह परिवर्तन अस्थायी रूप से किया गया है और 23 जून से स्कूलों का संचालन फिर से सामान्य समय अनुसार किया जाएगा।
गौरतलब है कि गर्मी छुट्टियों के बाद आज से प्रदेशभर के स्कूल (CG School Timing Change)खुल गए हैं। रायपुर सहित बिलासपुर, दुर्ग-भिलाई, जगदलपुर और रायगढ़ जैसे तमाम जिलों के शासकीय स्कूलों में शाला प्रवेश उत्सव के साथ नए शैक्षणिक सत्र का शुभारंभ हुआ। राजधानी रायपुर के जेएन पांडे स्कूल में उत्सव का आयोजन किया गया, जहां शिक्षकों ने बच्चों का तिलक लगाकर व मिठाई बांटकर स्वागत किया। बच्चों में नए सत्र को लेकर उत्साह नजर आया।
जिला व ब्लॉक स्तर पर भी होंगे शाला प्रवेश उत्सव (Shaala Pravesh Utsav 2025 )
शिक्षा विभाग (CG School Timing Change) के अधिकारियों ने बताया कि 18 जून को ब्लॉक स्तर पर और 20 जून को जिला स्तर पर भी शाला प्रवेश उत्सव आयोजित किया जाएगा। इसमें स्थानीय जनप्रतिनिधि, अभिभावक व समुदाय के लोग भी शामिल होंगे। शिक्षा विभाग का उद्देश्य है कि स्कूल शिक्षा को सामाजिक उत्सव की तरह मनाया जाए, ताकि विद्यार्थियों को सकारात्मक माहौल मिले।
अब कोई भी स्कूल शिक्षक विहीन नहीं (CG School Timing Change)
शिक्षकों की कमी को लेकर उठते सवालों के बीच राज्य सरकार ने स्पष्ट किया है कि अब छत्तीसगढ़ में एक भी स्कूल ऐसा नहीं बचा है, जो शिक्षक विहीन हो। पिछले कुछ महीनों में राज्य में युक्तियुक्तकरण की प्रक्रिया तेज़ी से पूरी की गई है।
आंकड़ों के अनुसार, पहले प्रदेश की 212 प्राथमिक और 48 पूर्व माध्यमिक शालाएं शिक्षक विहीन थीं। इसके अलावा 6872 प्राथमिक शालाएं और 255 पूर्व माध्यमिक शालाएं केवल एक शिक्षक के भरोसे संचालित हो रही थीं। अब इन सभी स्कूलों में शिक्षकों की पदस्थापना कर दी गई है।
कम छात्रों वाले 166 स्कूलों को किया गया मर्ज (merged schools list)
शिक्षा विभाग (CG School Timing Change) ने बताया कि 211 स्कूल ऐसे पाए गए, जहां छात्रों की संख्या शून्य थी, लेकिन वहां शिक्षक पदस्थ थे। इसके अलावा कुल 166 स्कूलों को मर्ज कर दिया गया है। इनमें 133 ग्रामीण क्षेत्र के स्कूल शामिल हैं, जहां छात्रों की संख्या 10 से कम थी। वहीं, 33 शहरी क्षेत्र के स्कूलों को भी मर्ज किया गया है, जहां स्टूडेंट्स की संख्या 30 से कम थी।
राज्य सरकार ने कहा है कि इस फैसले से न केवल शिक्षकों की उपलब्धता सुनिश्चित हुई है, बल्कि शिक्षा की गुणवत्ता में भी सुधार होगा। आने वाले समय में शाला स्तर पर शैक्षणिक गतिविधियों और अधोसंरचना विकास को लेकर भी ठोस कदम उठाए जाएंगे।