आम मुद्देरायगढ़

राशनकार्ड धारकों के लिए जरूरी खबर! आधार से लिंक, नाम काटने व जोड़ने के लिए लगा रहे गांवों में शिविर

बरमकेला।राशन कार्ड में आधार संख्या नंबर को लिंक कराना जरूरी है। इसके लिए एक बार फिर से छत्तीसगढ़ रायगढ़ जिले के बरमकेला के ग्राम पंचायतों में कार्ड धारी मुखिया के आधार संख्या लेकर राशन कार्ड में लिंक कराने की मांग की जा रही है। वन नेशन वन राशन कार्ड में उपभोक्ताओं को अपनी मर्जी वह पसंद की दुकान में राशन खरीदने की छूट दी गई है। इसके लिए कार्ड धारी उपभोक्ता का आधार संख्या नंबर का राशनकार्ड में लिंक होना आवश्यक है। चूंकि आधार कार्ड एक महत्वपूर्ण दस्तावेज है इसका हरेक जगह इस्तेमाल हो रहा है। आधार कार्ड की मदद से राशनकार्ड धारकों को सीधा लाभ मिले इसकी कवायद शुरू हो गई है। इसके पहले राशनकार्ड को आधार में लिंक कर दिया गया है लेकिन कुछ विसंगतियां भी पाई गई है। क ई बार आधार नंबर सही नहीं पाया गया है। ऐसे में जिले में एक बार फिर से कार्ड धारियों के आधार संख्या नंबर और राशनकार्ड नंबर मांगे जा रहे हैं। बरमकेला के ग्राम पंचायतों में इसका शिविर लगाकर दस्तावेज ली जा रही है। गुरुवार को ग्राम पंचायत मुख्यालय साल्हेओना में भी ग्रामीणों से आधार कार्ड नंबर लिंक कराने की अपील किया गया था और एक दिन पहले इसकी मुनादी कराई गई थी। ऐसे में खेती किसानी के सीजन में महिलाओं ने काम काज छोड़कर अपने दस्तावेज जमा करने पहुंचीं। हालांकि ग्राम पंचायत मुख्यालय पहुंचे तो केवल दोनों कार्ड की छायाप्रति लिया जा रहा था। फिर भी मौके पर आधार कार्ड से लिंक होने की आस में सैकड़ों लोगों की भीड़ देखी गई। राशनकार्ड में आधार संख्या को लिंक कराने के लिए बिहान योजना के अधिकारी पहुंचे थे और करीबन ढाई सौ ग्रामीण दस्तावेज जमा किए। दस्तावेज जमा करने के लिए दूसरे दिन भी शिविर जारी रहेगा।

 

 

 

कार्ड में नाम जोड़वाने भी पहुंचे थे : पुराने राशन कार्ड में नये सदस्य का नाम जोडवाने के लिए पहुंचे थे ग्रामीण। ऐसे में उन्हें एक फार्म में भरकर आवेदन करने को कहा गया। नाम जोड़ने अथवा काटने हेतु फार्म की अनुपलब्धता रही ऐसे में ग्रामीणों को फोटो कापी सेंटर में जाना पड़ रहा था। लेकिन बिजली कटौती से ग्रामीणों को परेशान होना पड़ा।

 

 

पांच एकड़ से अधिक जमीन वालों का नाम कटा : इस दौरान ऐसे में ग्रामीण किसान पहुंचे थे जिनका बीपीएल राशन कार्ड से सस्ता चावल नहीं मिलने की शिक़ायत लेकर आए हुए थे। बताया जाता है कि इनका खेतिहर ज़मीन पांच एकड़ से अधिक है ऐसे में उन्हें सस्ता चावल योजना से हटा दिया गया है। एक दो किसानों को सुझाव दिया गया कि जमीन की संयुक्त ऋण पुस्तिका को अलग कराकर छोटे करा लें। तभी उन्हें लाभ मिल सकेगा।

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