रायपुर। यदि आप सतर्क हैं तो आप के खाते से हैकरों द्वारा निकाले गए पैसे को भी वापस पा सकते हैं। इसके लिए आप को साइबर क्राइम होते ही तुरंत मिनिस्ट्री ऑफ होम अफेयर्स (एमएचए) की हैल्पलाइन नम्बर 1930 पर कॉल कर खाते और निकले पैसे की पूरी जानकारी देनी होगी। यदि आप तुरंत जानकारी देते हैं तो ठगी गई रकम को वापस पाने में सफल हो जाएंगे। वहीं, आप ने कोई लापरवाही या देरी की तो अपनी मेहनत की पूंजी को एक बार के लिए खो देंगे। साइबर क्राइम हेल्पलाईन नंबर 1930 के माध्यम से पीड़ितों को दी जाने वाली सहायता को और बेहतर बनाने की दृष्टि से पुलिस महानिदेशक अशोक जुनेजा के मार्गदर्शन पर इस व्यवस्था को 19 दिसंबर 2022 से डायल 112 कंट्रोल रूम में शिफ्ट किया गया है। इस व्यवस्था का बेहतर परिणाम सामने आ रहा है। दिनांक 19 दिसंबर से 28 दिसंबर 2022 तक 10 दिनों में 1930 हेल्पलाईन टीम द्वारा लगभग 4 लाख रूपए बचाये गये है। अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक (तकनीकी सेवा) कवि गुप्ता ने बताया कि विगत डेढ़ वर्षों में इस व्यवस्था के माध्यम से 4 करोड़ से ज्यादा राशि होल्ड करवाया जा चुका है।
कैसे काम करती है सिटीजन फाइनैंशल फ्रॉड रिर्पाेटिंग सिस्टम : पुलिस हेतु साइबर क्राइम पोर्टल पर ‘सिटीजन फाइनेंसियल फ्रॉड रिर्पाेटिंग सिस्टम‘ नामक प्लेटफार्म उपलब्ध है जिसमें पुलिस के साथ-साथ सभी बैंक मर्चेंट एवं वॉलेट कंपनियों के नोडल अधिकारी भी जुड़े रहते हैं। जैसे ही कोई साइबर फाइनेंसियल फ्रॉड की शिकायत पोर्टल पर दर्ज की जाती है, इसकी सूचना सबसे पहले उस बैंक के नोडल अधिकारी के पास पहुंचती है जिस बैंक का खाता धारक प्रार्थी है। नोडल अधिकारी पोर्टल के माध्यम से जिस बैंक के खाताधारक को राशि क्रेडिट हुई है उसे सूचित करता है। यदि सूचित किए गए दूसरे बैंक के आरोपी खाताधारक के खाते में धनराशि उपलब्ध है तो वह होल्ड हो जाती है, और यदि दूसरे बैंक से भी धनराशि किसी तीसरे बैंक को ट्रांसफर हो गई है तो इस संबंध में दूसरे बैंक के नोडल अधिकारी द्वारा तीसरे बैंक के नोडल अधिकारी को सूचित कर दिया जाता है। यह सिलसिला तब तक चलता है जब तक ऐसा खाताधारक नहीं प्राप्त हो जाता है जिसके खाते में धनराशि विद्यमान हो। यदि आरोपी द्वारा एटीएम से पैसे का आहरण कर लिया जाता है, तो पैसा होल्ड नहीं हो पाता है और इस संबंध में बैंक द्वारा पुलिस को सूचित कर दिया जाता है।