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चेपक की तरह सीएसके को दुबई व यूएई में नहीं मिली स्पिन पिच, लकी कप्तान धोनी हुए अनलकी!

रायपुर। इंडियन प्रीमियर लीग (आईपीएल) का 13वां सीजन शुरू होने के पहले 8 बार फाइनल खेलने वाली, तीन बार के विजेता और पिछले साल के उप विजेता चेन्नई सुपरकिंग्स (सीएसके) को इस बार भी सबसे मजबूत टीमों में से एक बता रहे थे क्रिकेट के विशेषज्ञ। इंडियन प्रीमियर लीग के 13वें सीजन के पहले मुकाबले में चेन्नई सुपर किंग्स ने मुंबई को 5 विकेट से हराकर अपने अभियान का आगाज किया। इससे क्रिकेट के विशेषज्ञ व पूर्व क्रिकेटर हिंदुस्तान के लकी कप्तान महेंद्र सिंह धोनी की तारीफ करते नहीं थक रहे थे। आकाश चोपड़ा, आशीष नेहरा व निखिल चोपड़ा जैसे क्रिकेटर व कमेंटर तो सीएसके को 9वीं बार फाइनल में बता चुके थे। तीन जीत के बाद सीएसके की टीम पटरी से ऐसे उतरी है जो अब तक लौटने के लिए संघर्ष कर रही है। इस सीजन चेन्नई की जो दुर्गति हुई है वह पिछले 12 सालों में इसके पहले कभी नहीं हुआ। जादूगर कप्तान महेंद्र सिंह धोनी का इस सीजन कोई भी जादू नहीं चला। दरअसल, लकी कप्तान महेंद्र सिंह धोनी को चेन्नई के चेपक की तरह स्पिन पिच दुबई व यूएई में नहीं मिला। इसके चलते सीएसके एक जीत के लिए तरस रहा है। चेन्नई मुख्य तौर पर स्पिन गेंदबाजों पर निर्भर करती है। क्योंकि चेपक के साथ-साथ हिंदुस्तान की जितने भी वैन्यू में मैच खेला जाता था वह सब स्पिन गेंदबाजों के अनुकूल होता था। होम वैन्यू टीम को अपने ग्राउंड में 7 मैच खेलने को मिलते थे। चेपक की पिच महेंद्र सिंह धोनी के कहे मुताबिक तैयार कर दी जाती थी। यहां धोनी अपनी कप्तानी का खूब लोहा मनवाते थे, लेकिन इस सीजन में देश में वैश्विक महामारी कोरोना वायरस की वजह से मैच यूएई, दुबई व शारजहां में खेला जा रहा है। जहां महेंद्र सिंह धोनी समेत किसी भी कप्तान के अनुकूल पिच तैयार नहीं किए जा रहे। इसलिए लकी कप्तान महेंद्र सिंह धोनी भी अनलकी साबित हुए।

इंडियन पिच पर ताबड़तोड़ बल्लेबाजी करने वाले धोनी के बल्ले से भी नहीं निकला रन: भारतीय मैदानों पर ताबड़तोड़ बल्लेबाजी करने वाले महेंद्र सिंह धोनी शारजहां के छोटे स्टेडियम में भी रन बनाने के लिए तरसते नजर आए। शारजहां में टैंलेंडर बल्लेबाज भी गेंदों को आसानी से बाउंड्री भेज रहे थे। जबकि धोनी कैच आउट हो रहे थे। कई मैचों में तो दो-दो रन लेने के बाद हांपते हुए भी नजर आए। इस पूरे सीजन में धोनी के बैट से लगभग 180 रन बने है। इसमें एक भी अर्द्धशतक नहीं निकला। स्ट्राइक रेट भी 120 के आसपास रहा।

रैना व हरभजन भी एक बड़ी वजह: चेन्नई की इस दुर्गति के लिए सुरेश रैना व हरभजन सिंह भी एक बड़ी वजह है। सीजन शुरू होने से पहले ही सुरेश रैना हट गए। स्पिनर हरभजन सिंह भी निजी कारणों का हवाला देकर टूर्नामेंट का हिस्सा नहीं बने। जबकि दोनों खिलाड़ी यूएई पहुंच चुके थे। जहां सभी टीमों के खिलाड़ियों व कोचिंग स्टॉफ क्वांरटाइन थे। इन दोनों खिलाड़ियों के हटने से सीएसके की टीम कमजोर पड़ गई। खास तौर पर मिडिल आर्डर में सीएसके सुरेश रैना की भरपाई नहीं कर पाई।

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