साल्हेओना. सभी सहकारी समितियों के गोदामों में यूरिया खाद की कमी बनी हुई है, वही दूसरी तरफ संग्रहण केंद्र बरमकेला में चेहरा देखकर सीधा किसानों को यूरिया खाद बांटने का मामला प्रकाश में आया है. मिली जानकारी के मुताबिक मंगलवार को सेवा सहकारी समिति बरमकेला में यूरिया खाद बांटी जा रही थी. इस समिति को 19 सितम्बर को 560 बोरी यूरिया मिला किंतु कम मात्रा में यूरिया आने से समिति प्रबंधन के हाथ पांव फूल गए. ऐसे में अधिकारियों से और खाद की मांग की गई. बताया जाता है कि इस समिति को मांग के विपरीत मात्र 48 प्रतिशत यूरिया की आपूर्ति कराई गई है . बारिश के बाद धान फसलों में खाद छिडकाव की आवश्यकता को देखते हुए पिछले दिनों यूरिया भेजी गई तो छोटे बड़े किसानों को बांटना प्रारंभ किया गया. वही कुछेक नेतानुमा किसानों के चेहरा देखकर बकायदा उन्हें पर्ची बनाकर सीधा संग्रहण केंद्र बरमकेला से यूरिया खाद की उठाव के लिए भेज दिया गयागया और केंद्र में बांटे जाने लगी.
सांठगांठ का आरोप लगा – सण्डा के किसान बोदराम पटेल , सुंदर पटेल व अन्य ने आरोप लगाया कि यूरिया खाद के लिए समिति प्रबंधन का क ई दिनों से चक्कर काट रहे हैं परंतु प्रबंधन समिति व संग्रहण केंद्र के अधिकारियों के सांठगांठ से मनमाने ढंग से यूरिया बांटी जा रही है.
कर्मचारी के रवैय्ये से नाराज– संग्रहण केंद्र बरमकेला में पदस्थ एक कर्मचारी के रवैय्ये से किसानों में नाराजगी देखी जा रही है. उनका अडियल रवैय्या जगजाहिर है. किसानों की माने तो प्रभारी अधिकारी के बजाय इस कर्मचारी खाद से लेकर अन्य काम काज को देखता है.
“560 बोरी यूरिया आया था लेकिन सभी किसानों को पूर्ति नहीं होने की स्थिति में अधिकारियों से बात कर संग्रहण केंद्र बरमकेला से और 500 बोरी यूरिया दिलाया गया. किसानों के सुविधा के लिए पर्ची देकर संग्रहण केंद्र भेजा गया था. इसमें कोई गडबडी नहीं की गई है.
धरमपाल पटेल , प्रबंधक
सहकारी समिति, बरमकेला
” नियमत: 100 बोरी से कम खाद नहीं दी जाती है. उस दिन समिति प्रबंधन द्वारा पर्ची बनाकर किसानों को भेजा गया था और उन्ही ही किसानों को यूरिया दी गई है.
के. के. अग्रवाल
प्रभारी, संग्रहण केंद्र बरमकेला.