Friday, October 18, 2024
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अद्भूत- एसी रूम में बैठ कर बना दिया नया धान खरीदी केंद्र, पहले 3 किमी जाते थे अब 8 से 15 किमी दूर जाएंगे समर्थन मूल्य पर धान बेचने किसान!

संजय चौधरी, बरमकेला। छत्तीसगढ़ रायगढ़ जिले के अफसरों के भी क्या कहने। इस जिले में अद्भूत कार्य होते है। अब सहकारिता विभाग के अफसरों का नया कारनामा सामने आया है। जहां कोरोना काल में सहकारिता विभाग के अफसर कुछ ज्यादा ही एहतियात बरत गए। इसलिए तो दफ्तर में बैठे-बैठे ही बिना किसी सर्वे व सूचना के नया धान खरीदी केंद्र बना दिया। इसका खामियाजा अब दर्जनों गांवों के अन्नदाताओं को भुगतना पड़ेगा। क्योंकि जो किसान पहले 1 से 3 किमी दूर तक अपने फसल को बेचने के लिए जाते थे, उन्हें इस साल अब 8 से 15 किमी दूर तक का सफर तय करना होगा। अब किसान रायगढ़ कलेक्टर से पुराने धान खरीदी केंद्र में ही समर्थन मूल्य पर धान बेचने के लिए व्यवस्था करने की मांग कर रहे हैं। समर्थन मूल्य पर धान की खरीदी का कार्य कराने प्रशासन की तैयारियां हो गई हैं। लेकिन कई क्षेत्रों में केंद्र दूर बनाए जाने से किसान परेशान हैं। बरमकेला ब्लॉक अंतर्गत लोधिया सोसायटी में चार गांवों को जोड़ा गया है। इनमें ग्राम बड़े आमाकोनी, छोटे आमाकोनी, जामजोरी और भकुर्रा शामिल है। इन गांवों के किसान पहले गोबरसिंघा सोसायटी में धान बेचते हैं। गोबरसिंघा से इन गांवों की दूरी महज 1 से 3 किमी थी, लेकिन इन गांवों को लोधिया में जोड़ दिया गया है जिसकी दूरी 5 से 15 किमी है। इसी तरह दुलोपाली सोसायटी के अंर्तगत तरेकेला, बनहर, छैलभांठा, ढोसरबहाल चारों गांव एक ही ग्राम पंचायत में है। इन गांवों का भी परिसीमन करते हुए पुर्नगठन सोसायटी कालाखूंटा में जोड़ दिया गया है। अब इनकी दूरी 7 से 10 किमी पड़ रहा है। जबकि पहले दुलोपाली की दूरी महज 2 से 5 किमी पड़ रहा था। रायगढ़ सहकारिता विभाग के अफसरों ने अपने एसी चेंबर में ही बैठकर सोसायटियों का पुर्नगठन कर दिया। इसका खामियाजा अब किसानों को अपनी उपज को बेचने की समस्या संकट में डाल रही हैं। करीबन 15 किमी का सफर तथा उपार्जन में 3 से 4 दिन का लगने वाला समय किसान की आगामी फसल की व्यवस्था को चौपट कर देती हैं। इसलिए किसान अपने पुराने सोसायटी में ही धान बेचने की अनुमति देने की मांग कलेक्टर से की है।

विधायक ने की है पहल: ग्रामीण किसानों ने अपनी परेशानी से सारंगढ़ विधायक उत्तरी जांगड़े को भी अवगत कराया है। इसके बाद उन्होंने प्रदेश के सहकारिता मंत्री डॉ. प्रेम सिंह टेकाम को पत्र लिख कर इन 8 गांवों के किसानों की परेशानी को दूर करने की मांग की है। सहकारिता मंत्री ने दोबारा अब उन्हीं अफसरों को जांच कर कार्रवाई के लिए निर्देशित किया है जो बंद एसी कमरे में बैठकर समितियों का पुर्नगठन कर दिया। ग्रामीणों ने पुर्नगठन के दौरान ऑनलाइन आपत्ति भी दर्ज करवाई थी, लेकिन अपनी मनमानी करते हुए अफसरों ने ध्यान नहीं दिया।