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मंत्री उमेश पटेल के गृह ब्लॉक में धन्ना सेठों ने नौकरों के नाम पर जमीन लेकर काटे प्लॉट, अफसरों की नाक के नीचे चल रहा खेल

रायगढ़। खरसिया में अवैध प्लॉटिंग के बारे में कई सनसनीखेज जानकारियां सामने आ रही हैं। शहर के धन्ना सेठों ने अपने गरीब नौकरों के नाम पर जमीनों की खरीदी की और फिर उसे टुकड़ों में बेच दिया। हैरत की बात है कि प्रदेश के कद्दावर मंत्री के क्षेत्र में इतना बड़ा गोलमाल हो रहा है और अफसर चुपचाप हैं। जिले में रियल एस्टेट रेगुलेटरी अथॉरिटी के नियमों का पालन केवल रायगढ़ तहसील में ही हो रहा है। वहीं खरसिया और सारंगढ़ में इसका सबसे ज्यादा उल्लंघन हुआ है। पिछले पांच साल में खरसिया में बहुत ज्यादा आबादी बढ़ी है। इसके साथ ही यहां आवासीय कॉलोनियों की संख्या भी तेजी से बढ़ी है। भूमाफियाओं ने अवैध कॉलोनियां काटकर प्लॉट बेच दिए हैं। अजीतगढ़, तेलीकोट, नवापारा, गोपाल राइस मिल आदि इलाकों में जमकर प्लॉटिंग की गई है। कृषि भूमि पर बिना डायवर्सन के भी प्लॉट बेचे गए हैं। सरकार ने पांच डिसमिल से कम कृषि भूमि की खरीद-बिक्री से प्रतिबंध हटा दिया जिसका फायदा भूमाफियाओं को हो रहा है। पता चला है कि खरसिया के कुछ सेठों ने अपने परिचितों और नौकरों के नाम से कृषि भूमि खरीदी। फिर इसे छोटे टुकड़ों में बांट दिया ताकि रेरा के दायरे से बाहर हो जाए। अब इन जमीनों पर प्लॉट काटकर बेच दिए गए। कहने को अलग नामों पर जमीनें हैं लेकिन इसका मालिक एक ही है। ऐसा कई जगहों पर हुआ है। इसे रोकने की कोई कोशिश अब तक स्थानीय राजस्व अधिकारियों ने नहीं की है।

डायवर्सन का अधिकार अब एसडीएम को: राज्य सरकार ने एक सीमा तक डायवर्सन के अधिकार एसडीएम को दिए हैं। इसका गलत फायदा उठाकर कई भूमाफिया अवैध कॉलोनियां काट रहे हैं। खरसिया में केवल एक ही निजी कॉलोनी के लिए रेरा में पंजीयन करवाया गया है। लेकिन शहर व आसपास कम से कम दस प्राइवेट कॉलोनियां काटी जा चुकी हैं। छोटे टुकड़ों में जमीनों का डायवर्सन कराने की वजह से कोई आसानी से पकड़ में नहीं आता। पटवारियों को इसकी पूरी जानकारी है लेकिन आला अफसरों को भनक तक नहीं है।

50 करोड़ का हो चुका लेन-देन: रायगढ़ तहसील में कोई नई कॉलोनी शुरू होते ही शिकायतों का अंबार लग जाता है। जांच के आदेश भी तुरंत दे दिए जाते हैं। लेकिन यही रवैया खरसिया को लेकर नहीं दिखता। यहां करीब 50 करोड़ की जमीन का लेन-देन हो चुका है। भूमाफियाओं ने अवैध प्लॉट बेचकर इतनी रकम कमा ली है। रेरा में पंजीयन नहीं कराने की वजह से खरीदार को कॉलोनी डेवलप कराने के लिए चक्कर काटने पड़ रहे हैं।

वर्सन
कुछ क्षेत्रों में अवैध प्लॉटिंग की जानकारी मिल रही है। इसकी जांच कर कार्रवाई करेंगे।
– गिरीश रामटेके, एसडीएम, खरसिया

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