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प्याज की कालाबाजारी पर निगरानी करेंगे कलेक्टर, दुकान पर स्टॉक व कीमत लिखनी होगी

रायपुर। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के निर्देश पर राज्य शासन के खाद्य नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता संरक्षण विभाग द्वारा सभी जिला कलेक्टरों को उनके जिले में प्याज की उपलब्धता तथा खुदरा बाजार मूल्य की निगरानी एवं पर्यवेक्षण के लिए विस्तृत दिशा-निर्देश जारी किए हैं। जिला कलेक्टरों को जारी निर्देश में कहा गया है कि राज्य स्तरीय प्राईस मॉनिटरिंग सेल में जिलों से आवश्यक वस्तुओं के बाजार भाव के विश्लेषण से स्पष्ट हुआ है कि विगत 01 माह में प्याज के खुदरा बाजार मूल्य में अप्रत्याशित वृद्धि परिलक्षित हो रही है। सभी जिला कलेक्टर जिले में प्याज की उपलब्धता तथा खुदरा बाजार मूल्य की निगरानी एवं पर्यवेक्षण के लिए सतत कार्यवाही सुनिश्चित करें। खाद्य नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता संरक्षण विभाग द्वारा जारी निर्देशों में कहा गया है कि प्याज के थोक एवं खुदरा व्यापारियों की तत्काल बैठक लेकर जिले में प्याज की उपलब्धता एवं मांग का आंकलन कर आवश्यकता अनुसार प्याज की आपूर्ति सुनिश्चित की जाए। जिला स्तर पर प्याज की दैनिक आवक एवं खपत की नियमित समीक्षा की जाए। अन्य राज्यों से प्याज के आयात, परिवहन एवं भंडारण संबंधी कोई समस्या हो तो इसका तत्काल निराकरण किया जाए। थोक व्यापारियों के विक्रय स्थल पर प्रतिदिन प्याज का उपलब्ध स्टॉक एवं थोक विक्रय मूल्य की जानकारी अनिवार्य रूप से प्रदर्शित कराई जाए। कलेक्टरों को कहा गया है कि जिले में उपलब्ध प्याज के थोक एवं खुदरा बाजार भाव का प्रचार-प्रसार किया जाए, ताकि आम लोगों को इस संबंध में जानकारी उपलब्ध हो सके और खुदरा व्यापारी अनावश्यक अधिक मूल्य पर प्याज का विक्रय न कर सकें। इसके अतिरिक्त आवश्यक वस्तु (संशोधन) अधिनियम 2020 की धारा 3 (क) के प्रावधानों के अंतर्गत कोरोना संक्रमण के दृष्टिगत स्टाक लिमिट की आवश्यकता होने पर राज्य शासन को प्रस्ताव प्रेषित किया जाए। निर्देशों में यह भी स्पष्ट किया गया है कि उपरोक्तानुसार कार्यवाही सुसंगत अधिनियमों के अंतर्गत सुनिश्चित की जाए।

प्याज की तरह अन्य वस्तुओं के दाम भी बढ़ेंगे सीएम: वहीं दूसरी ओर मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने प्याज की बढ़ती कीमतों को लेकर कहा कि इसकी तरह अन्य वस्तुओं के दाम भी बढ़ेंगे। उन्होंने कहा, केंद्र के नए कानून से राज्य अब कुछ नहीं कर पाएंगे। स्टॉक लिमिट खत्म करने से इस परेशानी का सामना करना पड़ेगा। उन्होंने कहा कि इसी कारण केंद्र के इस कानून का विरोध कांग्रेस कर रही है। इस कानून से किसान के साथ आम लोग भी प्रभावित होंगे।

सरकार ने खोले थे बीते साल सरकारी काउंटर: बीते वर्ष भी त्यौहार सीजन में प्याज लोगों को काफी रूला रहा था। प्याज की बढ़ती कीमत से लोगों को राहत देने के लिए सरकार ने सरकारी काउंटर खोल कर प्याज कम कीमत पर उपलब्ध कराए थे। सरकार द्वारा लगाए गए स्टॉल में थोक बाजार के दाम पर ही प्याज बेचे जा रहे थे। राजधानी रायपुर समेत लगभग सभी जिला व ब्लॉक मुख्यालयों में काउंटर खोले गए थे। सरकार की इस पहल के बाद लोगों को कुछ राहत मिली थी।

80 रुपए किलो बिक रहा प्याज: त्योहारी सीजन में एक बार फिर प्याज लोगों के आंसू निकालने लगा है। राजधानी के थोक बाजार में 55 से 70 रुपए में प्याज बिक रहा है तो वहीं फुटकर में प्रति किलो की कीमत 80 रुपए तक पहुंच गया है। व्यापारियों की माने तो आने वाले दिनों में इसकी कीमत और बढऩे वाली है। दरअसल, बारिश की वजह से महाराष्ट्र में प्याज की फसल प्रभावित हुई है। इसकी वजह से इसके कीमतों में वृद्धि देखने को मिल रहा है।

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