रायपुर। छत्तीसगढ़ में इसी साल नवंबर में विधानसभा चुनाव होने वाले है। इसमें कांग्रेस और बीजेपी की सीधी टक्कर है। इसलिए दोनों ही पार्टी की तैयारियां जारी है। कांग्रेस के पास 90 में से वर्तमान में 71 विधायक हंैं। कांग्रेस के लिए यही सबसे बड़ी चुनौती है कि आने वाले विधानसभा चुनाव में पार्टी क्या सभी विधायकों पर फि र से भरोसा जताएगी या फि र नए चेहरों पर दाव खेलेगी। इस पर बुधवार को छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल का बड़ा बयान आया। दरअसल, धमतरी जिले के सिहावा विधानसभा में भेंट मुलाकात कार्यक्रम में शामिल होने जा रहे मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने हेलीपैड पर पत्रकारों से चर्चा में कहा कि हमारी योजनाओं का लाभ जनता उठा रही है। सरकार की परफॉर्मेंस की स्थिति पर उन्होंने कहा कि 5 उपचुनाव हुए पांचों उपचुनाव हम पार्टी से लड़े और सभी जगह रिजल्ट हमारे पक्ष में आया। टेस्ट तो यही होगा नगरीय निकाय चुनाव का क्या रिजल्ट रहा उपचुनाव में रिजल्ट क्या रहा? ये सारे चुनाव हम जीते है। मुख्यमंत्री ने आगे विधायकों के परफॉर्मेंस को लेकर कहा कि जहां तक कैंडिडेट की बात है। अभी भेंट मुलाकात कार्यक्रम चल रहा है। लगातार जो विधायक है उनको बता भी रहे है कि आपको ये.. ये.. काम और करना है। आपके क्षेत्र में अगर स्थिति सुधरेगी तो टिकिट किसी का क्यों काटेंगे? जिसकी नहीं सुधरी तो पार्टी तय करेगी।
सरकारी योजनाओं की नहीं, विधायकों को भी परख रहे….बता दें कि मुख्यमंत्री भूपेश बघेल बीते वर्ष 4 मई से लगातार भेंट मुलाकात कार्यक्रम कर रहे है। सीएम हर विधानसभा के 3 गांव में पहुंच कर वहां सरकारी योजनाओं का लोगों को कितना लाभ मिल रहा है। इसका फीडबैक जनता से ले रहे हैं। इसके साथ क्षेत्र के विधायकों की परफॉर्मेंस रिपोर्ट भी मुख्यमंत्री देखते हैं। सीएम 4 मई से 11 मई तक सरगुजा अंचल के विधानसभा क्षेत्रों के बाद बस्तर संभाग के सभी विधानसभा क्षेत्रों सहित अब तक लगभग 60 विधानसभा क्षेत्रों में मुख्यमंत्री आम जनता से भेंट-मुलाकात कर शासकीय योजनाओं के क्रियान्वयन और उससे जनता से मिल रहे लाभ के बारे में जानकारी प्राप्त कर चुके हैं। मतलब 60 विधानसभा क्षेत्र में कांग्रेस के विधायकों की रिपोर्ट कार्ड ले चुके हैं।
ऐसे विधायकों का कट सकता है टिकट : सीएम का बयान उन विधायकों के लिए महत्वपूर्ण हैं जो अपने क्षेत्र में काम नहीं कर रहे हैं। सूत्रों की मुताबिक पार्टी की तरफ से ऐसे विधायकों को निर्देशित किया गया है कि अपने क्षेत्र में काम करें। क्योंकि अभी भी चुनाव में 10 महीने का समय है। इसमें चुनाव घोषणा के बाद आचार संहिता के करीब डेढ़ महीने काट भी दें तो करीब 8 महीने का समय बचता है। मतलब 8 महीने में विधायकों के क्षेत्र में स्थिति नहीं सुधरी तो उनको आने वाले चुनाव में टिकट मिलना मुश्किल होगा। क्योंकि मुख्यमंत्री भूपेश बघेल साफ संदेश दे हैं कि जिस विधायक के क्षेत्र में स्थिति सुधर रही है तो उनका टिकट नहीं काटा जाएगा। यह भी बता दें कि छत्तीसगढ़ कांग्रेस की नई प्रदेश प्रभारी कुमारी सैलजा ने विधायक दल की बैठक में भी विधायकों को अपने क्षेत्र में रहने का निर्देश दिया था।