रायपुर। अपने बड़बोलेपन के लिए विवादों में रहने वाले छत्तीसगढ़ के रामानुजगंज से कांग्रेस विधायक और सरगुजा क्षेत्र आदिवासी विकास प्राधिकरण के उपाध्यक्ष बृहस्पत सिंह एक बार फिर विवादों में हैं। पिछले महीने उन्होंने प्रदेश के स्वास्थ्य मंत्री टीएस सिंहदेव पर जान से मारने की कोशिश का आरोप लगाया था। इस आरोप ने कांग्रेस और सरकार दोनों की खूब किरकिरी कराई। विधानसभा की कार्रवाई ढाई दिन तक बाधित रही। सिंहदेव ने सदन छोड़ दिया। बाद में बृहस्पत सिंह ने इसके लिए माफी मांग ली। खैर टीएस बाबा बड़े दिलवाले माने जाते हैं, इसलिए संभवत: उन्होंने इस विवादास्पद विधायक को माफ कर दिया हो, लेकिन इस बार भूपेश सरकार ने इस विवादास्पद विधायक पर रहमों करम नहीं दिखाएगी तो मुसीबत बढ़ने वाली है। क्योंकि बलरामपुर-रामानुजगंज के जिस डिप्टी कलेक्टर को फोन पर गालियां दी हैं। उन्होंने अब विधायक के खिलाफ एफआईआर दर्ज करवाने की अनुमति सरगुजा संभाग कमिश्नर से मांगी है। अब देखने वाली बात यह है कि डिप्टी कलेक्टर को संभाग आयुक्त अनुमति देंगे या फिर प्रदेश सरकार की वजह से घुटने टेक देंगे? अगर FIR कराने की अनुमति मिली तो विधायक की मुसीबत बढ़ जाएगी। इस मामले में अफसरों का संगठन भी अब तक चुप्पी साधी हुई है। विधायक कांग्रेसी होने के कारण अफसर भी बेबस नजर आ रहे। भले ही उनका एक अधिकारी घूंट घूंट कर ही जीवन जिए और अपना काम करें।
डिप्टी कलेक्टर ने संभाग कमिश्नर को लिखा…..संभाग कमिश्नर को पीड़ित डिप्टी कलेक्टर ने एफआईआर कराने की अनुमति मांगी है। उन्होंने घटना का जिक्र करते हुए खुद को मानसिक रूप से क्षुब्ध एवं आहत बताया है। डीसी ने यह भी लिखा है कि अपने पदीय कर्तव्यों का निर्वहन करते हुए कलेक्टर न्यायालय द्वारा पारित आदेश के परिपालन में पट्टा आवंटन का कार्य किया है। विधायक बृहस्पत सिंह द्वारा मुझे अपमानित किया है, जिससे मैं मानसिक पीड़ा से असहज महसूस कर रहा हूं। लिहाजा उक्त प्रकरण को संज्ञान में लेते हुए FIR दर्ज कराने की अनुमति देने की मांग की है।
भाजपा ने कांग्रेस सरकार को घेरा : डिप्टी कलेक्टर के साथ विधायक की गाली-गलौज की घटना पर भाजपा ने तीखी प्रतिक्रिया दी है। भाजपा विधायक नारायण चंदेल और सौरभ सिंह ने कहा, डिप्टी कलेक्टर के साथ किया गया दुर्व्यवहार यह बताने के लिए पर्याप्त है कि कांग्रेस का समूचा राजनीतिक चरित्र बददिमागी, बदजुबानी और बदसलूकी से कलंकित है। दोनों भाजपा नेताओं ने पूछा, क्या कांग्रेस ने अपने इसी असंसदीय आचरण और सत्तावादी अहंकारपूर्ण राजनीतिक चरित्र का प्रशिक्षण अपने सांसदों-विधायकों को वर्धा के प्रशिक्षण शिविर में दिया है? कांग्रेस के लोग और जनप्रतिनिधि अधिकारियों के साथ गाली-गलौज करते जरा भी शर्म महसूस नहीं कर रहे हैं।
ऑडियो हुआ था सुबह वायरल : गुरुवार की सुबह विधायक बृहस्पत सिंह द्वारा डिप्टी कलेक्टर को धमकी देने व गाली गलौच करने का ऑडियो वायरल हुआ था। बलरामपुर जिले की एक समिति दलको तालाब में मछली पालन के पट्टे का केस कलेक्टर कोर्ट में हार गई थी। इसके बाद डिप्टी कलेक्टर ने दूसरी समिति को अगले 10 साल के लिए मछली पालन का पट्टा जारी कर दिया। इस पर विधायक ने बुधवार शाम को डिप्टी कलेक्टर को फोन पर गालियां दीं। यहां तक कहा कि तू कैसे डिप्टी कलेक्टर बना है… मारेंगे जूता ठीक हो जाएगा। अफसर केवल यही कहते रहे- सर गाली मत दीजिए। बाद में डिप्टी कलेक्टर ने खुद ही फोन काट दिया।