Friday, October 18, 2024
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केंद्र सरकार से मिली राशि की बंदरबांट में लगी प्रदेश सरकार व सत्तारूढ़ दल में हर कोई अपने हिस्से के लिए लड़ रहा : भाजपा

रायपुर। भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष व पूर्व मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह ने जल जीवन मिशन का टेंडर रद्द होने पर प्रदेश सरकार पर एक बार फिर तीखा हमला बोला है। डॉ. सिंह ने कहा कि प्रदेश सरकार इस मद में केंद्र सरकार से मिले 07 हज़ार करोड़ रुपए की बंदरबाँट में लग गई है और प्रदेश सरकार व सत्तारूढ़ दल में हर कोई अपने हिस्से के लिए लड़ रहा है। इधर, प्रदेश विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष धरमलाल कौशिक ने भी इस मामले पर प्रदेश सरकार को आड़े हाथों लेकर सरकार के भ्रष्टाचार मुक्त छत्तीसगढ़ के दावों को खोखला बताया है। उल्लेखनीय है कि प्रदेश सरकार ने जल जीवन मिशन के टेंडर में अनियमितता के सामने आने पर भाजपा के हमलावर होते ही आनन-फानन में उक्त टेंडर को रद्द किया है। भाजपा के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष व पूर्व मुख्यमंत्री डॉ. सिंह ने दुहराया कि केंद्र सरकार ने जल जीवन मिशन के अंतर्गत छत्तीसगढ़ के बहनों-भाइयों तक जलापूर्ति करने 07 हजार करोड़ रुपए भेजे हैं ताकि छत्तीसगढ़ के विकास में कोई कमी न रह जाए, छत्तीसगढ़वासियों तक विकास पहुंचे और साथ ही केंद्र द्वारा भेजे गए हजारों करोड़ से जो विकास के कार्य हों उसमें भी छत्तीसगढ़ के युवा-बेरोजगारों को स्थानीय स्तर पर रोजगार मिले। लेकिन दुर्भाग्य से छत्तीसगढ प्रेम का ढोंग करने वाले मुख्यमंत्री बघेल बाहरी प्रेम से ग्रस्त हैं और वे नहीं चाहते कि छत्तीसगढ़ के युवाओं को रोजगार मिले, छत्तीसगढ़ के युवा बेरोजगार केंद्र सरकार द्वारा छत्तीसगढ़ के लिए भेजी गई राशि में रोजगार हासिल कर भागीदार बनें। डॉ. सिंह ने सवाल किया कि आज जल जीवन मिशन में बाहरी ठेकेदारों को अरबों का काम देने वाले मुख्यमंत्री बघेल अब किस मुँह से स्थानीय प्रेम की बात करेंगे? जल जीवन मिशन मद में आई राशि से छत्तीसगढ़ के युवाओं को रोज़गार देने के बजाय प. बंगाल के कारीगरों को ठेका दिया जाना इस बात का प्रमाण है कि प्रदेश सरकार कमीशनखोरी और बाहरी लोगों को लाभ पहुँचाने सौदेबाजी कर रही है। डॉ. सिंह ने गहरी चिंता जताई कि इस पूरे मामले में कहीं कोई पारदर्शिता नहीं बरती गई। इसी मुद्दे पर प्रदेश सरकार पर निशाना साधते हुए नेता प्रतिपक्ष श्री कौशिक ने कहा कि जल जीवन मिशन में घोर भ्रष्टाचार हुआ है और इसीलिए सरकार को इस टेंडर को आनन-फानन में रद्द करना पड़ा है। श्री कौशिक ने तीखा कटाक्ष किया कि प्रदेश सरकार की प्राथमिकता में टेंडर और दीग़र जरियों से भ्रष्टाचार और कमीशनखोरी ही है, प्रदेश का विकास और स्थानीय लोगों को रोज़गार के अवसर मुहैया कराना इस प्रदेश सरकार की प्राथमिकता में है ही नहीं। श्री कौशिक ने कहा कि विकास और रोज़गार प्रदेश के युवाओं व लोगों की पहली और अनिवार्य ज़रूरत है, लेकिन दुर्भाग्य से प्रदेश सरकार की यह प्राथमिकता नहीं है।