Friday, October 18, 2024
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कर्जदार हो गए सरपंच, सप्लायरों के घर गिरवी हुई ‘गांव सरकार की साख!

संजय चौधरी, बरमकेला। छग के रायगढ़ जिले के बरमकेला जनपद पंचायत में मनरेगा के मटेरियल का भुगतान अटक गया है। इस कारण ग्राम पंचायतों में सरपंचों को परेशान होना पड़ रहा है। वहीं जिला पंचायत द्वारा मनरेगा योजना में सहयोग करने  पंचायतों पर दबाव बना रही है। पंयायतों से कहा जा रहा है कि किसी भी पंचायत में काम शून्य न रहे, मजदूरों को काम दिया जाए। इससे सरपंचों के समक्ष दुविधा की स्थिति निर्मित हो रही है। मनरेगा व 14वें वित्त मद के तहत पंचायतों में विभिन्न निर्माण व विकास कार्य कराया जाता है। योजना के तहत केंद्र सरकार द्वारा राशि का आवंटन किया जाता है। आवंटित राशि में से 40 प्रतिशत मजदूरी और 60 प्रतिशत मटेरियल में खर्च होना होता है। नाम नहीं छापने की शर्त पर बरमकेला ब्लॉक के कुछ सरपंचों ने बताया कि पिछले कई महीनों से पैसा भुगतान के लिए कई बार जनपद में आवेदन दे चुके हैं, लेकिन अब तक भुगतान नहीं हुआ है। मनरेगा के तहत कार्य कराए गए हैं। शौचालय निर्माण के लिए मटेरियल भी मंगाए गए थे। दो साल पहले हुए काम का भुगतान अब तक नहीं हुआ है। मटेरियल सप्लायर बार-बार तगादा लगा रहे हैं। अगर यह कहें तो कोई अतिश्योक्ति नहीं होगी कि सरपंच कर्जदार हो गए हैं। जिला पंचायत से मटेरियल मद का पैसा नहीं दिया है जिससे गांव की सरकारों की साख सप्लायरों के घर गिरवी हो चुकी है। अब वेंडर सरपंचों पर दबाव बना रहे हैं कि वह पुराना भुगतान कराएं तभी आगे का मटेरियल मिलेगा।

इस तरह के काम कराए जाते हैं गांवों में: मनरेगा व 14वें वित्त मद के तहत गांवों में तालाब गहरीकरण, पहुंच मार्ग, घाट निर्माण, स्कूल भवन, पंचायत भवन, सीमेंट कंक्रीट सड़क, नाली सहित अन्य काम कराया जाता है। इन कार्यों के लिए किसी पंचायत ने गिट्टी, तो किसी ने छड़ तो किसी ने सीमेंट उधार में खरीदा है। चूंकि भुगतान लंबे समय से पेडिंग है, इस कारण लेनदार अब सरपंचों को तंग करने लगे हैं, लेकिन आवंटन नहीं मिलने के कारण सरपंचों के समक्ष विकट स्थिति निर्मित होने लगी है।