Saturday, November 9, 2024
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अपने बड़बोलेपन व सस्ती लोकप्रियता के चक्कर में और कितना झूठा साबित होंगे माननीय विधायक जी! भाजयुमो बता चुकी है मानसिक रोगी

रायपुर। कहा जाता है कि इंसान की पहचान उसके नाम से नहीं, बल्कि अपने कर्मों के द्वारा ही पहचाना जाता है, लेकिन इस लाइन को छत्तीसगढ़ के एक विधायक ने उल्टा कर दिया है। माननीय विधायक जी अपने कर्मों से नहीं, बल्कि अपने नाम से पहचाने जा रहे। जी हां! अब सही सोच रहे हैं, हम छत्तीसगढ़ बलरामपुर से रामानुजगंज के कांग्रेस विधायक बृहस्पत सिंह की ही बात कर रहे हैं। इन्हें छत्तीसगढ़ का हर इंसान जानने पहचानने लगा है। वो भी इनके अच्छे कार्यो के लिए नहीं, बल्कि विवादास्पद बयानों के लिए। अपने बड़बोलेपन व सस्ती लोकप्रियता के चक्कर में विधायक जी, एक-दो नहीं, चार-चार बार झूठा साबित हो चुके हैं। नीचे विस्तार से पढ़िए ये कब-कब झूठा साबित हुए…..

 

 

  1. पहली दफा 2015 में इन्होंने बलरामपुर रामानुजगंज के कलेक्टर रहे एलेक्स पॉल मेनन पर नक्सलियों के लिए रात्रि भोज का आयोजन करने और उनकी हत्या करने की साजिश रचने का आरोप लगाकर हाहाकार मचा दिया था। छत्तीसगढ़ से लेकर दिल्ली तक खूब हंगामा हुआ। तब कांग्रेस विपक्ष में थीं और भाजपा सरकार में। तात्कालीन सीएम डॉ. रमन सिंह ने कलेक्टर पर लगे इस संगीन आरोप की जांच बलरामपुर के तात्कालीन एसपी से कराई थी। उस वक्त कलेक्टर को विधायक बृहस्पत सिंह द्वारा लगाए गए आरोपों से पुलिस अधीक्षक ने क्लिन चिट दे दी थी। मतलब विधायक बृहस्पत सिंह झूठा साबित हो गए। 

 

2. इसी साल कुछ महीने पहले इसी विधायक का एक वीडियो सोशल मीडिया में वायरल हुआ जिसमें इन्होंने भाजपा के राज्यसभा सांसद व वरिष्ठ नेता रामविचार नेताम पर संगीन व गंभीर आरोप लगाए। बृहस्पत सिंह ने नेताम पर उनको हानि पहुंचाने के लिए बलि देने का आरोप लगाया था। इनके बड़बोलेपन के कारण राज्यसभा सांसद व भाजपा ने इस मामले को तूल नहीं दिया। इसलिए उनकी सस्ती लोकप्रियता वाली कहानी यही खत्म हो गई। 

 

3. पिछले ही महीने विधायक बृहस्पत सिंह सबसे ज्यादा सुर्खियां बटोरी। जब इन्होंने स्वास्थ्य मंत्री टीएस सिंहदेव पर जान से मारने की कोशिश का आरोप लगाया था। इस आरोप ने कांग्रेस और सरकार दोनों की खूब किरकिरी कराई। विधानसभा की कार्रवाई ढाई दिन तक बाधित रही। सिंहदेव ने सदन छोड़ दिया। बाद में बृहस्पत सिंह ने इसके लिए  माफी मांग ली और कहा कि भाव आवेश में इन्होंने ऐसा बयान दे डाला, मतलब माननीय MLA जी फिर एक दफा झूठा साबित हो गए। 

 

4. गुरूवार की सुबह से ही विधायक बृहस्पत सिंह की एक ऑडियो क्लिप खूब वायरल हो रही है। इस क्लिप में विधायक ने कथित तौर पर बलरामपुर-रामानुजगंज के डिप्टी कलेक्टर को अपशब्द कहे और जूते से मारने की धमकी दी। हालांकि, विधायक ने ऐसी किसी घटना से इनकार किया है। इस ऑडियो को लेकर प्रतिक्रिया देते हुए आरोप लगाया कि मेरे खिलाफ साजिश की जा रही है। साजिश में डिप्टी कलेक्टर को भी शामिल होने की बात कही। उधर डिप्टी कलेक्टर ने विधायक पर FIR दर्ज करवाने की अनुमति संभाग कमिश्नर से मांगी है। राजधानी टाइम्स इस ऑडियो क्लिप को विधायक व डिप्टी कलेक्टर के होने का दावा नहीं करती, लेकिन डिप्टी कलेक्टर जैसे पद में बैठे अफसर सत्ता पक्ष के विधायक के खिलाफ ऐसा कदम ऐसे ही नहीं उठाएगा। डिप्टी कलेक्टर ने विधायक के दावों को एक बार फिर झूठा साबित कर दिया है। 

 

 

भाजयुमो बता चुकी है मानसिक रोगी : स्वास्थ्य मंत्री टीएस सिंहदेव पर सनसनीखेज आरोप लगा यू टर्न लेने वाले कांग्रेस विधायक बृहस्पत सिंह को बलरामपुर भाजयुमो ने विधायक को सिजोफ्रेनिया बीमारी से ग्रसित होने का आरोप लगाया था। पिछले महीने 28 जुलाई को बलरामपुर में भारतीय जनता युवा मोर्चा के जिलाध्यक्ष विकेश साहू एवं जिला महामंत्री इंजीनियर गौतम सिंह ने एक प्रेस कांफ्रेस आयोजित कर कहा था कि विधायक बृहस्पत सिंह पहली बार आरोप नहीं लगा रहे है। इसके पहले उन्होंने पूर्व कलेक्टर एलेक्स पाल मेनन, राज्यसभा सदस्य रामविचार नेताम पर भी आरोप लगा चुके हैं। भाजयुमो नेताओं ने कहा कि बृहस्पत सिंह टीएस सिंहदेव के पहले नेताम और मेनन के खिलाफ यह बोल चुके है कि वे सभी उनकी हत्या कराना चाहते हैं। विधायक की दिमागी स्थिति सही नहीं है। वे सिर्फ सुर्खियों में बने रहने के लिए अनाप-शनाप बयान देते रहते हैं। उन्हें सिजोफ्रेनिया नामक मानसिक बीमारी है जिसे हर समय हत्या होने का काल्पनिक डर इंसान को सताता है, इसके अतिरिक्त भी इनके लक्षण शुरू से किसी मानसिक रोगी की तरह ही है।

बलरामपुर में आयोजित भाजयुमो की प्रेस कांफ्रेस की फोटो