Friday, September 13, 2024
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Sachin Tendulkar : 127 पर 5 आउट, अंग्रेजों से हार का मंडरा रहा था खतरा, 17 साल के युवा ने शतक ठोक कर बचाई लाज

Ind Vs Eng Test : क्रिकेट की दुनिया में शतक जमाना बहुत बड़ी बात होती है. जब इस खेल की शुरुआत हुई थी तब भी शतक लगाना बहुत बड़ी उपलब्धि थी और आज भी. जिस बल्लेबाज के खाते में जितने शतक वो उतना महान, लेकिन किसी ने कल्पना भी नहीं की थी कि एक दिन ऐसा बल्लेबाज आएगा जो इंटरनेशनल क्रिकेट में शतकों का शतक जमा देगा. इस खिलाड़ी को सभी जानते हैं. नाम है सचिन रमेश तेंदुलकर (Sachin Tendulkar). सचिन अभी तक इकलौते खिलाड़ी हैं जिनके नाम इंटरनेशनल क्रिकेट में 100 शतक हैं और आपको बता दें कि इस शतकों के सफर की शुरुआत आज ही के दिन यानी 14 अगस्त को हुई थी वो भी इंग्लैंड की जमीन पर.

इस मैच में टीम इंडिया पर हार का संकट मंडरा रहा था. मैच खत्म 14 अगस्त को होना था यानी भारत के स्वतंत्रता दिवस से एक दिन पहले. लेकिन टीम इंडिया पर अंग्रेजों से हार का खतरा मंडरा रहा था. ऐसे में महज 17 साल के सचिन ने अंग्रेजों से उसी अंदाज में लड़ाई लड़ी जिस तरह से आजादी के लिए देश के कई लोगों ने लड़ी, उनकी तरह सचिन की भी जीत हुई भारत ने इस मैच को ड्रॉ करा हार टाल दी और अंग्रेजों के मुंह से जीत छीन ली.

इंग्लैंड ने इस मैच में पहले बल्लेबाजी करते हुए 519 रन बनाए. टीम इंडिया ने कप्तान मोहम्मद अजहरूद्दीन के 179, संजय मांजरेकर के 93 और सचिन तेंदुलकर (Sachin Tendulkar) के 68 रनों की बदौलत अपनी पहली पारी में 432 रन बनाए. इंग्लैंड ने दूसरी पारी चार विकेट के नुकसान पर 320 रनों पर घोषित कर दी और भारत को 408 रनों का लक्ष्य दिया.

इस लक्ष्य के सामने भारतीय टीम लड़खड़ा गई. भारत ने मैच के आखिरी दिन अपनी पारी की शुरुआत की लेकिन 127 रनों पर ही अपने पांच विकेट खो दिए. नवजोत सिंह सिद्धू (0), रवि शास्त्री, (12), संजय मांजरेकर (50), दिलीप वेंगसरकर (32), मोहम्मद अजहरूद्दीन (11) पवेलियन लौट गए. भारत पर हार का खतरा मंडराने लगा था.

इसके बाद सचिन (Sachin Tendulkar) ने टीम इंडिया को हार से बचाने का जिम्मा उठाया. उन्होंने अंग्रेज गेंदबाजों से लोहा लिया और लड़ाई लड़ी. कपिल देव ने उनका साथ देने की कोशिश की लेकिन 26 रन बनाकर वह आउट हो गए. भारतीय टीम फिर संकट में थी लेकिन सचिन खड़े थे और लड़ने को तैयार थे. इसमें मनोज प्रभाकर ने उनका साथ दिया. दोनों ने मिलकर सातवें विकेट के लिए 160 रनों की साझेदारी की और मैच ड्रॉ करा लिया.

सचिन ने इस मैच में नाबाद 119 रनों की पारी खेली जिसमें उन्होंने 189 गेंदों का सामना किया और 17 चौके मारे. सचिन उस समय महज 17 साल 112 दिन के थे. उस समय सचिन सबसे कम उम्र में टेस्ट शतक जमाने वाले बल्लेबाजों की सूची में आ गए थे. लेकिन सचिन को भी नहीं पता था कि ये उस शतकीय सफर की शुरुआत है जिसकी कल्पना भी किसी ने नहीं की थी. सचिन का ये पहला इंटरनेशनल शतक था और बाद में उन्होंने इंटरनेशनल स्टेज पर 100 शतक जमाए. मनोज प्रभाकर ने इस मैच में 128 गेंदों का सामना करते हुए आठ चौके मारे थे.