Raipur City South Assembly Elections News : छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर की सबसे हाईप्रोफाइल सीट रायपुर दक्षिण विधानसभा (Raipur City South Vidhansabha) । इस सीट पर सिर्फ और सिर्फ एक उम्मीदवार की तूती बोलती है, वो उम्मीदवार हैं पूर्व मंत्री और वर्तमान विधायक बृजमोहन अग्रवाल। बृजमोहन अग्रवाल के कद का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि इस सीट पर उन्हें हराने के लिए विरोधियों ने कई बार खेमेबंदी की, लेकिन हर बार बृजमोहन पहले से ताकतवर बनकर उभरे। चाहे छत्तीसगढ़ में किसी की भी लहर चले या माहौल बने, पर दक्षिण विधानसभा में बृजमोहन को पिछले सात चुनाव से कोई हारा नहीं सका।
इस सीट (Raipur City South Vidhansabha) पर अविभाजित मध्यप्रदेश के समय से ही बृजमोहन अग्रवाल विधायक हैं। बृजमोहन अग्रवाल 1990 में पहली बार अविभाजित मध्य प्रदेश में विधायक बनें। इसके बाद भी वो 1993,1998 में भी अविभाजित मध्य प्रदेश में विधायक बनें। फिर छत्तीसगढ़ राज्य का गठन हुआ। इसके बाद बृजमोहन अग्रवाल लगातार चार बार 2003, 2008, 2013 और 2018 में चुनाव जीत कर विधानसभा पहुंच रहे हैं। 2023 विधानसभा चुनाव के लिए बृजमोहन अग्रवाल फिर बीजेपी के उम्मीदवार हो सकते हैं। वहीं कांग्रेस की ओर से रायपुर महापौर एजाज ढेबर और सभापति प्रमोद दुबे ने दावेदारी पेश की है।
दक्षिण विधानसभा की समस्याएं : रायपुर दक्षिण विधानसभा (Raipur City South Vidhansabha) क्षेत्र के समस्याओं की बात की जाए यहां की कई तरह की समस्याओं का सामना स्थानीय लोगों को करना पड़ रहा है। इस क्षेत्र में बिजली, पानी, स्वास्थ्य, शिक्षा समेत सभी मूलभूत सुविधाएं हैं, लेकिन सबसे बड़ी अतिक्रमण की समस्या है। इसके अलावा बारिश के समय होने वाला जलभराव लोगों के लिए मुसीबत का सबब बना हुआ है। पानी के निकासी की उचित व्यवस्था नहीं होने के कारण बारिश के दिनों में लोगों का घरों से बाहर निकलना मुश्किल हो जाता है। बारिश में ड्रेनेज सिस्टम पूरी तरह से फेल हो जाता है।
विपक्षी कमजोर उम्मीदवार, बृजमोहन को फायदा : बृजमोहन अग्रवाल का मैनेजमेंट काफ ी तगड़ा है। जिस वजह से इस सीट को भेदने में कांग्रेस सहित कोई भी राजनीतिक दल या फिर निर्दलीय उम्मीदवार अब तक कामयाब नहीं रहा है। बृजमोहन पार्टी के साथ-साथ दूसरे राजनीतिक दलों और अन्य लोगों से भी बेहतर संबंध स्थापित करने में कामयाब रहे हैं। राजनीतिक जानकारों का कहना है कि कांग्रेस बृजमोहन (Raipur City South Vidhansabha) के खिलाफ कभी भी कोई बड़ा दमदार उम्मीदवार मैदान में नहीं खड़ा करती है। इस वजह से ही बृजमोहन अग्रवाल लगातार जीतते आए हैं। अगर बृजमोहन अग्रवाल जैसे कद्दावर नेता की तरह कांग्रेस से कोई बड़ा नेता यहां से चुनाव लड़े तो मुकाबला बराबरी का हो सकता है।
पुराने वायदे पूरे नहीं, खड़ी हो सकती है समस्या : भाटागांव, बैरनबाजार, डगनिया, सुंदरनगर, लाखेनगर, मठपुरैना जैसे क्षेत्रों में स्वच्छ पेयजल के लिए पाइप लाइन बिछाई गई है, सभी मूलभूत सुविधाएं हैं। छोटे-छोटे बहुत से कार्य किए गए हैं लेकिन पिछले साढ़े चार वर्ष से अधिक समय में कोई बड़ा प्रोजेक्ट इस विधानसभा क्षेत्र में नहीं आया है। पुरानी बस्ती से महाराजाबंध तालाब, कुशालपुर होते हुए रिंग रोड चौक तक सड़क चौड़ीकरण का काम किया जाना था। यह प्रोजेक्ट भी ठंडे बस्ते में चला गया है। ऐसे ही भाटागांव और मठपुरैना के बीच 100 बिस्तर का अस्पताल बनाया जाना था। विधायक बृजमोहन अग्रवाल ने इसके लिए भूमिपूजन भी किया था लेकिन 15 वर्षों बाद भी यह अस्पताल धरातल पर नही उतर पाया है। ये पुराने वायदे 2023 में बृजमोहन अग्रवाल के लिए समस्याएं खड़ी कर सकती हैं।
पिछले तीन चुनाव के परिणाम
2018 विस चुनाव
बृजमोहन अग्रवाल बीजेपी 77589
कन्हैया अग्रवाल कांग्रेस 60093
2013 विधानसभा चुनाव
बृजमोहन अग्रवाल बीजेपी 81429
किरणमयी नायक कांग्रेस 46630
2008 विधानसभा चुनाव
बृजमोहन अग्रवाल बीजेपी 65686
योगेश तिवारी कांग्रेस 40747
मतदाताओं पर एक नजर
कुल मतदाता
2,38,780
पुरूष मतदाता
1,20,706
महिला मतदाता
1,18,017
थर्ड जेंडर मतदाता
57