Baramkela News : सरकारी स्कूलों में शाला प्रबंधन विकास समिति के पदाधिकारियों के दखल के बाद गोबरसिंहा स्कूल में प्राचार्य पद (Principal’s Charge Controversy) को लेकर विवाद की स्थिति निर्मित हो गया है। जबकि वर्ष 2010 से शाला प्रबंधन विकास समिति के अभिमत को निरस्त कर वरिष्ठता क्रम के प्राथमिकता देना है, लेकिन यहां पर पालन नहीं किया जा रहा है। अब मामले की जांच शुरु कर दी गई है।
छत्तीसगढ़ के सारंगढ़-बिलाईगढ़ जिले के बरमकेला तहसील अंतर्गत शासकीय उच्चतर माध्यमिक विद्यालय गोबरसिंहा में प्राचार्य पद का प्रभार न मिलने की शिकायत कलेक्टर व डीईओ से हुई थी। मामले की जांच के लिए सेजेस स्कूल के प्राचार्य (Principal’s Charge Controversy) नरेश कुमार चौहान को अधिकारी नियुक्त किया गया था। ऐसे में जांच अधिकारी चौहान सोमवार को गोबरसिंहा स्कूल पहुंचे और उभय पक्ष के अभिमत लेकर जांच प्रतिवेदन तैयार की।
बरमकेला के शासकीय उच्चतम माध्यमिक विद्यालय गोबरसिंहा के प्राचार्य पद (Principal’s Charge Controversy) के लिए वरिष्ठता के आधार पर व्याख्याता शिक्षक सुरेन्द्र कुमार साहू को आदेशित किया गया है लेकिन व्याख्याता शिक्षक भुवनेश्वर नायक ने उक्त आदेश का अवहेलना कर शाला प्रबंधन विकास समिति के पदाधिकारियों को बरगलाकर प्राचार्य पद का प्रभार देने में आनाकानी करने की शिकायत कलेक्टर व डीईओ से पिछले सप्ताह को किया गया था।
इसकी जांच अधिकारी नरेश चौहान सोमवार दोपहर दो बजे गोबरसिंहा स्कूल पहुंचे थे। जांच अधिकारी चौहान ने शाला प्रबंधन विकास समिति के उत्तम पटेल, निरंजन पटेल, लक्ष्मी पटेल को बुलाया। इसके बाद शिकायत कर्ता आलोक पटेल, गिरिजा शंकर पाण्डेय, छोटेलाल साहू को भी बुलाए।
दोनों पक्ष की बातों को एक एक करके सुनें और बयान दर्ज की। शिकायत कर्ताओं का कहना था कि शासन के लोक शिक्षण संस्थान के नियमानुसार प्राचार्य पद का प्रभार योग्य शिक्षक को प्रभार देने को कहा गया। इन्ही दलीलें को सुन जांच अधिकारी ने जांच प्रतिवेदन तैयार किया गया है और जांच प्रतिवेदन डीईओ एलपी पटेल को सौंपा जाएगा।
जांच अधिकारी द्वारा प्राचार्य पद के विवाद में उलझे व्याख्याता शिक्षक सुरेन्द्र कुमार साहू, भुवनेश्वर नायक के अलावा विद्यालय के अन्य शिक्षकों का अलग अलग लिखित में अभिमत पत्र लिया गया। साथ ही चौहान ने विद्यालय में सौहार्द वातावरण बनाए रखने की अपील की।
इस बीच जांच अधिकारी के समक्ष विद्यालय से जुड़े दो जनप्रतिनिधि आपस में तू – तू मैं – मैं करने लगे। जबकि जांच के विषय को छोड़ एक दूसरे के पद – प्रतिष्ठा को लेकर आपस में उलझ गए थे। ऐसे स्थिति में उपस्थित जनों ने किसी तरह से दोनों को शांत कराया।
” जांच के दौरान दोनों पक्ष का अभिमत लिया गया है। व्याख्याता शिक्षकों का अलग से अभिमत पत्र लेकर जांच प्रतिवेदन बनाया जा रहा है। जांच प्रतिवेदन डीईओ को सौंपा जाएगा और आगे की कार्रवाई उच्च अधिकारी करेगें।
नरेश कुमार चौहान, जांच अधिकारी.