Oil Palm Subsidy : कृषकों की आय बढ़ाने और वैकल्पिक नकदी फसलों को प्रोत्साहित करने की दिशा में ऑयल पाम खेती (Oil Palm Farming) को लेकर डोंगरगढ़ विकासखंड के ग्राम लभानिनभाठा में विशेष प्रशिक्षण कार्यक्रम आयोजित किया गया। यह प्रशिक्षण उद्यानिकी विभाग एवं अम्मा ऑयल पाम प्लांटेशन लिमिटेड के संयुक्त तत्वावधान में संपन्न हुआ, जिसमें बड़ी संख्या में कृषकों ने भाग लिया।
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प्रशिक्षण के दौरान कृषकों को ऑयल पाम की खेती की वैज्ञानिक तकनीक, पौधरोपण, पौधों की देखरेख, सिंचाई व्यवस्था, उत्पादन प्रक्रिया, तेल का उपयोग, उसका खाद्य महत्व एवं बाजार मूल्य की विस्तृत जानकारी (Oil Palm Farming) दी गई। कम्पनी प्रतिनिधि सिद्धार्थ चन्द्राकर ने बताया कि पौधरोपण से लेकर उत्पादन तक सही तकनीक अपनाने से यह फसल दीर्घकाल में अत्यधिक लाभकारी सिद्ध हो सकती है।
वरिष्ठ उद्यान विकास अधिकारी आर.के. मेहरा ने ऑयल पाम खेती (Oil Palm Farming) के लिए शासन द्वारा दी जा रही अनुदान योजनाओं की जानकारी देते हुए बताया कि कृषकों को शत-प्रतिशत अनुदान पर पौधे उपलब्ध कराए जा रहे हैं।
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इसके अलावा पौधों के रखरखाव एवं अंतवर्तीय फसल रोपण के लिए 21-21 हजार रुपये तथा ड्रिप सिंचाई स्थापना हेतु 17 हजार 269 रुपये प्रति हेक्टेयर का अनुदान दिया जा रहा है। दो हेक्टेयर तक रोपण करने पर नलकूप खनन के लिए 50 हजार रुपये और पम्प प्रतिस्थापन हेतु 27 हजार 500 रुपये का अतिरिक्त अनुदान भी उपलब्ध है।
उन्होंने बताया कि रोपण के बाद फलन प्रारंभ होने पर यदि कृषक तीन वर्ष तक निरंतर ऑयल पाम की खेती करता है, तो ट्रैक्टर क्रय के लिए 2 लाख रुपये का अतिरिक्त अनुदान भी दिया जाएगा। उत्पादन के संदर्भ में बताया (Oil Palm Farming) गया कि प्रति हेक्टेयर 143 पौधों के रोपण से लगभग 20 टन उपज प्राप्त होती है। वर्तमान बाजार दर 16 से 22 रुपये प्रति किलो के आधार पर करीब 3 लाख 20 हजार रुपये प्रति हेक्टेयर आमदनी संभव है।
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प्रशिक्षण कार्यक्रम में प्रगतिशील कृषक एनेश्वर वर्मा, मनीराम लिल्हारे, गैंदलाल देवांगन, ओमप्रकाश देवांगन, नवीन परमार सहित बड़ी संख्या में किसान (Oil Palm Farming) उपस्थित रहे। उद्यानिकी विभाग एवं अम्मा ऑयल पाम प्लांटेशन कम्पनी के अधिकारी-कर्मचारियों ने भी कार्यक्रम में सहभागिता निभाई।


