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Konta Vidhan Sabha : कांग्रेस का अभेद किला है यह विधानसभा, लगातार 5 बार हार चुकी बीजेपी

Konta Assembly Elections News : छत्तीसगढ़ के दक्षिण क्षेत्र में आंध्रप्रदेश और ओडि़शा सीमा से सटा बस्तर संभाग के सुकमा जिले का कोंटा विधानसभा (Konta Vidhan Sabha) आदिवासी समाज के लिए आरक्षित हैं। वर्तमान में यहां कवासी लखमा विधायक हैं, जो भूपेश सरकार में आबकारी मंत्री हैं। यह सीट कांग्रेस का अभेद किला है। कवासी लखमा 1998 से लगातार यहां 5 बार से विधायक हैं। 2023 विधानसभा चुनाव में भी लखमा कांग्रेस के उम्मीदवार हो सकते हैं, क्योंकि कोंटा विधानसभा से किसी अन्य ने दावेदारी पेश नहीं की है।

कोंटा विधानसभा (Konta Vidhan Sabha) में जातिगत समीकरण की बात करें तो इस सीट पर 80 फीसद आदिवासी, 20 फीसद अनुसूचित जाति के लोग रहते हैं। इसके अलावा पिछड़ा और सामान्य वर्ग के लोग भी यहां रहते हैं। साथ ही माडिय़ा, हल्बा, दोरला, मुरिया जाति के लोग यहां निवास करते हैं। ये चारों ही अनुसूचित जनजाति के अंतर्गत आते हैं। आदिवासियों की इस सीट पर संख्या भी सबसे अधिक है। इसके कारण पार्टियों का फ ोकस भी आदिवासियों पर रहता है। साल 2018 में भाजपा ने मुरिया जाति के धनीराम बरसे को अपना उम्मीदवार बनाया था।

बीजेपी से चार उम्मीदवार : बस्तर संभाग की 12 विधानसभा सीटों में से सबसे हाई प्रोफ ाइल सीट माने जाने वाली सुकमा की कोंटा विधानसभा (Konta Vidhan Sabha) में बीजेपी कमल खिलाने पूरजोर कोशिश कर रही है। बावजूद इस सीट पर अब तक कमल नहीं खिला है। 1998 से लेकर 2018 तक बीजेपी ने 2013 और 2018 में ही एक ही उम्मीदवार पर भरोसा जताया था। इसके बाद हर चुनाव में चेहरे बदलने के बाद भी कामयाबी नहीं मिली। इस बार इस सीट पर भाजपा से चार प्रमुख दावेदारों के नाम सामने आ रहे। इनमें पूर्व जिलाध्यक्ष हूंगाराम मरकाम, सोयम मुक्का, दीपिका सोरी और पूर्व विधायक धनीराम बारसे शामिल हैं।

कोंटा विस के प्रमुख मुद्दे और समस्याएं : कोंटा विधानसभा (Konta Vidhan Sabha) पूरी तरह से नक्सल प्रभावित क्षेत्र है। नक्सलवाद यहां की सबसे बड़ी समस्या है। इसके साथ ही कोंटा विधानसभा क्षेत्र के अंदरूनी इलाकों में बुनियादी सुविधाओं की कमी है। यहां के अंदरूनी क्षेत्र के ग्रामीण आज भी झरिया का पानी पीने को मजबूर है। बिजली, पानी और सड़क अंदरूनी क्षेत्रों के ग्रामीणों से कोसों दूर है। इसके अलावा पोलावरम बांध यहां एक बड़ा मुद्दा है। पोलावरम बांध के बन जाने से कोंटा विधानसभा के कई गांव डूबान क्षेत्र में आएंगे। बीते दो-तीन सालों से लगातार पोलावरम बांध की वजह से शबरी नदी का पानी बैकवॉटर बन कर सुकमा जिले की ओर बढ़ता जा रहा है। कोंटा क्षेत्र पूरी तरह से डूब जाता है। इसके अलावा निर्दोष आदिवासियों को नक्सली बताकर जेलों में बंद किया गया है। उनकी रिहाई भी यहां बड़ा मुद्दा है।

मतदाताओं पर एक नजर
कुल मतदाता
1,56,280
पुरूष मतदाता
73,600
महिला मतदाता
82,679
थर्ड जेंडर मतदाता
01

पिछले चार चुनाव के परिणाम
2018 विस
कवासी लखमा कांग्रेस 31,933
धनीराम बारसे बीजेपी 25224

2013 विस
कवासी लखमा कांग्रेस 27610
धनीराम बारसे बीजेपी 21824

2008 विस
कवासी लखमा कांग्रेस 21630
पदम नंदा बीजेपी 21438

2003 विस
कवासी लखमा कांग्रेस 32067
मनीष कुंजाम सीपीआई 14669

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