Friday, November 22, 2024
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Kisan Niti : तेलंगाना के किसानों ने छत्तीसगढ़ में संचालित किसान हितैषी  नीतियों और योजनाओं को सराहा 

Chhattisgarh : छत्तीसगढ़ का विकास मॉडल देखने आए तेलंगाना के किसानों ने छत्तीसगढ़ में संचालित किसान हितैषी नीतियों (Kisan Niti ) और योजनाओं को सराहा। तेलंगाना के विभिन्न जिलों से आए  500 किसानों ने राजनांदगांव और दुर्ग जिले में छत्तीसगढ़ सरकार द्वारा संचालित की जा रही किसान हितैषी योजनाओं का अवलोकन करने के बाद आज सवेरे मुख्यमंत्री भूपेश बघेल से उनके निवास में प्रदेश के मुखिया से अपने अनुभव साझा किए। कार्यक्रम की शुरुआत करते हुए तेलंगाना से आए किसान प्रतिनिधियों ने पारम्परिक वस्त्र गोंगड़ी पहनाकर और बैलगाड़ी का मॉडल भेंट कर  मुख्यमंत्री का स्वागत एवं अभिनंदन किया।

  तेलंगाना के किसानों ने (Kisan Niti ) इसके पहले राजनांदगाव जिले के डोंगरगांव विकासखण्ड के अमलीडीह गौठान और दुर्ग जिले के पुलगांव गौठान का अवलोकन किया और छत्तीसगढ़ के किसानों, मजदूरों और गौपालकों से चर्चा कर योजनाओं की विस्तृत जानकारी ली। छत्तीसगढ़ सरकार की योजनाओं और नीतियों की तारीफ करते हुए तेलंगाना के किसान प्रतिनिधि शरद कुमार ने कहा छत्तीसगढ़ सरकार आम जनता और किसानों के हित में महत्वपूर्ण योजनाएं संचालित कर रही हैं और इनका लाभ भी आम जनता को मिल रहा है।

मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के नेतृत्व की सरकार ने महात्मा गाँधी की ग्राम स्वराज की कल्पना को साकार किया है। धान का बेहतर मूल्य, गोबर की खरीदी, जैविक खेती को प्रोत्साहन मिलने से यहां के किसानों के चेहरे पर खुशी दिख रही है। श्री शरद कुमार ने कहा कि भूपेश सरकार का यह किसान मॉडल पूरे देश में भी लागू किया जाना चाहिए। शरद कुमार ने प्रदेश सरकार द्वारा संचालित की जा रही योजनाओं की तारीफ करते हुए कहा कि किसान हितैषी (Kisan Niti ) योजनाओं से न केवल किसान समृद्ध हो रहे हैं, बल्कि बेहतर आजीविका भी सुनिश्चित हो रही है और इस पूरे मॉडल को समझने के लिए तेलंगाना से हम सभी किसान छत्तीसगढ़ आए हैं। 

   तेलंगाना से आए किसान एम. शिवा वीर रेड्डी ने कहा आपकी सरकार प्रदेश के किसानों (Kisan Niti ) के लिए बढ़िया काम कर रही है। गोबर खरीदी योजना से पूरे देश  में आपकी पहचान गोबर खरीदने वाले मुख्यमंत्री के रूप में बनी है। श्री स्वामी ने कहा कि मैं स्वयं गोपालन करता हूं यदि आप जैसी योजनाएं हमारे भी प्रदेश में भी संचालित होती तो मैं एक सौ नहीं हजार गाय पालता। श्री स्वामी ने कहा कि छत्तीसगढ़ में गौठान, गोपालन तथा किसानों के हित में संचालित की जा रही योजनाओं का, मीडिया के जरिए पूरे देश में प्रचार-प्रसार होना चाहिए ताकि अन्य प्रदेश के किसानों को भी इसकी जानकारी मिल सके।

     कार्यक्रम को संबोधित करते हुए मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कहा हमारी सरकार किसानों (Kisan Niti ) की सरकार है और किसानों की खुशहाली और समृद्धि के लिए हम संकल्पित हैं। उन्होंने कहा कि पिछली सरकार में केवल 12 लाख किसान प्राथमिक सहकारी सोसाइटी में धान बेचते थे परंतु आज 23 लाख से अधिक किसान सोसाइटी में धान बेच रहे हैं और पैसा तत्काल उनके  खातों में पहुँच रहा है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि राजीव गांधी किसान न्याय योजना से अब तक 26 लाख से अधिक किसान लाभान्वित हो चुके हैं, देश में धान का सर्वाधिक मूल्य छत्तीसगढ़ के किसानों (Kisan Niti ) को एम.एस.पी. और इन्पुट सब्सिडी मिलाकर मिल रहा है। मुख्यमंत्री श्री बघेल ने कहा कि इस वर्ष साढ़े 23 लाख किसानों से 107 लाख मीट्रिक टन धान की खरीदी की गई है। अभी तक हम किसानों से 15 क्विंटल प्रति एकड़ धान की खरीदी कर रहे थे, अब 20 क्विंटल प्रति एकड़ धान की समर्थन मूूल्य पर खरीदी की जाएगी। हमारी सरकार 67 प्रकार के लघु वनोपजांे की खरीदी कर रही है और उनका वैल्यू एडिशन कर सी मार्ट के जरिए बिक्री भी की जा रही है। गोबर खरीदी योजना से यहां के किसान गोबर बेच कर लखपति बन रहे हैं।  मुख्यमंत्री श्री बघेल ने कहा हमारे यहां न केवल गोबर से पेंट का निर्माण किया जा रहा है बल्कि गोबर से बिजली उत्पादन को भी हम प्रोत्साहन दे रहे हैं। 

    मुख्यमंत्री ने कहा कि धान से एथेनॉल बनाने के लिए अनुमति देने के संबंध में हमने प्रधानमंत्री जी को पत्र लिखा है यदि अनुमति मिलती है तो प्रदेश के किसानों को धान का और भी ज्यादा मूल्य प्राप्त होगा। प्रदेश में आदिवासियों के लिए चल रही योजनाओं के प्रश्न पर जवाब देते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि हमारी सरकार आदिवासियों और वनवासियों के हितों के प्रति पूरी तरह संवेदनशील है।

लघु वनोपजों के समर्थन मूल्य पर खरीदी, वनोत्पाद आधारित आजीविका गतिविधि तथा वन अधिकार पट्टा प्रदान कर सरकार आदिवासियों के जीवन में खुशहाली लाने का कार्य कर रही है। मुख्यमंत्री श्री बघेल ने कहा कि वन अधिकार पट्टा योजना के जरिए 5 लाख किसानों व्यक्तिगत वन अधिकार पट्टे दिये गए है इसी तरह सामुदायिक वन अधिकार 18 लाख हेक्टेयर से अधिक जमीन पर आदिवासियों एवं पात्र हितग्राहियों को प्रदान किया जा चुका है।

इसमें वन संसाधन अधिकार भी शामिल हैं। मुख्यमंत्री ने छत्तीसगढ़ में किसानों की कर्जमाफी, समर्थन मूल्य पर धान खरीदी की सुचारू व्यवस्था, हाफ बिजली बिल योजना, किसानों को 5 हॉर्सपावर तक के सिंचाई पंप पर बिजली की छूट, मछली पालन और लाख पालन को कृषि का दर्जा देने की योजना की भी विस्तार से जानकारी दी। किसान, गौपालक, वनवासियों के जो उत्पाद है उनकी खरीदी प्रसंस्करण और विक्रय की व्यवस्था राज्य सरकार द्वारा की जा रही है। सी-मार्ट सहित अमेजान और फ्लिपकार्ट जैसे प्लेटफार्म पर इनके उत्पादों की बिक्री की जा रही है।