Karpoori Thakur Bharat Ratna : केंद्र सरकार ने बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री और स्वतंत्रता सेनानी कर्पूरी ठाकुर (Karpoori Thakur) को भारत रत्न देने का एलान किया है। पिछड़े वर्गों के हितों की वकालत करने वाले स्वर्गीय कर्पूरी ठाकुर को उनकी जयंती (24 जनवरी) पर मरणोपरांत भारत रत्न से सम्मानित किया जाएगा।
साल 1924 में पैदा हुए कर्पूरी ठाकुर (Karpoori Thakur) की कल यानि की बुधवार को 100वीं जयंती है। आज से करीब 36 साल पहले 17 फरवरी साल 1988 में कर्पूरी ठाकुर का निधन हुआ था। कर्पूरी ठाकुर बिहार की राजनीति में बहुत बड़ा नाम थे। वह बिहार के दूसरे उपमुख्यमंत्री थे। जबकि उन्होंने दो बार राज्य के मुख्यमंत्री का पद भी संभाला था।
बता दें कि जनता दल यूनाइटेड (जेडीयू) ने कर्पूरी ठाकुर को भारत रत्न दिए जाने की मांग की थी। जिसके बाद उनकी 100वीं जयंती से कुछ ही घंटे पहले इस संबंध में राष्ट्रपति भवन की ओर से बयान जारी करके इसका एलान किया गया। इस एलान के बाद जेडीयू ने मोदी सरकार का आभार जताया है।
अपने पिता कर्पूरी ठाकुर को मरणोपरांत भारत रत्न दिए जाने के एलान के बाद बेटे रामनाथ ठाकुर ने कहा “हमें 36 साल की तपस्या का फल मिला है। मैं अपने परिवार और बिहार के 15 करोड़ो लोगों की तरफ से सरकार को धन्यवाद देना चाहता हूं।”
कर्पूरी ठाकुर (Karpoori Thakur) का जन्म 24 जनवरी साल 1924 में समस्तीपुर जिले के पितौझिया गांव में हुआ था। महज 16 साल की उम्र में साल 1940 में वह स्वतंत्रता की लड़ाई में उतर आए थे। इसके करीब दो साल बाद 1942 में कर्पूरी ठाकुर ने महात्मा गांधी के असहयोग आंदोलन में हिस्सा लिया।
इसकी वजह से उन्हें जेल की हवा भी खानी पड़ी थी। लगभग तीन साल बाद 1945 वह जेल से बाहर आए और धीरे-धीरे समाजवादी आंदोलन का मुख्य चेहरा बन गए। इस आंदोलन का उद्देश्य अंग्रेजों से आजादी के साथ-साथ देश में जातीय व सामाजिक भेदभाव से भी आजादी पाना था।