Chhattisgarh Assembly Election 2023 : जांजगीर-चंपा (Janjgir Champa Vidhansabha) राज्य के बीचो-बीच बसा हुआ है। इसीलिए इसे छत्तीसगढ़ के दिल के रूप में देखा जाता है। ये कलचुरी राजवंश के महाराजा जांजवाल्य देव का शहर है। विष्णु मंदिर इस जिले के सुनहरे अतीत को दर्शाता है. विष्णु मंदिर वैष्णव समुदाय का एक प्राचीन कलात्मक नमूना है।
छत्तीसगढ़ की जांजगीर-चांपा विधानसभा सीट (Janjgir Champa Vidhansabha) पर बीजेपी का कब्जा है। पिछले चार चुनाव के नतीजे देंखे तो एक बार बीजेपी और एक बार कांग्रेस वाले नतीजे सामने आते रहे हैं। इस समीकरण के लिहाज से इस बार बारी कांग्रेस की है, लेकिन बसपा यहां पर दोनों पार्टियों को कांटे टक्कर देती रही है। ऐसे में त्रिकोणीय मुकाबला होने की संभावना है।
जांजगीर-चंपा विधानसभा (Janjgir Champa Vidhansabha) चुनाव की सियासी लड़ाई बीजेपी के नारायण चंदेल और कांग्रेस के मोतीलाल देवांगन के बीच ही पिछले दो दशक से होती आ रही है। जांजगीर-चांपा विधानसभा जिला मुख्यालय की सीट है लेकिन जिला बनने के 25 साल बाद भी कई मूलभूत सुविधाओं की कमी क्षेत्रवासी महसूस कर रहे हैं। नैला-बलौदा मार्ग पर रेलवे ओवर ब्रिज, रेलवे स्टेशन में कई एक्सप्रेस ट्रेनों का ठहराव और यात्री सुविधाओं में वृद्धि की मांग लगातार उठती रही है, मगर अब तक इस दिशा में ठोस पहल नहीं हो सकी है।
दो नपा एक नगर पंचायत शामिल : वर्ष 2003 के चुनाव के पहले क्षेत्र चांपा विधानसभा (Janjgir Champa Vidhansabha) अंतर्गत चुनाव होता था, मगर 2008 के चुनाव में हुए परिसीमन के तहत जांजगीर चांपा विधानसभा का नामकरण नगर पालिका जांजगीर नैला और चांपा को मिलाकर हुआ। इस विधानसभा में जांजगीर और चांपा नगर पालिका के अलावा नगर पंचायत नवागढ़ भी शामिल है। इसके अलावा काफ ी बड़ा हिस्सा ग्राम पंचायतों का है। स्वर्णिम अतीत के बाद भी यह विधानसभा क्षेत्र निरंतर विकास की बाट जोह रहा है।
बसपा की भी रहती है अहम भूमिका : पामगढ़ व जैजैपुर विधानसभा (Janjgir Champa Vidhansabha) की तरह जांजगीर-चाम्पा विधानसभा मे भी बसपा की प्रभावपूर्ण भूमिका रही है। वर्ष 2003 के चुनाव में बसपा के उदल किरण को 15009 वोट मिले थे। वहीं 2008 के चुनाव में बसपा के रविंद्र द्विवेदी ने 18113 दोनों दल को प्रभावित किया था। इसी तरह 2013 के चुनाव में बसपा के अमर सिंह राठौर ने 27487 वोट पाकर कड़ी टक्कर दी थी। 2018 के चुनाव में तो बसपा के व्यास कश्यप ने 33505 पाकर दोनों प्रमुख दलों को चुनौती दी थी। इससे समझा जा सकता है कि जांजगीर चांपा सीट में बसपा को नकार पाना इतना आसान नहीं है। वही इस बार जांजगीर चांपा सीट से बसपा ने अपनी पहली सूची में राधेश्याम सूर्यवंशी को मैदान में उतारा है।
तीसरी बार विधायक चुने गए चंदेल : नारायण चंदेल इस विधानसभा (Janjgir Champa Vidhansabha) क्षेत्र से अविभाजित मध्यप्रदेश में 1998 में पहली बार विधायक निर्वाचित हुए थे। इसके बाद छत्तीसगढ़ राज्य गठन के बाद वर्ष 2008 में दूसरी बार अपने प्रतिद्वंदी कांग्रेस के विधानसभा प्रत्याषी मोतीलाल देवांगन को 1190 मतों से हराकर विधायक चुने गए और उन्हें विधानसभा उपाध्यक्ष की जिम्मेदारी दी गई थी। वर्ष 2018 में वे तीसरी बार यहां के विधायक बने हैं। वर्तमान में वह विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष की जिम्मेदारी निभा रहे हैं।
इन सुविधाओं की कमी : जिला मुख्यालय को अन्य शहरों को जोडने वाली सिटी बसों का परिचालन पिछले चार साल से बंद है, इसके चलते क्षेत्रवासियों को आवागमन में परेशानी होती है। जांजगीर में पेयजल की समस्या है। जल आवर्धन योजना के काम की गति धीमी है। उद्योगों के बढऩे के कारण जलने व झुलसने की घटनाएं आए दिन होती है मगर जिला अस्पताल में बर्न यूनिट नहीं होने से मरीजों को बिलासपुर या रायपुर रेफर करना पड़ता है। नैला बलौदा मार्ग पर स्थित रेलवे फ ाटक के पास ओवरब्रिज की आवश्यकता भी बनी हुई है। यहां रोज घंटों जाम की स्थिति निर्मित होती है। जिला मुख्यालय के शासकीय टीसीएल कालेज में भवन का अभाव है। कई विषयों में पीजी होने के बाद भी यहां विद्यार्थियों की पढ़ाई के लिए पर्याप्त क्लास रूम तक की व्यवस्था नहीं है।
2018 विधानसभा चुनाव
नारायण चंदेल भाजपा 54040
मोतीलाल देवांगन कांग्रेस 49852
2013
मोतीलाल देवांगन कांग्रेस 54291
नारायण चंदेल भाजपा 44080
2008
नारायण चंदेल भाजपा 42006
मोतीलाल देवांगन कांग्रेस 40816
2003
मोतीलाल देवांगन कांग्रेस 52075
नारायण चंदेल भाजपा 44365
मतदाताओं पर नजर
कुल मतदाता 2,04,410
पुरूष 1,04,156
महिला 1,00,247
थर्ड जेंडर 07