Saturday, November 9, 2024
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Happy Birthday VVS : डॉक्टर बनते-बनते क्रिकेटर बन गए, कलाई के जादूगर ने कंगारूओं की जमकर की कुटाई

खेल डेस्क। 1999 से लेकर 2005 तक कोलकाता के प्रिंस सौरव गांगुली की कप्तानी , सचिन तेंदुलकर-राहुल द्रविड़ का संघर्ष और वीवीएस लक्ष्मण की स्पेशल पारियां लंबे वक्त तक भारतीय क्रिकेट की पहचान रही. इस ‘चौकड़ी’ ने टीम इंडिया को कई यादगार जीत दिलाई. 2001 में स्टीव वॉ की अजेय ऑस्ट्रेलिया के 16 टेस्ट के विजय रथ को रोकने का करिश्मा शायद ही कोई भूला होगा. तब लक्ष्मण ने फॉलोऑन खेलते हुए कोलकाता में 281 रन की पारी खेली थी. जिसने ना सिर्फ टीम इंडिया की जीत की नींव रखी, बल्कि लक्ष्मण को हमेशा-हमेशा के लिए टेस्ट क्रिकेट में ‘वेरी-वेरी स्पेशल बल्लेबाज’ के रूप में स्थापित कर दिया. 1 नवंबर 1974 को हैदराबाद में पैदा हुए लक्ष्मण का आज 48वां जन्मदिन है. वो उस दौर में भारतीय टीम में खेले जब तेंदुलकर, द्रविड़ और सौरव गांगुली सरीखे दिग्गज बल्लेबाज टीम में थे. लेकिन लक्ष्मण ने अपनी अलग जगह बनाई.sourav ganguly, सचिन, द्रविड़ और लक्ष्मण के साथ तस्वीर, गांगुली बोले- हर लम्हे का आनंद लिया - iconic quartet of india photograph sourav ganguly says great time of life - Navbharat Times

क्रिकेट और डॉक्टरी में उन्होंने क्रिकेट को चुना : 1 नवंबर 1974 को हैदराबाद में जन्में वीवीएस का पूरा नाम वांगीपुरप्पु वेंकट साईं लक्ष्मण था। उनके माता-पिता एक डॉक्टर थे, इसलिए वो भी पढ़ाई में बचपन से ही काफी तेज थे। उनकी लाइफ में एक बार ऐसी सिचुएशन आई, जब उन्हें क्रिकेट और डॉक्टरी में से किसी एक को चुनना था। ऐसे में लक्ष्मण ने अपनी दिल की सुनी और क्रिकेट को अपना करियर बनाया। ये बात बहुत कम लोग ही जानते हैं, कि लक्ष्मण भारत के पहले वाइस प्रेसिडेंट डॉ. सर्वपल्ली राधाकृष्णन के पड़पोते हैं। 

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वीवीएस लक्ष्मण ने साल 1996 में साउथ अफ्रीका के खिलाफ टेस्ट क्रिकेट में डेब्यू किया था। अपने करियर की पहली सेंचुरी लगाने के लिए लक्ष्मण को 3 साल से ज्यादा का समय लगा और आखिरकार 2000 में उन्होंने ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ 167 रनों की पारी खेलकर अपनी पहली सेंचुरी लगाई। इसके बाद से ही लक्ष्मण कंगारुओं के दुश्मन बन गए। इसके बाद 2001 में भी उन्होंने कंगारुओं के खिलाफ 281 रनों की पारी खेलकर न सिर्फ टीम इंडिया को फॉलोऑन से उबारा, बल्कि टीम को जीत भी दिलाई। इसके साथ ही लगातार 16 मैच जीतते आ रही ऑस्ट्रेलिया के विजयरथ पर भी लगाम लगाई। Laxman's busier after retirement, says Sailaja

वीवीएस लक्ष्मण ने ऑस्ट्रेलिया से ऐसे समय में दुश्मनी ली, जब वो वर्ल्ड की सबसे मजबूत टीम मानी जाती थी। ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ लक्ष्मण का बल्ला हमेशा से ही बोलता रहा है। उन्होंने अपने इंटरनेशनल करियर में 11,125 रन बनाए हैं, जिसमें से 3,173 रन तो सिर्फ ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ ही रहे हैं। वीवीएस लक्ष्मण, सचिन तेंदुलकर के बाद टीम इंडिया के ऐसे दूसरे खिलाड़ी हैं, जिन्होंने ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ 2000 से ज्यादा रन बनाए हैं। Image result for vvs laxman against australia

वीवीएस लक्ष्मण ने टीम इंडिया की तरफ से 134 टेस्ट और 86 वनडे मैच खेले हैं, लेकिन इसके बाद भी वो एक भी वर्ल्ड कप में नहीं खेल पाएं हैं। लक्ष्मण का करियर बेहद उतार-चढ़ाव भरा रहा है और टीम में भी उनकी कभी परमानेंट जगह नहीं बन पाई। लक्ष्मण ने टेस्ट मैच में 45.5 के एवरेज से 8,781 रन और वनडे में 30.76 के एवरेज से 2,338 रन बनाए हैं। इतना ही नहीं, लक्ष्मण के नाम टेस्ट क्रिकेट में 17, तो वनडे में 6 सेंचुरी हैं। VVS Laxman (File, Getty)

2003 में ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ एडिलेड टेस्ट में 148 रनों की बेशकीमती पारी खेलकर भारत को जीत दिलाई थी. एक बार फिर द्रविड़ के साथ साझेदारी से कंगारुओं को उनके घर में मात मिली. उस दौरान द्रविड़ (233 रन) के साथ लक्ष्मण ने 303 रन जोड़े थे. 2008 में दिल्ली टेस्ट के दौरान लक्ष्मण ने नाबाद दोहरा शतक जमाया. इसके साथ ही वे ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ 2000 से ज्यादा रन (2434) बनाने वाले सचिन तेंदुलकर (3630) के बाद दूसरे भारतीय क्रिकेटर बन गए. राहुल द्रविड़ ने ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ 2143 रन बनाए थे. 

2010 में मोहाली टेस्ट में ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ खेली गई एक पारी में उन्होंने फिर से साबित कर दिया, आखिर वे ‘वेरी वेरी स्पेशल’ क्यों हैं. तब ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ एक विकेट से रोमांचक जीत में लक्ष्मण ने नाबाद 73 रन बनाए, वो भी उस समय जब उनकी पीठ में भयानक दर्द था. इस टेस्ट में चौथी पारी में भारत को जीत के लिए 216 रन बनाने थे. 8 विकेट 124 रनों पर गिर गए थे,  लेकिन लक्ष्मण ने एक छोर थामे रखा. इस दौरान उन्हें ईशांत शर्मा और प्रज्ञान ओझा का बेहतर साथ मिला और भारत ने एक विकेट से ‘अविश्वसनीय जीत’ हासिल की.