Raigarh News : गौठान में स्व-सहायता समूह की महिलाएं सामाजिक एवं आर्थिक रूप से सशक्त होने की दिशा में अग्रसर है। गोधन न्याय योजना (Gouthan Nyay Yojna) से उन्हें जहां वर्मी कम्पोस्ट तैयार करने में रोजगार मिला है। वहीं गोबर के विक्रय से अतिरिक्त आमदनी भी हो रही है। इस योजना (Gouthan Nyay Yojna) से मिलने वाली राशि का उपयोग महिलाएं अब अपने बच्चों की स्कूली पढ़ाई-लिखाई के साथ कई छोटी-मोटी जरूरतों को पूरी कर रही है। समूह की महिलाएं घर के पास रोजगार मिलने से काफी खुश है। सही मायने में कहा जाए तो योजना ने उनके जीवन में खुशियों के रंग भर दिए हैं।
जिला मुख्यालय रायगढ़ से 20 किलो मीटर दूर ग्राम चपले में आदर्श गोठान (Gouthan Nyay Yojna) बनाया गया है। जहां 16 महिला स्व-सहायता समूह आर्थिक गतिविधियों से जुड़ी है। महिलाएं यहां रेशम धागा, सेनेटरी पैड, पशुपालन के अलावा कोसा रिलिंग कार्य, गेंदा फूल उत्पादन, अगरबत्ती, फिनाईल, साबून, सर्फ पावडर, दोना-पत्तल निर्माण, फाईल फोल्डर का निर्माण कर रही है। यहां वर्ष 2020 से मई 2023 तक कुल 4683.71 क्विंटल गोबर खरीदी हुई है। जहां जय मां दुर्गा स्व-सहायता समूह द्वारा अब तक 1406 क्विंटल वर्मी कम्पोस्ट उत्पादन किया गया एवं लगभग 4 लाख 20 हजार रुपये आय अर्जित की गई है।
आदर्श गोठान चपले में दो महिला स्व-सहायता समूह रेशम धागा निर्माण से जुड़ी और उन्हें प्रतिमाह 1832 रूपये की आमदनी मिल रही है। उजाला ग्राम संगठन में कार्यरत महिला समूह द्वारा सेनेटरी पेड निर्माण का कार्य किया जा रहा है, जहां 7 महिला सदस्यों द्वारा अब तक 75 हजार रुपये लाभ अर्जित की है। शाकम्भरी स्व-सहायता समूह द्वारा मुर्गीपालन कार्य और लक्ष्मी स्व-सहायता समूह बकरी पालन कर रही है। वहीं सरस्वती महिला स्व-सहायता समूह गाय पालन कर रही है। इसी तरह कस्तूरी महिला स्व-सहायता समूह मछली पालन कर रही है, जिससे उन्हें प्रतिमाह अच्छी आमदनी मिल रही है।