Farmer Income Growth : प्रधानमंत्री धन-धान्य कृषि योजना से बदली किसानों की तकदीर, कम लागत में बढ़ी पैदावार और आय

प्रधानमंत्री धन-धान्य कृषि योजना से कम लागत में बढ़ा उत्पादन, जशपुर के किसानों की आय में दिखा स्पष्ट सुधार

By admin
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Farmer Income Growth
Highlights
  • योजना के तहत 11 मंत्रालयों की 36 योजनाओं का समन्वित क्रियान्वयन
  • जशपुर जिले में किसानों को उन्नत बीज, सौर सिंचाई और आधुनिक तकनीक का लाभ
  • प्री-बीज ग्रेड मक्का की खेती से 0.400 हेक्टेयर में 10 क्विंटल उत्पादन
  • कृषि मशीनीकरण, जैविक खेती और भंडारण सुविधा को मिल रहा बढ़ावा
  • महिलाओं और युवाओं को कृषि आधारित रोजगार से जोड़ने पर विशेष जोर
  • मात्र 08 किलो बीज से करीब 15 हजार रुपये की आय

Agriculture Scheme India : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Farmer Income Growth)  के नेतृत्व में वर्ष 2025-26 से प्रारंभ की गई प्रधानमंत्री धन-धान्य कृषि योजना (PMDDKY) खेती-किसानी से जुड़े जिलों में किसानों की आर्थिक स्थिति बदलने में अहम भूमिका निभा रही है। इस महत्वाकांक्षी योजना का उद्देश्य देश के 100 कम प्रदर्शन वाले कृषि जिलों में लगभग 1.7 करोड़ किसानों की आय और कृषि उत्पादकता में वृद्धि करना है। इसके लिए 11 केंद्रीय मंत्रालयों की 36 योजनाओं का समन्वय कर सिंचाई, भंडारण, आसान ऋण, फसल विविधीकरण और आधुनिक तकनीक पर विशेष ध्यान दिया जा रहा है, ताकि किसानों को आत्मनिर्भर बनाया जा सके।

किसानों के लिए अत्यंत लाभकारी 

छत्तीसगढ़ के कृषि प्रधान जिला जशपुर में यह योजना किसानों (Farmer Income Growth)  के लिए अत्यंत लाभकारी सिद्ध हो रही है। मुख्यमंत्री विष्णु देव साय की कृषि-उन्मुख नीतियों और योजनाओं के प्रभावी क्रियान्वयन के चलते किसानों को आधुनिक तकनीक, उन्नत बीज, सिंचाई सहायता और कृषि विभाग के निरंतर मार्गदर्शन का व्यापक लाभ मिल रहा है। इसका परिणाम यह है कि किसान अब कम लागत में अधिक उत्पादन हासिल कर रहे हैं।

Farmer Income Growth उत्पादकता में हुआ सुधार 

जिले के बगीचा विकासखंड के किसान सुधीर लकड़ा (उरांव) प्रधानमंत्री धन-धान्य कृषि योजना (Farmer Income Growth)  के प्रत्यक्ष लाभार्थी के रूप में सामने आए हैं। उनके पास कुल 3.400 हेक्टेयर कृषि भूमि है, जिसमें उन्हें शासन की विभिन्न योजनाओं का लाभ मिला है। आत्मा योजना के अंतर्गत ग्रीष्मकालीन मक्का कार्यक्रम, डीएमएफ मद से ट्रैक्टर और कृषि यंत्रों की सुविधा तथा सौर सुजला योजना के तहत सोलर सिंचाई सुविधा मिलने से उनकी खेती अधिक सुगम और किफायती बनी है।

किसान की आय में हुई बढ़ोत्तरी 

 

कृषि विभाग के तकनीकी सहयोग से सुधीर लकड़ा ने आधुनिक खेती (Farmer Income Growth)  पद्धतियों को अपनाया, जिससे उनकी उत्पादकता में उल्लेखनीय सुधार हुआ। प्रधानमंत्री धन-धान्य कृषि योजना के तहत स्थानीय कृषि विस्तार अधिकारी की सलाह पर उन्होंने धान के स्थान पर प्री-बीज ग्रेड मक्का की खेती की। विभाग द्वारा निःशुल्क उपलब्ध कराए गए 08 किलोग्राम मक्का बीज से उन्होंने 0.400 हेक्टेयर क्षेत्र में फसल लगाई।

समुचित देखरेख, संतुलित उर्वरक उपयोग, रोग नियंत्रण और तकनीकी मार्गदर्शन के परिणामस्वरूप उन्हें लगभग 10 क्विंटल मक्का उत्पादन प्राप्त हुआ, जिससे उनकी कुल आय करीब 15 हजार रुपये तक पहुँची। इससे न केवल उनकी आमदनी बढ़ी, बल्कि खेती के प्रति उनका आत्मविश्वास भी मजबूत हुआ।

प्रधानमंत्री धन-धान्य कृषि योजना के माध्यम से क्षेत्र में फसल उत्पादन में वृद्धि, सिंचाई सुविधाओं का विस्तार, भंडारण क्षमता का विकास और कृषि में आधुनिक तकनीक के उपयोग को लगातार बढ़ावा मिल रहा है। यह योजना अनाज, दलहन और तिलहन में आत्मनिर्भरता को सुदृढ़ करने के साथ-साथ मशीनीकरण, जैविक खेती और किसानों की आय बढ़ाने की दिशा में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभा रही है।

किसान सुधीर लकड़ा बताते हैं कि इस योजना (Farmer Income Growth)  ने उनकी खेती का स्वरूप ही बदल दिया है। विभाग से मिले प्रशिक्षण, उन्नत बीज और समय पर मिली सलाह से उनकी फसल की गुणवत्ता में सुधार हुआ है। उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा शुरू की गई इस किसान-हितैषी योजना और मुख्यमंत्री विष्णु देव साय के नेतृत्व में कृषि क्षेत्र को मिल रहे निरंतर समर्थन के लिए आभार जताया।

फसल की गुणवत्ता सुधारने में मदद 

प्रधानमंत्री धन-धान्य कृषि योजना (Farmer Income Growth) का उद्देश्य वर्ष 2030 तक किसानों की आय दोगुनी करना है। इसके तहत गुणवत्तापूर्ण बीज और तकनीक से उत्पादन में 20 से 30 प्रतिशत तक वृद्धि, ड्रिप और स्प्रिंकलर सिंचाई से मानसून पर निर्भरता में कमी, कटाई के बाद होने वाले नुकसान को 5 प्रतिशत तक घटाने के लिए भंडारण अवसंरचना का विकास, जैविक खेती और कृषि मशीनीकरण को प्रोत्साहन दिया जा रहा है। साथ ही महिलाओं और युवाओं को डेयरी, मत्स्य पालन और मुर्गी पालन जैसी गतिविधियों से जोड़कर कृषि आधारित रोजगार के अवसर भी सृजित किए जा रहे हैं।

 

 

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