One Country One Election Committee : केंद्र की मोदी सरकार ने ‘वन नेशन, वन इलेक्शन’ यानी एक देश-एक चुनाव (Ek Desh Ek Chunav) की दिशा में एक और कदम आगे बढ़ा दिया है. लॉ मिनिस्ट्री ने पूर्व राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद की अध्यक्षता में कमेटी गठित कर दी है. इसके साथ ही कमेटी के सदस्यों के नामों की घोषणा भी कर दी है. कमेटी में कुल 8 लोग शामिल होंगे. इसमें अमित शाह, अधीर रंजन चौधरी, गुलाम नबी आज़ाद, एनके सिंह, सुभाष कश्यप, हरीश साल्वे और संजय कोठारी अन्य सदस्य होंगे.
‘एक राष्ट्र, एक चुनाव’ (Ek Desh Ek Chunav) पर केंद्रीय संसदीय कार्य मंत्री प्रह्लाद जोशी ने कहा, ‘अभी एक समिति का गठन किया गया है. समिति की एक रिपोर्ट आएगी जिस पर चर्चा होगी. संसद परिपक्व है और वहां चर्चा होगी. घबराने की जरूरत नहीं है…भारत को लोकतंत्र की जननी कहा जाता है, यहां विकास हुआ है…मैं संसद के विशेष सत्र के एजेंडे पर चर्चा करूंगा.’
नाम | पद |
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रामनाथ कोविंद (पूर्व राष्ट्रपति) | चेयरमैन |
अमित शाह (गृहमंत्री) | सदस्य |
अधीर रंजन चौधरी (लोकसभा में विपक्ष के नेता) | सदस्य |
गुलाम नबी आजाद (पूर्व नेता प्रतिपक्ष, राज्यसभा) | सदस्य |
एनके सिंह (15वें फाइनेंस कमीशन के पूर्व चेयरमैन) | सदस्य |
सुभाष कश्यप (पूर्व महासचिव, लोकसभा) | सदस्य |
हरीश साल्वे (सीनियर एडवोकेट) | सदस्य |
संजय कोठारी (पूर्व मुख्य सतर्कता आयुक्त) | सदस्य |
बता दें कि 1951-1952 लोकसभा चुनाव में 11 करोड़ रुपये खर्च हुए थे जबकि 2019 लोकसभा चुनाव में 60 हजार करोड़ रुपये की भारी भरकम धनराशि खर्च हुई थी. पीएम मोदी कह चुके हैं कि इससे देश के संसाधन बचेंगे और विकास की गति धीमी नहीं पड़ेगी.
‘एक देश- एक चुनाव’ (Ek Desh Ek Chunav) के समर्थन के पीछे एक तर्क ये भी है कि भारत जैसे विशाल देश में हर साल कहीं न कहीं चुनाव होते रहते हैं. इन चुनावों के आयोजन में पूरी की पूरी स्टेट मशीनरी और संसाधनों का इस्तेमाल किया जाता है. लेकिन यह बिल लागू होने से चुनावों की बार-बार की तैयारी से छुटकारा मिल जाएगा. पूरे देश में चुनावों के लिए एक ही वोटर लिस्ट होगी, जिससे सरकार के विकास कार्यों में रुकावट नहीं आएगी.