बिजनेस डेस्क। नेशनल पेमेंट्स काउंसिल ऑफ इंडिया ने हाल ही में एक सर्कुलर जारी किया है, जिसके मुताबिक ऑनलाइन वॉलेट जैसे प्रीपेड पेमेंट इंस्ट्रूमेंट्स के माध्यम से 2,000 रुपये से अधिक के पेमेंट करने पर 1.1 प्रतिशत तक इंटरचेंज शुल्क देना पड़ सकता है. 24 मार्च को जारी सर्कुलर के अनुसार, यह परिवर्तन 1 अप्रैल, 2023 से प्रभावी होगा. हालांकि इस बदलाव पर आरबीआई की भी नजर है और 30 सितंबर, 2023 तक इसकी समीक्षा की जाएगी. वॉलेट इंटरऑपरेबिलिटी को लेकर एनपीसीआई के नए दिशानिर्देश से वॉलेट के इस्तेमाल पर इंटरचेंज शुल्क लगाने का प्रावधान है, जिसका भुगतान पेटीएम, फोन पे और गूगल पे जैसे वॉलेट जारी करने वालों को किया जाएगा. इनमें यूपीआई-वॉलेट-लोडिंग के लिए शुल्क भी शामिल हैं, जिनका भुगतान वॉलेट जारीकर्ता द्वारा प्रेषक बैंकों या उन बैंक खातों को किया जाएगा, जिनसे राशि डेबिट की जा रही है.
कस्टमर पर नहीं पड़ेगा कोई असर : लेकिन सवाल यह है कि यह चार्ज कौन देगा? दरअसल हर किसी के दिमाग में एक ही सवाल है कि क्या ये एक्स्ट्रा पेमेंट अपको अपनी जेब से देना होगा. तो इसका जवाब है नहीं! एनपीसीआई के सर्कुलर के मुताबिक, 1.1 फीसदी के इंटरचेंज शुल्क का ग्राहकों की जेब पर कोई असर नहीं पड़ेगा और उनके लिए यूपीआई लेनदेन पूरी तरह मुफ्त रहेगा. 1 अप्रैल से वॉलेट या कार्ड जैसे प्रीपेड इंस्ट्रूमेंट्स के जरिए व्यापारियों को किए गए UPI पेमेंट पर 1.1% की इंटरचेंज फीस लगेगी.
डायरेक्ट बैंक अकाउंट ट्रांसफर पर नहीं देनी होगी फीस : NCPI ने कहा है कि अगर आप सीधे अपने बैंक एकाउंट से लिंक कर किसी UPI एप से भुगतान करते हैं तो कोई चार्ज नहीं लगेगा. हमारे देश में 99.9% भुगतान UPI के माध्यम से इसी तरीके से होते हैं. एनपीसीआई ने अपने सर्कुलर में साफ किया है कि बैंक खाते और पीपीआई के बीच पीयर-2-पीयर (पी2पी) और पीयर-2-मर्चेंट (पी2एम) लेनदेन के लिए इंटरचेंज शुल्क की आवश्यकता नहीं होगी. एनपीसीआई ने कहा, “सभी ऑनलाइन व्यापारियों, बड़े व्यापारियों और छोटे व्यापारियों को किए गए भुगतान पर लेनदेन मूल्य/राशि के 1.1 प्रतिशत तक की दर से इंटरचेंज शुल्क लागू होगा.” मतलब- अगर अगर अपने किसी व्यक्ति को, किसी दुकानदार को गूगल पे, फोन पे या पेटीएम से डायरेक्ट बैंक अकाउंट से पेमेंट करने पर कोई फीस नहीं देनी होगी.
किसको देना होगा ये शुल्क : नेशनल पेमेंट कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया यानि NPCI ने एक बयान जारी कर साफ किया है कि केवल PPI merchant transactions पर ही चार्ज लगेगा. यह चार्ज 0.5 फीसदी से शुरू होकर 1.1 फीसदी तक हो सकता है. PPI merchant transactions का मतलब जानने के लिए आपको सबसे पहले PPI का मतलब जानना होगा. पीपीआई मतलब किसी भी अकाउंट का वॉलेट या गिफ्ट कार्ड. अब पीपीआई मर्चेंट ट्रांजैक्शन का मतलब है कि अगर एक मर्चेंट के अकाउंट के वॉलेट में पैसे हैं, और वो उसे ट्रांसफर करना चाहता है, तो इस ट्रांजैक्शन पर उसे चार्ज देना होगा. बता दें कि नेशनल पेमेंट कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया ने अलग-अलग सेक्टर के लिए अलग-अलग इंटरचेंज फीस तय की है. एग्रीकल्चर और टेलीकॉम सेक्टर के लिए सरचार्ज की दर कम रहने का अनुमान है. ऐसे में अगर मर्चेंट्स पर बोझ पड़ा तो, उससे आम जनता को दिक्कत हो सकती है, वरना आपको सीधे कोई चार्ज नहीं देना होगा.